मंगलवार, 29 अगस्त 2023

चाचा की बेटी को चार लड़कों के साथ सेक्स करते हुऐ देखा | चाचा की बेटी के साथ सेक्स कहानी

 चाचा की बेटी को चार लड़कों के साथ सेक्स करते हुऐ देखा


यह बहन  की ठुकाई की कहानी तब की है जब मैंने उसे एग्जाम के लिए दूसरे शहर ले गया। वहां मैंने  बहन  का जो रूप देखा, मैं हैरान रह गया। क्या देखा था मैंने?




दोस्तो, मेरा नाम लखन चौधरी  है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरे चाचा के बेटी का नाम गौरी  है। वो दिखने में सांवली है। उसकी हाईट ज्यादा तो नहीं है पर उसके मम्मे बड़े बड़े हैं। उसके मम्मों को देख कर मैं खुद रोज उसके नाम की मुठ मारता हूँ।

गौरी  के एग्जाम चल रहे थे तो उसे परीक्षा दिलवाने लेकर मुझे जाना था। कुल 7 दिनों के एग्जाम थे और परीक्षा केंद्र घर से दूर होने के कारण हम लोगों ने वहीं एक रूम किराये पर ले लिया था।

रूम में पलंग आदि नहीं था, नीचे ही सोने की व्यवस्था थी। रूम के बगल वाले रूम में भी 4 लोग एग्जाम देने आए हुए थे। वे चारों 20-21 साल के ही रहे होंगे।

पहला दिन का एग्जाम हो गया और उसी शाम तक उन चारों लड़कों से मेरी दोस्ती हो गई। चारों लड़कों ने कोई सैटिंग की हुई थी, जिसके कारण उनको एग्जाम में आने वाले प्रश्न उत्तर पहले ही मिल जाते थे। वो सब अपने एग्जाम सही करके आते थे।

दूसरा दिन भी निकल गया। शाम को उन चारों में से एक ने बताया कि मैं आपको प्रश्न और उत्तर दे दूंगा।

ये सुन कर मेरी उन लोगों से और भी अच्छी दोस्ती हो गई। वो मुझे भैया बुलाते थे और गौरी  को नाम से बुलाते थे।

गौरी  उन सबमें छोटी थी और अब उन चारों लड़कों के साथ घुल मिल गई थी। शाम को चारों बैठ कर गौरी  के साथ पढ़ते थे।

आखिरी एग्जाम से एक दिन पहले की बात है। उस दिन रविवार था, इसलिए छुट्टी थी। सब लोग घर पर ही थे। वे चारों मेरे रूम में आकर गौरी  के साथ पढ़ाई करने लगे।

उन लोगों को पढ़ता देख कर मैं गौरी  को बोल कर निकल गया कि मैं मूवी देखने जा रहा हूँ। बस 3 से 4 घंटे में जाऊंगा। तुम पढ़ाई करके आराम कर लेना।
यह कह कर मैं चला गया। पर मुझे टिकट नहीं मिली और मैं कमरे के लिए वापस निकल आया।

जब मैं कमरे पर वापस आया, तो घर का दरवाजा बाहर से बंद था। मैं अन्दर गया, तो गौरी  नहीं थी। मैंने सोचा बाथरूम गई होगी या पढ़ने गई होगी।

मैं आराम करने लगा। जब 15-20 मिनट हो गए, गौरी  नहीं आई तो मैं समझ गया कि उन लड़कों के साथ पढ़ाई कर रही होगी। मैं उठकर गौरी  को देखने चला गया।

जब मैं लड़कों के पास गया, तो दरवाजा अन्दर से बंद था, मुझे शक हुआ और मैं अन्दर झांकने की कोशिश करने लगा। पर मुझे कोई उपाय नजर नहीं रहा था।

तब मुझे याद आया कि बाथरूम से उनका रूम नजर आता है। मैं सीधा बाथरूम में घुस गया और बाथरूम के एक छेद से अन्दर देखने लगा। उस छेद से सब कुछ साफ नजर रहा था क्योंकि बाथरूम का वो छेद थोड़ा बड़ा था।

जब मैंने अन्दर देखा तो सामने बेड था। बेड पर तीन लड़के पूरी तरह नंगे बैठे थे और अपने अपने लंड सहला रहे थे, पर गौरी  कहीं नजर नहीं रही थी।

मैं मोबाइल से उनकी रिकॉर्डिंग करने लगा। तभी मेरी नजर लड़कों पर पड़ी, जो एक तरफ देखे जा रहे थे। मैंने भी उसी तरफ देखा, तो मैं दंग रह गया।

मेरी  बहन  गौरी  पूरी नंगी थी और टेबल पर  बुर ठुकाई करवा रही थी। जो लड़का गौरी  को चोद रहा था, उसका नाम मोनू था। वो गौरी  की चूची को अपने मुँह में रख कर एक बच्चे की तरह चूस रहा था। वो एक चूचे को चूस रहा था और एक हाथ से उसके दूसरे चूचे को दबाने में लगा था। उसने गौरी  का एक दूध अपने मुँह में पूरा भर लिया था और जबरदस्त तरीके से चुसाई करने में लगा था।

तभी मैंने देखा कि वो अपने दूसरे हाथ को गौरी  की बुर  पर ले गया और  उंगली उसकी बुर में घुसा दी। उस लड़के की उंगली गीली हो गई। उसने  उंगली को निकाल कर देखा कि मेरी बहन  खुद ही ठुकाई को उतावली हो रही थी।

फिर मैंने देखा कि गौरी  ने  आंखें बंद की हुई थीं। सोनू ने गौरी  की बुर के दाने को मसलना चालू कर दिया। गौरी  के मुँह से मस्त सिसकारियां निकलने लगीं।

लड़के ने उसे उल्टी तरफ घुमा कर उसे घुटनों के बल पर कर दिया, वो गौरी  को डॉगी स्टाइल में चोदना चाहता था। उसने अपने तने हुए लंड को गौरी  की चुत के दरवाजे पर रख कर सुपारे से उसकी बुर के दाने को रगड़ने लगा।

गौरी  के मुँह से जोरदार सिसकरियां निकल रही थीं। तभी सोनू ने अपने मूसल जैसे लंड को हल्का सा धक्का दिया, तो उसके लंड का सुपारा भीतर चला गया।

गौरी  के मुँह से ज़ोर से मतवाली सिसकारी छूटी उम्म्हअहहहयओहऔर उसने अपने बुर ड़ों को आगे पीछे करना शुरू कर दिया। सोनू का लंड धीरे धीरे गौरी  की बुर में एकदम भीतर घुस गया।

मुझे  बहन  की ठुकाई और उसके मजे लेने पर बहुत गुस्सा रहा था। गौरी  के मुँह से दर्द और काम से मिश्रित कराह निकल रही थी। थोड़ी ही देर बाद वो खुद अपने बुर ड़ों को आगे पीछे करने लगी।

दूसरे लड़के भी चुप नहीं बैठे थे, वो भी मैदान में कूदने को तैयार थे। एक ने लंड को गौरी  के मुँह के पास जाकर उससे लंड को मुँह में लेकर चूसने को कहा। गौरी  फट से उसके लंड को मुँह में ले कर चूसने लगी। उधर सोनू अब फकफ़ाक धक्के लगाते हुए झड़ने को हो रहा था। उसके लंड के गोटे सीधे गौरी  के बुर ड़ों पर जा कर ढोलक की तरह ठाप लगा रहे थे।

मेरी बहन  के मुँह से जोरदार सीत्कार निकल रही थी, जैसे उस की लंड से ठुकाई में मस्त सीटियां बज रही हों। सोनू अपना लंड पूरा बाहर निकाल कर ज़ोर से धकेलता था, जिससे गौरी  की चीख निकल जाती थी।

इधर   बहन  की ठुकाई देख कर मेरा मन कर रहा था कि मैं भी अभी गौरी  को चोद दूँ। आगे गौरी  के मुँह में एक लंड से पूरा भरा हुआ था।

तभी सोनू ने आगे हाथ बढ़ा कर गौरी  के मम्मों को पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा। एकाएक सोनू के धक्कों की रफ्तार बहुत तेज हो गई और उसने गौरी  की चुत में ज़ोर से अपने लंड की पिचकारी छोड़ दी।

गौरी  की आंखें मस्ती से मुंद गई थीं। सोनू ने गौरी  चुत को चाट कर साफ कर दिया।

अब तीसरा लड़का प्रकाश, जिसका लंड का सर आसमान पर उठा हुआ था, वो आया और गौरी  की चुत में लंड घुसाने लगा।

उसने अपने लंड को गौरी  की बुर  के दरवाजे पर रखा और एक ज़ोर का धक्का लगा दिया। उसका लंड पूरा का पूरा गौरी  की चुत की जड़ में समा गया।

गौरी  ज़ोर ज़ोर से आनन्द से सिसकरियां भर रही थी।

अब उस लड़के का सुनो, जिसका लंड गौरी  चूस रही थी, उसके मुँह से एकाएक आह की आवाज निकली और उसने अपना गाढ़ा सफेद वीर्य गौरी  के मुँह में छोड़ दिया। गौरी  लंड से निकले वीर्य को स्वाद लेकर पीने लगी। फिर भी कुछ माल उसके मुँह से बाहर आकर उसके गालों पर बहने लगा।

मुझे समझ गया कि मेरी बहन  पक्की चुदक्कड़ है।

उस लंड चुसाने वाले लड़के के हटते ही चौथा लड़का मुन्ना, जिसका लंड सबसे बड़ा था, वो गया। उसने तीसरे लड़के की जगह ले ली और गौरी  उसके लंड को चूसने लगी।

अब जो लड़का आकाश गौरी  को चोद रहा था, वो पूरी ताक़त से धक्के लगा रहा था। उसने गौरी  के गोल गोल बुर ड़ों को  मुट्ठी में भर रखे थे। वो पूरी ताकत और वेग से बुर  में धक्के लगा रहा था।

कुछ देर बाद वो भी झड़ गया और गौरी  की बुर  पूरी वीर्य की झील हो गई।

चौथे लड़के मुन्ना ने गौरी  के मुँह को आज़ाद कर दिया। उसने गौरी  को बिस्तर पर पीठ के बल लिटा दिया। उसकी टांगें अपने कंधे पर रखीं और फ्रंट फॉर्वर्ड पोज़िशन में लंड को गौरी  की चुत के दरवाजे पर रख दिया। इसके बाद उसने एक बड़े ही ज़ोर का धक्का दे मारा। उसका मूसल किस्म का लंड पहले झटके में ही आधे से ज्यादा बुर  के भीतर चला गया।

गौरी  की एक तेज चीख निकल गई। लेकिन तीन लंड खाने के बाद गौरी  की बुर  खुल गई थी। इसलिए गौरी  ने भी अगले ही अपने हाथ उसकी पीठ पर ले जाकर नीचे से एक जोर का जबावी धक्का लगा दिया। इस धक्के से लड़के का बाकी लंड भी एकदम जड़ तक समा गया।

फिर उस मुन्ना नाम के लड़के ने अपने दोनों हाथ गौरी  के बुर ड़ों के नीचे ले जा कर उनको तकिया जैसा सहारा दे दिया और ज़ोर ज़ोर उसकी चुत का बाजा बजाना शुरू कर दिया।

गौरी  ठुकाई के आनन्द के मारे पागल हो गई और अजीब अजीब सी आवाजें उसके मुँह से निकलने लगी थीं।

मुन्ना ने गौरी  को चोदने में पूरा 30 मिनट का टाइम लिया। फिर वो भी आख़िरआह आह।।करते हुए उसके ऊपर ढेर हो गया। उसने अपने लंड का ढेर सारा गाड़ा वीर्य एक पिचकारी के रूप में गौरी  की चुत में छोड़ दिया।

गौरी  इस दौरान कई बार अपना पानी निकाल चुकी थी। उसे सबके लंड और चूस करके साफ़ करना पड़ा। सब लड़कों ने भी गौरी  की चुत को चाट कर साफ कर दिया। इसी बीच गौरी  फिर से गर्म होकर झड़ भी गई।

मैंने ये सब अपने फ़ोन में रिकॉर्ड कर लिया था। जब मेरी बहन  की ठुकाई पूरी हो गई, तो मैं वहां से निकल गया।

एक घंटे बाद जब मैं वापस आया, तो गौरी  अपने रूम में बैठ कर पढ़ रही थी। मैंने गौरी  को कुछ नहीं बोला।

रात को मैंने उसे वीडियो दिखा दिया, वो एकदम से डर गई। वो बोली- भैया माफ कर दो।। अब ऐसा नहीं होगा।
मैं- एक शर्त पर माफ कर दूंगा।। तुम्हें मुझसे चुदना होगा।

वो शर्मा गई। मैंने उसे  बांहों में ले लिया।
वो बोली- मैं तो आपसे जाने कबसे चुदने के लिए मरी जा रही थी।
मैंने पूछा- क्यों?
वो बोली- मैंने आपका लंड देखा है, ये बहुत बड़ा है।
मैंने कहा- तो फिर कभी बोला क्यों नहीं?
वो बोली- मैं शर्म रही थी कि कहीं आप नाराज हो जाओ।

मैंने कहा- मेरी प्यारी बहन  की ठुकाई कब से चल रही है?
वो बोली- आज दूसरी बार किया है।
मैंने पूछा- पहली बार किसके साथ किया था।
वो बोली- अब इस सवाल का जबाव बहुत लम्बा है, आपको बाद में सब बता दूंगी।

उसने  सील टूटने का किस्सा मुझे बाद में बताने का वायदा किया। मैं  बहन  की सील टूटने की ठुकाई की कहानी को आप तक जरूर भेजूँगा।

मेरी बहन  की ठुकाई की मैंने

उसने कहा- अब देर करो भैया। मुझे बड़ी जोर से मस्ती चढ़ रही है।

मैंने गौरी  की बुर  को सहलाया और  बहन  को नंगी करके चित लिटा दिया। फिर मैंने अपना लौड़ा निकाल कर गौरी  की बुर  में घुसाने की कोशिश की।

लेकिन मेरा लंड उन चारों लौंडों से कम से कम दो इंच लम्बा था और मोटा भी बहुत ज्यादा था। इसलिए मेरा थोड़ा सा ही लंड अन्दर गया था। गौरी  को उससे दर्द तो हुआ, लेकिन वो चूंकि दिन में चुद चुकी थी, इसलिए उसने ज्यादा चिल्लपों नहीं की। मगर मुझे उसकी कसी हुई बुर  में लंड पेलने से दर्द होने लगा था।

तब भी मैं किसी तरह से गौरी  की बुर  में लौड़ा घुसाने लगा और कामयाब भी हो गया। गौरी  ने भी लंड लेने में मेरी मदद की। उसको खुद ही मेरा लंड लेने में मजा रहा था। मैंने  बहन  की चूचियां दबाईं और उसके होंठ भी चूसे।

उसके बाद मैं पूरा लंड पेल कर  बहन  गौरी  की झटके देते हुए ठुकाई करने लगा। गौरी  की बुर  अभी भी काफी टाइट थी। बाद में मैंने गौरी  की बुर  में अपना पूरा लौड़ा घुसा दिया था। मैं अपना लंड गौरी  की बुर  में अन्दर बाहर करने लगा। वो भी मुझसे चुदने का खूब मजा ले रही थी।

मैं गौरी  की चूचियां दबाने लगा, वो भी मुझे चूमने लगी। फिर मैं अपना सुपारा गौरी  की बुर  तक बाहर निकाल कर जोर जोर से उसको पेलने लगा। मुझे बहुत मजा रहा था।

कुछ देर बाद मैंने अपना लंड निकाल कर गौरी  को चूसने को बोला। गौरी  ने एक पल भी देर ना करते हुए मेरे लंड को अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी।

गौरी  के द्वारा लंड चुसाई करने से मेरा लंड और सख्त हो गया। कुछ ही देर में मेरा माल निकलने वाला था। मैंने बिना गौरी  को बताए ही उसके मुँह में ही रस को निकाल दिया। गौरी  भी उसको जूस की तरह पी गई।

फिर हम दोनों आपस में चिपक गए और किस करने लगे। कुछ देर के लिए हम ऐसे ही चिपक कर लेटे रहे और एक-दूसरे की जुबान को चूसते रहे।

अब गौरी  ने कहा- अब और मत तड़पाओ।। बस मेरी पूरी आग बुझा दो।

मैंने अपना लंड गौरी  की बुर  पर रखा और जोर से धक्का लगा दिया।। मेरा लंड गौरी  की बुर  में पूरा अन्दर तक चला गया।

गौरी  जोर से चिल्ला उठी- आऊ।। उम्म्हअहहहयओहओक्ककह।। मर गई।। रे फट गई आह्ह।। चूऊत।। आह्ह।

मैंने गौरी  को बहुत जोर से जकड़ लिया और उसके मम्मों को चूसने लगा। गौरी  जब चुप सी हुई।। तो मैं अपना लंड बुर  में अन्दर-बाहर करने लगा।

गौरी  और जोर से चिल्लाने लगी, मैंने उसकी आवाज को अनसुना करके  स्पीड बढ़ा दी और गौरी  के होंठों को किस करने लगा। होंठों को दबाने से गौरी  की आवाज आनी भी कुछ कम हो गई।

उस दिन मैं गौरी  को बीस मिनट तक चोदता रहा। इस दौरान गौरी  दो बार झड़ चुकी थी। फिर मैंने अपना सारा रस गौरी  की बुर  में ही छोड़ दिया।

मेरी बहन  को अपने भाई के साथ ठुकाई में बहुत मजा आया। हम दोनों थक कर चूर हो गए थे और लेटे हुए थे। हमारे इस सेक्स प्रोग्राम में हमें टाइम का पता ही नहीं चला।

मुझे गौरी  को और चोदने का मन था, पर इस वक्त हमारी बहन  की ठुकाई बीच में ही छूट गयी पर यह भी ज्यादा देर तक नहीं छूटा।

दूसरी बार में गौरी  बिना कपड़ों के थी क्योंकि हमें अब किसी का डर नहीं था। मैं भी अपने कपड़े खोल कर गौरी  की ठुकाई के लिए रेडी था। गौरी  ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और हम दोनों ने सेक्स का पूरा मजा लिया।

उस रात को हमने पूरी रात में तीन बार बहन  की ठुकाई का मजा लिया। फिर गौरी  ने अपने कपड़े पहन लिए।

आज गौरी  तो इतनी ज्यादा खुश थी कि वो मुझे छोड़ ही नहीं रही थी। ऐसे ही हमारा यह बुर  ठुकाई का सिलसिला 4 दिनों तक चलता रहा।

इसके बाद बहन  की ठुकाई का कार्यक्रम आज तक चल रहा है। मुझे जब भी मौका मिलता है, मैं गौरी  की बुर  को शांत जरूर कर देता हूँ। जब भी गौरी   बुर  की खुजली से ज्यादा परेशान हो उठती है।। तो मैं उसे कहीं बाहर ले जाकर उसकी बुर  चोद कर उसे शांत कर देता हूँ।



 

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