अंजान औरत और उसकी सहेली को घोड़ी बनाकर सेक्स कहानी
मैंने एक औरत की मदद की उनका सामान उनके घर पहुंचाने में। उन्होंने मुझे अंदर बुला लिया। उनका नाम
प्रिया चाची है। उनके घर में जाकर मैंने प्रिया चाची की चूत ठुकाई की। ये सब कैसे हुआ? उनकी सहेली कैसे आयी?
दोस्तो, मेरा नाम रियान है, मैं राजस्थान के अलवर जिले से हूँ। मेरी उम्र 21 वर्ष है, मेरे लंड का साइज़ साढ़े सात इंच है।
आज मैं यहां अपने जीवन की एक सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ। ये कहानी मेरी और दो अनजान आंटियों के बीच हुई ठुकाई की कहानी है, जिनसे में अचानक से ही मिला था।
ये बात गर्मियों के दिनों की है, मेरे कॉलेज की छुट्टियां चल रही थीं, तो मैं बिल्कुल फ्री था।
मैं एक दिन में रेलवे स्टेशन गया था, मेरा कोई पार्सल आया हुआ था। मैं उसे लेने के लिए जब उधर गया, तो मुझे पता चला कि मेरा पार्सल अभी तक आया नहीं है। मैं वापस अपने घर की तरफ जाने लगा। मेरा घर स्टेशन से थोड़ा दूर है, तो मैं टेम्पो का इंतज़ार कर रहा था।
अचानक से मैंने देखा तो एक चाची सामने से आ रही थीं। उनके पास दो पार्सल थे। मैंने उन्हें देखा, तो सोचा कि उनकी मदद कर दूं। और उनका नाम पूछा और एक पार्सल को माग लिया और उनकी मदद किया,प्रिया चाची के हाथ में एक पार्सल तो छोटा सा ही था। मगर दूसरा पार्सल कुछ ज्यादा बड़ा था। मुझे समझ आ गया कि उसमें शायद कोई बड़ा आइटम है।
मैं प्रिया चाची के पास गया और उनसे कहा- हैलो प्रिया चाची … क्या मैं आपकी कोई हेल्प कर दूं?
प्रिया चाची ने मेरी तरफ देखा और कहा- हां शायद मैं इन दोनों को एक साथ नहीं ले जा सकती हूँ … ये बहुत भारी हैं।
मैंने कहा- कोई बात नहीं प्रिया चाची … मैं आपकी मदद कर देता हूँ। चलिए कहां चलना है?
प्रिया चाची ने कहा- उधर पार्किंग में मेरी कार खड़ी है। उधर तक ले चलो प्लीज़।
मैंने वो बड़ा वाला पार्सल उठाया और प्रिया चाची के साथ चलने लगा। प्रिया चाची ने साड़ी पहन रखी थी। प्रिया चाची की उम्र करीब 34 साल की थी, वो देखने में बहुत ही खूबसूरत थीं। उनका बदन पूरा भरा हुआ था।
प्रिया चाची ने चलते हुए मुझसे पूछा- तुम्हारा नाम क्या है?
मैंने कहा- मेरा नाम रियान है।
वो बोलीं- क्या करते हो?
मैंने कहा- मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ।
वो मुझे देखते हुए बोलीं- अच्छा।
फिर मैंने उनसे पूछा- प्रिया चाची आप कहां रहती हैं?
तो प्रिया चाची बोलीं- मैं एमजी कॉलोनी में रहती हूँ।
मैंने कहा- अच्छा … आप क्या करती हैं?
वो बोलीं- मेरा खुद का बिज़नेस है … मैं वो करती हूँ।
मैंने पूछा- कैसा बिज़नेस प्रिया चाची ?
वो बोलीं कि मैं सिलाई करती हूँ और ऑनलाइन अपने प्रोडक्ट्स की सेल करती हूँ।
मैं उनकी मेहनत की मन ही मन तारीफ़ करने लगा।
ऐसे ही बात करते करते हम पार्किंग में आ गए। वहां प्रिया चाची की कार खड़ी थी।
मैंने उनकी कार में वो सामान रखा और उनसे कहा- अच्छा प्रिया चाची अब मैं चलता हूँ।
तो प्रिया चाची बोलीं- अरे बेटा … तुम मेरे साथ ही चलो न … तुम्हारा घर किस तरफ है?
मैंने उन्हें मेरे घर का पता बताया।
वो बोलीं- हां मैं उसी तरफ से तो जा रही हूँ … चलो बैठो … मैं तुम्हें छोड़ दूंगी।
मैंने कहा- ठीक है प्रिया चाची ।
फिर इस तरह मैं प्रिया चाची की कार में बैठकर अपने घर तरफ जाने लगा। मैंने प्रिया चाची से पूछा- प्रिया चाची आपके घर में और कौन कौन है?
प्रिया चाची बोलीं- मैं अपने घर में अकेली ही रहती हूँ।
मैंने कहा- क्यों … आपके पति कहां हैं?
वो बोलीं- मेरा डाइवोर्स हो चुका है।
मैंने कहा- सॉरी प्रिया चाची … मुझे नहीं पता था।
प्रिया चाची बोलीं- कोई बात नहीं, इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है।
अब जैसे ही प्रिया चाची ने बोला कि उनका डाइवोर्स हो चुका है, तो मेरे मन में उनका मस्त बदन घूमने लगा। मुझे लगा कि क्यों न आज इस प्रिया चाची को चोदा जाए। किसी तरह से आज ये प्रिया चाची एक रात के लिए मिल जाए, तो मज़ा आ जाए।
तभी अचानक से मेरे दिमाग में एक आईडिया आया।
मैंने प्रिया चाची से कहा- प्रिया चाची यहां तो मैंने ये पार्सल रखवा दिए हैं। लेकिन आपके घर पर तो आप अकेले ही हो … तो आप इन्हें कार से निकाल कर अन्दर कैसे रखोगी?
मेरी ये बात सुनकर प्रिया चाची बोलीं- हां ये तो है … क्या तुम मेरे साथ मेरे घर तक चल चलोगे? मैं तुम्हें वापस छोड़ने आ जाऊँगी। तुम्हें बस थोड़ी तकलीफ और होगी।
मुझे क्या था, मैं तो खुद यही चाहता था। मैंने बिना रुके प्रिया चाची से कहा- क्यों नहीं प्रिया चाची … आप चलिए मैं ये पार्सल आपके घर में रखवा दूंगा।
फिर वो प्रिया चाची सीधा मुझे अपने घर ले गईं। मैंने देखा कि उन प्रिया चाची का घर तो बहुत बड़ा था।
मैंने तारीफ़ करते हुए कहा- प्रिया चाची , आपका घर तो बहुत ही बड़ा और अच्छा है।
प्रिया चाची बोलीं- थैंक्यू … अब अन्दर चलो।
मैंने कहा- जी प्रिया चाची , चलिए।
फिर मैंने कार से वो पार्सल निकाले और प्रिया चाची के साथ अन्दर उनके घर में आ गया। उस वक्त घर में सिर्फ मैं और वो ही थे। मेरे दिल में तो लड्डू फूटने लगे थे। बस प्रिया चाची के राजी होने की देर थी।
फिर प्रिया चाची ने मुझे पार्सल को एक जगह रखने को कहा- अयाज, आओ यहां सोफे आ जाओ।
उन्होंने मुझे सोफे पर बैठने को कहा, तो मैं सोफे पर जाकर बैठ गया।
फिर वो प्रिया चाची अन्दर गईं और पानी लेकर आईं। प्रिया चाची ने मुझे पानी दिया और वो भी वहीं बैठ गईं।
मैंने पानी पिया और उनसे पूछा- प्रिया चाची आपने इन पार्सलों में ऐसा क्या मंगवाया है, ये इतना भारी क्यों है?
प्रिया चाची एक मिनट के लिए चुप हो गईं और मेरी तरफ देखकर कुछ सोचने लगीं।
मैंने फिर कहा- प्रिया चाची ऐसा क्या है इन पार्सलों में, जो आप इतना सोच रही हो?
प्रिया चाची ने बड़े वाले पार्सल की तरफ इशारा करते हुए कहा- इसमें मैंने इसमें टोस्टर मंगवाए हैं। इसमें दो टोस्टर हैं। एक मैंने मेरी फ्रेंड के लिए मंगवाया है। बस वो अभी लेने आएगी।
मैंने कहा- अच्छा और वो दूसरे वाले पार्सल में क्या है?
प्रिया चाची ने कहा- उसमें तो मैंने कुछ किताबें मंगवाई हैं … वो हैं।
मैंने ओके में सर हिला दिया।
फिर प्रिया चाची अन्दर चली गई थीं, तो मैंने प्रिया चाची को आवाज़ देकर पूछा- प्रिया चाची , क्या मैं ये पार्सल खोल कर टोस्टर देख लूं, कैसे हैं?
प्रिया चाची ने कहा- हां देख लो।
मैंने टोस्टर वाले पार्सल को खोलने की कोशिश की, लेकिन वो पार्सल नहीं खुला। क्योंकि उस पर मोटी टेप लगी हुई थी। बिना कैंची के खुलना सम्भव नहीं था।
फिर मैंने सोचा कि तब तक ये किताबें ही देख लूं … काहे की किताबें हैं। मैं उस दूसरे पार्सल को खोलने लगा। फिर जैसे ही मैंने वो पार्सल खोला और ऊपर वाली किताब का नाम देखा। उसका नाम देखकर मेरे होश उड़ गए। उस बुक पर ठुकाई की कहानियां लिखा था। मैंने जैसे ही ये नाम पढ़ा, मुझे सब समझ आ गया कि प्रिया चाची पूरी तरह से ठुकाई की भूखी हैं। अब मुझे ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं थी।
दोस्तो, मेरा नाम रियान है, मैं राजस्थान के अलवर जिले से हूँ। मेरी उम्र 21 वर्ष है, मेरे लंड का साइज़ साढ़े सात इंच है।
आज मैं यहां अपने जीवन की एक सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ। ये कहानी मेरी और दो अनजान आंटियों के बीच हुई ठुकाई की कहानी है, जिनसे में अचानक से ही मिला था।
ये बात गर्मियों के दिनों की है, मेरे कॉलेज की छुट्टियां चल रही थीं, तो मैं बिल्कुल फ्री था।
मैं एक दिन में रेलवे स्टेशन गया था, मेरा कोई पार्सल आया हुआ था। मैं उसे लेने के लिए जब उधर गया, तो मुझे पता चला कि मेरा पार्सल अभी तक आया नहीं है। मैं वापस अपने घर की तरफ जाने लगा। मेरा घर स्टेशन से थोड़ा दूर है, तो मैं टेम्पो का इंतज़ार कर रहा था।
अचानक से मैंने देखा तो एक चाची सामने से आ रही थीं। उनके पास दो पार्सल थे। मैंने उन्हें देखा, तो सोचा कि उनकी मदद कर दूं। और उनका नाम पूछा और एक पार्सल को माग लिया और उनकी मदद किया,प्रिया चाची के हाथ में एक पार्सल तो छोटा सा ही था। मगर दूसरा पार्सल कुछ ज्यादा बड़ा था। मुझे समझ आ गया कि उसमें शायद कोई बड़ा आइटम है।
मैं प्रिया चाची के पास गया और उनसे कहा- हैलो प्रिया चाची … क्या मैं आपकी कोई हेल्प कर दूं?
प्रिया चाची ने मेरी तरफ देखा और कहा- हां शायद मैं इन दोनों को एक साथ नहीं ले जा सकती हूँ … ये बहुत भारी हैं।
मैंने कहा- कोई बात नहीं प्रिया चाची … मैं आपकी मदद कर देता हूँ। चलिए कहां चलना है?
प्रिया चाची ने कहा- उधर पार्किंग में मेरी कार खड़ी है। उधर तक ले चलो प्लीज़।
मैंने वो बड़ा वाला पार्सल उठाया और प्रिया चाची के साथ चलने लगा। प्रिया चाची ने साड़ी पहन रखी थी। प्रिया चाची की उम्र करीब 34 साल की थी, वो देखने में बहुत ही खूबसूरत थीं। उनका बदन पूरा भरा हुआ था।
प्रिया चाची ने चलते हुए मुझसे पूछा- तुम्हारा नाम क्या है?
मैंने कहा- मेरा नाम रियान है।
वो बोलीं- क्या करते हो?
मैंने कहा- मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ।
वो मुझे देखते हुए बोलीं- अच्छा।
फिर मैंने उनसे पूछा- प्रिया चाची आप कहां रहती हैं?
तो प्रिया चाची बोलीं- मैं एमजी कॉलोनी में रहती हूँ।
मैंने कहा- अच्छा … आप क्या करती हैं?
वो बोलीं- मेरा खुद का बिज़नेस है … मैं वो करती हूँ।
मैंने पूछा- कैसा बिज़नेस प्रिया चाची ?
वो बोलीं कि मैं सिलाई करती हूँ और ऑनलाइन अपने प्रोडक्ट्स की सेल करती हूँ।
मैं उनकी मेहनत की मन ही मन तारीफ़ करने लगा।
ऐसे ही बात करते करते हम पार्किंग में आ गए। वहां प्रिया चाची की कार खड़ी थी।
मैंने उनकी कार में वो सामान रखा और उनसे कहा- अच्छा प्रिया चाची अब मैं चलता हूँ।
तो प्रिया चाची बोलीं- अरे बेटा … तुम मेरे साथ ही चलो न … तुम्हारा घर किस तरफ है?
मैंने उन्हें मेरे घर का पता बताया।
वो बोलीं- हां मैं उसी तरफ से तो जा रही हूँ … चलो बैठो … मैं तुम्हें छोड़ दूंगी।
मैंने कहा- ठीक है प्रिया चाची ।
फिर इस तरह मैं प्रिया चाची की कार में बैठकर अपने घर तरफ जाने लगा। मैंने प्रिया चाची से पूछा- प्रिया चाची आपके घर में और कौन कौन है?
प्रिया चाची बोलीं- मैं अपने घर में अकेली ही रहती हूँ।
मैंने कहा- क्यों … आपके पति कहां हैं?
वो बोलीं- मेरा डाइवोर्स हो चुका है।
मैंने कहा- सॉरी प्रिया चाची … मुझे नहीं पता था।
प्रिया चाची बोलीं- कोई बात नहीं, इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है।
अब जैसे ही प्रिया चाची ने बोला कि उनका डाइवोर्स हो चुका है, तो मेरे मन में उनका मस्त बदन घूमने लगा। मुझे लगा कि क्यों न आज इस प्रिया चाची को चोदा जाए। किसी तरह से आज ये प्रिया चाची एक रात के लिए मिल जाए, तो मज़ा आ जाए।
तभी अचानक से मेरे दिमाग में एक आईडिया आया।
मैंने प्रिया चाची से कहा- प्रिया चाची यहां तो मैंने ये पार्सल रखवा दिए हैं। लेकिन आपके घर पर तो आप अकेले ही हो … तो आप इन्हें कार से निकाल कर अन्दर कैसे रखोगी?
मेरी ये बात सुनकर प्रिया चाची बोलीं- हां ये तो है … क्या तुम मेरे साथ मेरे घर तक चल चलोगे? मैं तुम्हें वापस छोड़ने आ जाऊँगी। तुम्हें बस थोड़ी तकलीफ और होगी।
मुझे क्या था, मैं तो खुद यही चाहता था। मैंने बिना रुके प्रिया चाची से कहा- क्यों नहीं प्रिया चाची … आप चलिए मैं ये पार्सल आपके घर में रखवा दूंगा।
फिर वो प्रिया चाची सीधा मुझे अपने घर ले गईं। मैंने देखा कि उन प्रिया चाची का घर तो बहुत बड़ा था।
मैंने तारीफ़ करते हुए कहा- प्रिया चाची , आपका घर तो बहुत ही बड़ा और अच्छा है।
प्रिया चाची बोलीं- थैंक्यू … अब अन्दर चलो।
मैंने कहा- जी प्रिया चाची , चलिए।
फिर मैंने कार से वो पार्सल निकाले और प्रिया चाची के साथ अन्दर उनके घर में आ गया। उस वक्त घर में सिर्फ मैं और वो ही थे। मेरे दिल में तो लड्डू फूटने लगे थे। बस प्रिया चाची के राजी होने की देर थी।
फिर प्रिया चाची ने मुझे पार्सल को एक जगह रखने को कहा- अयाज, आओ यहां सोफे आ जाओ।
उन्होंने मुझे सोफे पर बैठने को कहा, तो मैं सोफे पर जाकर बैठ गया।
फिर वो प्रिया चाची अन्दर गईं और पानी लेकर आईं। प्रिया चाची ने मुझे पानी दिया और वो भी वहीं बैठ गईं।
मैंने पानी पिया और उनसे पूछा- प्रिया चाची आपने इन पार्सलों में ऐसा क्या मंगवाया है, ये इतना भारी क्यों है?
प्रिया चाची एक मिनट के लिए चुप हो गईं और मेरी तरफ देखकर कुछ सोचने लगीं।
मैंने फिर कहा- प्रिया चाची ऐसा क्या है इन पार्सलों में, जो आप इतना सोच रही हो?
प्रिया चाची ने बड़े वाले पार्सल की तरफ इशारा करते हुए कहा- इसमें मैंने इसमें टोस्टर मंगवाए हैं। इसमें दो टोस्टर हैं। एक मैंने मेरी फ्रेंड के लिए मंगवाया है। बस वो अभी लेने आएगी।
मैंने कहा- अच्छा और वो दूसरे वाले पार्सल में क्या है?
प्रिया चाची ने कहा- उसमें तो मैंने कुछ किताबें मंगवाई हैं … वो हैं।
मैंने ओके में सर हिला दिया।
फिर प्रिया चाची अन्दर चली गई थीं, तो मैंने प्रिया चाची को आवाज़ देकर पूछा- प्रिया चाची , क्या मैं ये पार्सल खोल कर टोस्टर देख लूं, कैसे हैं?
प्रिया चाची ने कहा- हां देख लो।
मैंने टोस्टर वाले पार्सल को खोलने की कोशिश की, लेकिन वो पार्सल नहीं खुला। क्योंकि उस पर मोटी टेप लगी हुई थी। बिना कैंची के खुलना सम्भव नहीं था।
फिर मैंने सोचा कि तब तक ये किताबें ही देख लूं … काहे की किताबें हैं। मैं उस दूसरे पार्सल को खोलने लगा। फिर जैसे ही मैंने वो पार्सल खोला और ऊपर वाली किताब का नाम देखा। उसका नाम देखकर मेरे होश उड़ गए। उस बुक पर ठुकाई की कहानियां लिखा था। मैंने जैसे ही ये नाम पढ़ा, मुझे सब समझ आ गया कि प्रिया चाची पूरी तरह से ठुकाई की भूखी हैं। अब मुझे ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं थी।
मैंने
वहीं टेबल पर रखे पानी के जग से पानी गिलास में भरा और जानबूझ कर मैंने अपने पजामे पर पानी गिरा दिया।
पानी गिरते ही मैंने अपने मुँह से जोर की आवाज निकाली- ओह शिट।
मेरी आवाज सुनकर अचानक से प्रिया चाची बाहर आईं। उन्होंने देखा कि मेरे पजामे पर पानी गिर गया है।
उन्होंने मुझसे पूछा- अरे ये कैसे
हो गया, तुम्हारा तो पूरा
पजामा गीला हो गया।
मैंने कहा- प्रिया चाची हां पानी गिर