रविवार, 27 अगस्त 2023

भाभी की चूत की सफाई और सेक्स कहानी | भाभी सेक्स कहानी

 भाभी की चूत की सफाई और सेक्स कहानी


मैंने अपनी भाभी  की चूत नंगी देखी तो मेरा मन भाभी  की ठुकाई को करने लगा। मुझे पता था कि भाभी  भईया  की ठुकाई से खुश नहीं हैं। तभी शायद भाभी  ने अपनी चूत मुझे दिखाई थी।



दोस्तो नमस्कार, मेरा नाम समीर चौधरी है। मेरी उम्र 20 साल है और मैं जयपुर का रहने वाला हूं। आज मैं जो कहानी आप लोगों को बताने के लिए जा रहा हूं वो मेरी भाभी की कहानी है। मेरी भाभी का नाम सविता है। उनकी उम्र 35 साल है। उनको देख कर कोई भी यह नहीं कर सकता है कि वो मेरी भाभी है। उनको देख कर उनकी उम्र का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है। इसके दो कारण हैं।

पहला कारण यह कि मेरी भाभी की शादी छोटी उम्र में ही हो गई थी और इस वजह से उनको बच्चा भी जल्दी हो गया। दूसरा कारण यह कि मेरी भाभी ने अपने बदन को काफी मेंटेन करके रखा हुआ है। वो देखने में अपनी उम्र से दस साल कम ही लगती हैं। उनका साइज 32-30-36 है। रंग एकदम दूध के जैसा बिल्कुल सफेद है और घर में साड़ी पहनती हैं लेकिन जब चलती हैं तो उनकी साड़ी में उनकी गांड में फंस जाती है। आप इस बात को समझ ही सकते होंगे की मेरी भाभी की गांड कितनी शेप में होगी।

मेरी भाभी की जवानी की तारीफ मैं ही नहीं कर रहा बल्कि उनको देखने वाला हर आदमी दीवाना हो जाता है। मैंने कई बार देखा था कि घर पर चाहे कोई रिश्तेदार आये या फिर कोई और मर्द आये वो मेरी भाभी को देखता ही रह जाता था। सबकी नजर मेरी भाभी के बदन पर जाकर रुक जाती थी। हर मर्द मेरी भाभी के साथ सोने के सपने देखता था। यहां तक कि मेरे दोस्त भी मेरी भाभी के बदन को घूरते रहते थे।

मुझे पता था कि मेरे भईया मेरी भाभी को सेक्स में संतुष्ट नहीं कर पाते हैं।
सेक्स की प्यास के बारे में कई बार मैंने अपने भाभी और भईया को बातें करते हुए अपने ही कानों से सुना हुआ था। वो बातें करते थे तो भाभी कहती थी कि मुझे अभी भी मजा नहीं आया। रात को अक्सर इस तरह की आवाजें मुझे उनके कमरे से सुनाई दिया करती थीं।

कई बार तो मेरी भाभी की प्यास अधूरी रह जाने के कारण वो चिड़चिड़ी हो जाया करती थी। इस वजह से मैंने भाभी और भईया को कई बार लड़ाई करते हुए भी देखा था।

मगर भाभी किसी को इस बारे में नहीं बताती थी क्योंकि वो घर की बात को घर में रखना चाह रही थी। जब उन दोनों के बीच का झगड़ा बहुत ज्यादा बढ़ जाता था तो मुझसे रहा नहीं जाता था।

एक दिन तो मैंने भाभी से पूछ भी लिया- आपको अगर भईया के साथ खुशी नहीं मिलती है तो मैं कुछ मदद करूं आपकी?
लेकिन उस बात को सुन कर मेरी भाभी को इस बात पर गुस्सा गया कि मैं चुपके उन दोनों के बीच की बातें सुनता रहती हूं। उस दिन भाभी ने मुझे डांट भी दिया था लेकिन बाद में सब कुछ नॉर्मल होता चला गया।

उस दिन के बाद से भाभी मेरे साथ दोस्त की तरह रहने लगी थी। भाभी मुझसे कई बार अपनी ब्रा और पैंटी के सेट को दिखा कर पूछ लेती थी कि कौन सा रंग सही रहेगा और मैं भाभी की मदद भी कर दिया करता था। मगर मैं मन ही मन सोच रहा होता था कि जब वो खुश ही नहीं हो पाती तो यह सब अच्छे सेट पहनने का क्या फायदा है। ऐसे ही दिन गुजर रहे थे।

एक दिन की बात है जब भाभी ने मुझसे अपने साथ मार्केट में चलने के लिए कहा। मैंने उनके साथ जाने के लिए हां कर दी। भाभी को अपने लिये कुछ कपडे़ लेने थे।

हम बाजार में एक गार्मेंट शॉप में चले गये। वहां पर जाकर मेरी भाभी अपने लिये ब्रा और पेंटी का सेट देखने लगी। मुझे तो अंदर जाकर काफी शर्म रही थी लेकिन मैं भाभी के साथ ही रहना चाह रहा था इसलिए मेरे पास कोई चारा नहीं था।

अंदर जाकर देखा तो मैंने पाया कि वो दुकानदार भी मेरी भाभी के चूचों को ही घूर रहा था। वो शक्ल से देखने में भी हरामी लग रहा था।

भाभी ने एक सेट पसंद कर लिया और उसके बाद वो उसको ट्राई करने के लिए अंदर चली गई। मगर फिर अंदर आवाज आई और भाभी मुझे अपने पास बुलाने लगी।

मैंने जाकर देखा तो मेरी भाभी ब्रा और पैंटी पहने हुए खड़ी थी। उनके बदन को देख कर मेरी तो आंखें खुली की खुली रह गईं। उस दिन मैंने अपनी भाभी को पहली बार ऐसी हालत में देखा था। भाभी को देख कर मेरे मुंह में भी एक बार तो पानी सा गया और मेरा लंड भी खड़ा हो गया।

अपने बदन पर ब्रा को एडजस्ट करते हुए भाभी मुझसे पूछ रही थी कि कैसी लग रही है। कलर कैसा लग रहा है। लेकिन मैं तो मुंह फाड़ कर अपनी भाभी को ही देखता जा रहा था। उस दिन जब मैंने अपनी भाभी के दूध से श्वेत बदन को देखा तो मुझे पता चला कि क्यों सारे मर्द मेरी भाभी को इस तरह से हवस भरी नजरों के साथ घूरते रहते हैं। मेरी भाभी की जवानी देख कर मेरा लंड उछलने लगा लेकिन भाभी को अपनी गार्मेंट के ध्यान में मेरे लंड का तनाव दिखाई नहीं दिया।

बहुत देर तक भाभी को देखने के बाद उन्होंने मेरी तंद्रा को तोड़ कर कहते हुए फिर से पूछा- हरामी कहां पर खोया हुआ है। मैं तुझसे पूछ रही हूं कि ये सेट मेरे ऊपर कैसा लग रहा है?
भाभी के दोबारा पुकारने पर मैं होश में आया और मैंने कहा- अच्छा लग रहा है।

मगर उसके बाद जो हुआ उसको देख कर तो मैं पसीना-पसीना हो गया।
भाभी ने कहा- रुक अभी यहीं पर!
यह कह कर मेरी भाभी ने ब्रा और पैंटी को उतारना शुरू कर दिया। देखते ही देखते मेरी भाभी का बदन मेरी आंखों के सामने नंगा हो गया।

मेरी भाभी की चूत देख कर मेरे मुंह में पानी गया लेकिन साथ ही मुझे शर्म भी रही थी इसलिए मैंने मुंह को दूसरी तरफ कर लिया।

फिर जब भाभी ने दूसरा सेट पहना तो कहने लगी- इसको देख कर बता कि ये कैसा लग रहा है?
मैंने देखा तो भाभी की चूत पर आये हुए बाल उनकी पैंटी से बाहर की तरफ झांक रहे थे। मैंने कहा- भाभी, यह कुछ ठीक नहीं लग रहा है। इसमें तो आपके नीचे के बाल भी वैसे के वैसे ही दिखाई दे रहे हैं। बालों के साथ में ये बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा।

फिर मैंने भाभी से कहा कि वह अपनी चूत के बालों की सफाई कर लिया करे।
इस पर भाभी ने पूछ लिया- वो कैसे करते हैं?
मैंने बताया- दो तरीके से हो सकती है। एक तो रेजर से करते हैं और दूसरा एक बाल हटाने के लिए क्रीम भी आती है।

भाभी बोली- मैं अपनी चूत पर रेजर नहीं लगा सकती। मुझे तो बहुत डर लगता है।
फिर मैंने कहा- अगर रेजर से डर लग रहा है तो आप क्रीम से अपने बालों को हटा लिया करो।
भाभी ने पूछा- वो कहां मिलेगी?
मैंने बताया- यहीं पर मार्केट में ही मिल जाती है।

उसके बाद हम दोनों वो सेट ले कर वहां से गये। साथ में उस दिन भाभी ने वो बाल हटाने वाली क्रीम भी ले ली।

हम दोनों घर गये। घर पर उस वक्त मेरे और भाभी के अलावा कोई नहीं था। घर पर आते ही भाभी बाथरूम के अंदर चली गई। मेरे मन में भाभी की चूत देखने के बाद एक कौतूहल सा उठा हुआ था। दुकान में भाभी की चूत देख कर मेरा लंड मुझे चैन से बैठने नहीं दे रहा था।

मैंने बाथरूम की तरफ देखा तो दरवाजा अंदर से बंद किया हुआ था। लेकिन मैं भाभी को फिर से नंगी देखना चाह रहा था। फिर मैं दरवाजे के पास गया तो मुझे वहां पर एक छेद मिल गया। मैंने उस छेद पर आंख जमा दी और अंदर चल रहे नजारे को देखने की कोशिश करने लगा।

मैंने देखा कि अंदर जाने के बाद भाभी ने गाउन को ऊपर करके पैंटी उतार ली थी। उन्होंने गाउन को उठा कर ऊपर किया और अपनी चूत पर क्रीम लगाने लगी। क्रीम लगाने के बाद भाभी एकदम से चिल्लाने लगी। भाभी बोली- स्स्स्मुझे जलन हो रही है। जल्दी कोई कुछ करो।

मैं तो वहीं पास में ही खडा़ हुआ था, मैंने भाभी से कहा- भाभी, आपने दरवाजा बंद किया हुआ है। मैं अंदर आकर आपकी मदद नहीं कर सकता।
मेरे कहने पर भाभी ने दरवाजा खोल दिया।

मेरे मन में पहले से लड्डू फूट रहे थे। मैं झट से अंदर घुस गया। मुझे जो चाहिए था वो मुझे मिल रहा था।
अन्दर जाते ही भाभी कहने लगी- इस क्रीम ने तो मेरी जान ही निकाल दी। मुझे बहुत तेज जलन हो रही है।

मैंने कहा- सब ठीक हो जायेगा। मुझे दिखाओ।
मैंने देखा तो भाभी की चूत लाल हो चुकी थी। मैंने कहा- आपने सही तरीके से क्रीम का प्रयोग नहीं किया। ये क्रीम मुझे दो। मैं आपके बालों की सफाई करने में आपकी मदद कर देता हूं।

यह कह कर मैं भाभी को बाहर ले आया।

बाहर आने के बाद मैं अपनी शेविंग क्रीम ले आया। पहले मैंने भाभी के बालों को कैंची से छोटा किया। भाभी ने जो गाउन पहना था वो गीला हो गया था। मैंने भाभी से गाउन निकालने के लिए कह दिया। पहले तो भाभी ने मना कर दिया लेकिन फिर बाद में भाभी ने गाउन निकाल दिया।

ध्यान से मैंने भाभी की चूत को देखा तो उनकी चूत से गीला सा पदार्थ निकल रहा था। मेरा मन तो कर रहा था कि चूत को अभी चोद दूं। लेकिन मैं रुका रहा।

चूत पर क्रीम लगाने के बाद मैंने कुछ देर इंतजार किया कि ताकि चूत के बाल नर्म हो जायें। उसके बाद मैंने रेजर लिया और धीरे से भाभी की चूत पर रेजर चलाने लगा। हल्के हाथ से मैं बालों को रेजर से हटाता गया और चूत से बाल साफ होते गये।

बीच में मैं भाभी की चूत में उंगली भी कर रहा था। मगर अभी मैं यह नहीं दिखा रहा था कि मैं उनकी चूत को चादने की फिराक में हूं। मैं बस बहाने से भाभी की चूत को उंगलियों से सहला रहा था।
कुछ देर के बाद मेरी भाभी  की चूत बिल्कुल साफ हो गई। मैंने उनकी चूत को एक कपडे़ से पोंछ दिया। मैं जब चूत पर कपड़ा फेर रहा था तो मैंने भाभी के चेहरे को देखा। मुझे पता चल गया था कि भाभी को अपनी चूत के साथ इस तरह से छेड़खानी करवाने में मजा रहा है।

मैंने जानबूझ कर अपनी भाभी  की चूत को रगड़ना जारी रखा। भाभी की चूत धीरे-धीरे फूलती हुई सी मालूम पड़ी। उनकी चूत को को पोंछते हुए मेरे लंड का भी बुरा हाल हो रहा था। फिर जब मुझसे रहा गया तो मैंने भाभी की चूत में उंगली करना शुरू कर दिया।
भाभी ने भी इस हरकत का कोई विरोध नहीं किया। वो अब धीरे-धीरे सिसकारियां लेने लगी।

तभी भईया का फोन गया। भाभी ने बात की तो भईया ने कहा कि वो आज रात को घर नहीं आने वाले हैं।
यह सुन कर मैंने भाभी के चेहरे की तरफ देखा तो वो मुस्करा रही थी।

मैं भी खुश हो गया। मैं तो पहले से अपनी भाभी की चूत की ठुकाई करने की फिराक में था। उसके बाद हम दोनों ने जल्दी से घर का काम खत्म किया और शाम का खाना खाने के बाद फ्री हो गये।
फिर रात को असली खेल शुरू होने से पहले भाभी ने कहा- चलो, पहले नहा लेते हैं।

मैं और भाभी दोनों बाथरूम में चले गये। अंदर जाते ही भाभी और मैं पूरे नंगे हो गये। मेरा लंड तन कर ऊपर गया था। भाभी ने मेरे लंड को हाथ में ले लिया। ऊपर से शावर का पानी गिर रहा था और नीचे से भाभी ने मेरे गर्म लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया था।

मुझे बहुत मजा रहा था। मैंने भाभी के चूचों वहीं पर पीना शुरू कर दिया। उनके चूचों पर गिर रहा पानी मेरे मुंह में जा रहा था। अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था। मन कर रहा था कि भाभी की गीली चूत को अभी चोद दूं। लेकिन भाभी ने मना कर दिया। भाभी मेरे लंड को पकड़ कर सहलाती रही जैसे बहुत दिनों से उन्होंने लंड का स्पर्श मिला ही हो।

नहाने के बाद फिर हम दोनों बाहर गये। फिर एक घंटे के बाद भाभी मेरे कमरे में गयी। उन्होंने नाइट ड्रेस पहनी हुई थी जो कि उनके बदन पर बहुत ही सेक्सी लग रही थी। मेरे पास आते ही मैंने भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और फिर दोनों ही एक दूसरे को चूसने लगे।

मेरा लंड खड़ा होते ही भाभी ने उसको मेरे पजामे के ऊपर से ही पकड़ लिया और मेरे लंड को अपने हाथ में भर कर मसलने लगी। अब मैंने भी भाभी की नाइट ड्रेस को निकलवा दिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा।

वो जल्दी से सेक्स के लिए बावली सी हो गयी, कहने लगी- बेटा, अब उंगली से काम नहीं चलेगा। अपनी भाभी  की चूत को लंड का मजा दे दे।
मैंने भाभी को बेड पर गिरा लिया और उनकी टांगों को फैला कर अपना आठ इंच का लंड भाभी की चूत पर सेट कर दिया। मैंने धक्का लगाया तो भाभी की चीख निकल गयी- उम्म्हअहहहयओहमैं मर गयीजान निकल गयी।

मैंने उनकी गांड को अपने हाथ से उठा लिया और भाभी  की चूत में और जोर से धक्के मारने लगा। साथ ही मैं उनकी गांड के दोनों पहाड़ मस्ती से मसल रहा था। वैसे तो चूत में धक्के मारते टाइम बूब्स ही मसलते हैंकिंतु मैं थोड़े अलग अंदाज में उनकी गांड मसल रहा था।

काफी देर की ठुकाई के बाद मेरी भाभी  चरम पर गई थी। हम एक दूसरे को होंठों में किस करते हुए बस अपने जोश का मजा ले रहे थे। ऊम्म्म्मआआह

जब मेरी मान की चूत ने पानी छोड़ दिया तो मैंने अपना लंड निकाला और भाभी  की चूत का पानी मुँह से चाटना शुरू कर दिया।
भाभी बोली- आह्हमैं तो बहुत दिनों से इस तरह की ठुकाई के लिए प्यासी थी बेटा। तू तो बहुत ही मस्त ठुकाई करता है।

मगर मुझे भाभी की गांड बहुत अच्छी लगती थी और मेरा मन भाभी की गांड मारने का कर रहा था। अभी मेरा वीर्यपात नहीं हुआ था। मैंने भाभी को ये इच्छा बताई तो वो कहने लगी- मैंने कभी गांड नहीं मरवाई है।
लेकिन मेरे जोर देने पर फिर वो मान गई, बोली- अगर दर्द हुआ तो निकाल देना।

मैंने मन ही मन कहा- एक बार अंदर जायेगा तो फिर कौन निकालने वाला है।

मैंने भाभी की गांड को ऊपर करवा दिया और उनकी गांड पर हाथ लगा कर उसको दबाते हुए अपने लंड के टोपे को गांड पर सेट कर दिया। फिर एक धक्का मारा तो भाभी को जैसे बेहोशी सी गई। कई मिनट में भाभी संभली और मुझे पीछे धकेलने लगी लेकिन तब तक मैंने पूरा लंड गांड में घुसा दिया था। मैं भाभी के ऊपर लेट गया और उनके चूचे दबाने लगा। कुछ ही देर में भाभी शांत हो गई। फिर मैंने भाभी की गांड को चोदना शुरू कर दिया।

उनकी गांड बहुत ही ज्यादा टाइट थी। मेरे भईया ने तो कभी चूत भी ढंग से नहीं मारी थी तो फिर गांड तो बिल्कुल कुंवारी ही थी। मुझे गांड चोदने में बहुत मजा रहा था। 15 मिनट तक मैंने गांड की ठुकाई की और फिर दोबारा से लंड को निकाल कर चूत में पेल दिया।
भाभी बोली- आज ही जान निकाल देगा क्या हरामी।

मैंने भाभी की बात नहीं सुनी और अपनी ही मस्ती में लगा रहा। भाभी की चिकनी हो चुकी चूत को पांच मिनट तक जम कर चोदा और फिर मेरा माल भाभी की चूत में ही निकल गया। मैं बुरी तरह से हांफ रहा था और भाभी की हालत भी खराब हो गयी थी। भाभी को उस रात मैंने कई बार चोदा। उस दिन रात भर हम भाभी-बेटे की ठुकाई चली। इस दौरान भाभी कई बार झड़ी और वो बिल्कुल खुश हो गई।

उसके बाद तो जब भी मुझे मौका मिलता रहा मैं भाभी  की चूत ठुकाई का मजा लेता रहा। बाकी की कहानियां मैं फिर कभी लेकर आऊंगा।


 

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