सोमवार, 21 अगस्त 2023

मकान मालकिन सविता भाभी सेक्स कहानी | सविता भाभी सेक्स कहानी

 मकान मालकिन सविता भाभी सेक्स कहानी 



मैं अपनी मकान मालकिन भाभी  को पसंद करता था, उनसे मुहब्बत करता था और भाभी  की ठुकाई करना चाहता था। मेरा अरमान, मेरी वासना कैसे पूरी हुई?

मेरा नाम रियान देव  सिंह है, मैं मध्य प्रदेश के छोटे से शहर में रहता हूं। मेरा परिवार गांव का है परन्तु मेरा परिवार मेरी पढ़ाई के लिए शहर गये थे।

हम किराये के एक घर में रहते थे जिसके मकान मालिक कहीं बाहर नौकरी करते थे। हमारा परिवार उनके घर के एक हिस्से में रहटा था और दूसरे हिस्से में उनका सामान था। वे लोग त्यौहार में आते जाते थे।

अब मेरी उम्र 24 साल की है। पढ़ाई खत्म हो चुकी है और 1 साल से मैं नौकरी भी कर रहा हूं।

यह कहानी 2 साल पहले की है जब हमारे मकान मालिक वापस अपने शहर अपने घर गये थे लेकिन भईया का ट्रांसफर अभी भी नहीं हुआ था।

उनके परिवार में उनकी पत्नी सविता उनकी दो बेटी 1 लड़का था। उनकी एक बेटी दिल्ली में सिविल सर्विस की तैयारी कर रही थी तथा एक बेटी 12वीं में पढ़ रही थी बेटा सबसे छोटा था।

अब मैं कहानी पर आता हूं, हमारा परिवार पिछले 10-12 साल से उनके ही घर में रह रहा था मेरे परिवार के संबंध मकान मालिक के परिवार से बहुत अच्छे हो गये थे। हम उनके घर की अच्छे से देखभाल करते थे।

हम जिस हिस्से में रहते थे उसमें एक दरवाजा उनके घर की तरफ खुलता है जिसका उपयोग वे लोग जब भी कहीं बाहर आने जाने में करते थे। वे ताला बाहर से नहीं लगाते थे हमारे घर की तरफ से लगाते थे ताकि किसी को पता ना चले कि वे लोग कहीं बाहर गये हैं।

 भाभी  की उम्र लगभग 42-43 साल होगी। उनके स्तन सामान्य हैं पर थोड़े लटके हुए रहते हैं उनकी गांड का साइज बड़ा है लगभग 44″ होगा। उनके पेट पर प्रेग्नेंसी के स्ट्रेच मार्क हैं। वे दिखने में सामान्य हैं गोरीहाउस वाइफ हैं।

मैं छोटे से बड़ा उन्हीं के घर में हुआ था, सब अच्छे से जानते थे।

बात नवंबर के दिनों की है।  भाभी  बाहर धूप में बैठ की सब्जी साफ कर रही थी और मैं भी बाहर बैठा था धूप में, पढ़ाई कर रहा था।
उन्होंने साड़ी पहन रखी थी, मुझे उनके बूब्स थोड़े-थोड़े दिखाई दे रहे थे। मैं हर बार उनके बूब्ज़ ऐसे ही चुपके से देखता था और अपने लंड को मसलता था।
मुझे  भाभी  बहुत अच्छी लगती थी। मैं भाभी  की ठुकाई करना चाहता था।

ऐसे ही चलता रहा।  भाभी  के पति को आये 2 महीने से ज्यादा हो गये थे। ठंड बढ़ती जा रही थी।

एक दिन मेरे माता-पिता खेती के काम से गांव गये हुए थे। मेरी मम्मी  आँटी को बोल कर गयी थी मेरा खाना बनाने के लिए।

रविवार का दिन था, मैं देर तक सोया था। 8 बज रहे थे रविवार होने के कारण मैं देर तक सो रहा था।

जैसे कि मैंने कहा था कि हम जिस हिस्से में रहते थे, वहां एक दरवाजा उनके घर के हिस्से में खुलता था। मैं सोया थाभाभी  दरवाजा खोल कर सीधी अंदर गई। मैं शॉर्ट्स में सोया था। सुबह का वक्त था तो मेरा लंड सलामी दे रहा था। शॉर्ट्स में से  भाभी  ये सब देख रही थी।

थोड़ी देर बाद भाभी  ने मेरे पास खड़े हो कर मुझे आवाज दी- रियान देव , चाय पी लो!
तो झट से मेरी नींद खुल गयी।
मैंने देखा कि  भाभी  मेरे तने हुए लंड की तरफ देख रही थी।
तो मैंने शर्मा कर चादर डाल ली और उनके हाथ से मैंने चाय का कप लिया।

 भाभी  सफेद फूल वाली नाइटी में थी। मुझे आटी बहुत हॉट लग रही थी।

भाभी  ने कहा- 11 बजे तक खाना खाने जाना!
मैंने हां में सर हिलाया और भाभी  चली गयी। फिर मैं भी नहा धोकर तैयार हो गया।

मैं टीवी देख रहा था और भाभी  की आवाज आयी- रियान देव  खाना बन गया है।
मैंने कहा- 2 मिनट में आया भाभी !
मैंने पैन्ट पहनी और भाभी  के घर के की तरफ चला गया।

भाभी  के बच्चे स्कूल गये थे।
मैंने भाभी  का दरवाजा खटखटाया तो भाभी  ने रसोई से आवाज लगायी- अंदर जाओ।
मैं रसोई में चला गया।

भाभी  ने सलवार कुर्ती पहन रखी थी, दुपट्टा नहीं डाला था। भाभी  मुझे थाली परोसने के लिये नीचे झुकी तो उनके बूब्ज़ मेरे सामने थे।
मेरा लंड खड़ा हो गया, मैं खाना खाने लगा और भाभी  से पूछा- भईया कब आयेंगे?
तो भाभी  ने उदास मन से जवाब दिया- पता नहींउनको काम से फुर्सत ही नहीं है।

हम फिर इधर उधर की बातें करने लग गये। भाभी  मुझे रोटी परोसने के लिये झुकी तो फिर बूब्ज़ के दर्शन हो गये। मेरा लंड अब पूरा खड़ा हो गया था और लोवर के अंदर से दिख रहा था।

फिर भाभी  मेरे सामने ही बैठ गयी और हम दोनों खाना खाते हुए बातें करने लगे। मेरा ध्यान तो बस भाभी  के बूब्ज़ पर था।
भाभी  भी मेरे लंड के उभार को देख रही थी और मुस्कुराने लगी।
मैंने कहा- क्या हुआ? क्यूं मुस्कुरा रही हो?
तो भाभी  ने पहले तो कहा- कुछ नहीं!

मैंने उन्हें कहा- प्लीज बताओ ना?
तो  भाभी  ने मेरे लंड की तरफ इशारा किया।
मैं भी थोड़ा शर्मा गया क्यूंकि भाभी  ने आज के पहले तो ऐसा कुछ नहीं किया था।

फिर मैंने थोड़ा शर्माते हुए कहा- आपको देख कर शायद खड़ा हो रहा है।
तो उन्होंने कहा- अच्छा आज से पहले तो ऐसा नहीं हुआ?
मैंने कहा- रोज ही होता है लेकिन आपने ध्यान ही आज दिया।

तो आँटी हंसने लगी। मुझे लगा कि मुझे भाभी  की ठुकाई का मौक़ा मिल सकता है।

मैंने खाना खत्म कर लिया था और भाभी  खा रहे थे। मैं थोड़ा घबरा गया था, भाभी  के साथ ऐसी बात कभी नहीं की थी तो मैंने भाभी  से कहा- मैं जा रहा हूं।
तो भाभी  ने कहा- रूक, मुझे तुझसे काम है।
मैं थोड़ा डर गया और वहीं सोफे पर बैठ गया।

भाभी  ने खाना खाया और मेरे पास आकर बैठ गयी।
मैंने कहा- क्या काम है भाभी ?
तो वो बोली- आज तुझे एक बात बोलूंगी, किसी को बताना मत!
मैंने कहा- क्या?
तो वो बोली- तेरे भईया आते ही नहीं हैं। मुझे भी अब किसी दोस्त की जरूरत है। तुम मेरे दोस्त बनोगे?
मैंने शर्माते हुए हां कह दी।

मैंने भी कहा- मैं भी आपसे एक दोस्त की तरह ही बातें करना चाहता था पर कहने से डर लगता था।
भाभी  बोली- अब डरने की कोई बात नहीं है, जो भी है खुल कर कहो।

फिर मैंने उनकी आँखों में प्यार से देखा और दो चार फिल्मी डायलोग मारे, भाभी  खुश हो गयी और मुस्कुराने लगी।

मैंने उनके होंठों को हल्के से चूम लिया।
भाभी  बोली- बस इतना ही?
तो मैं आगे बढ़ा और उनको गर्दन से पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और किस करने लगा, उनके होंठों को चूसने लगा।  भाभी  के मुंह से थोड़ी गन्ध रही थी पर मैंने इग्नोर करते हुए किस करना जारी रखा।

मैंने उनके मुंह में जीभ डाली तो भाभी  को थोड़ा अजीब लगा, वो बोली- इस तरह से मैंने कभी किस नहीं की।
तो मैंने कहा- मैं सिखा दूंगा अब!

फिर मैंने उनके बूब्ज़ को सलवार के ऊपर से ही दबाना शुरू किया। उनके बूब्ज़ पिचके हुए थे पर मुझे मजा रहा था।  भाभी  भी मजा ले रही थी।

उनकी आँखों में मैंने हवस देख कर अंदाजा लगा लिया था कि भईया का लंड ज्यादा बड़ा नहीं है।
तो मैंने भाभी  से कहा- आपके लिए एक सरप्राईज है!
 भाभी  मुस्कुराकर बोली- क्या है?
तो मैंने उन्हें आँखें बंद करने को कहा, उनके एक हाथ को पकड़ा और अपनी पैन्ट में डाल कर उनके हाथ में अपने मोटे लंड को पकड़ा दिया।

दोस्तो, यहां मैं आपको बता दूं कि मेरा लंड ज्यादा बड़ा नहीं है पर मोटा बहुत है, एक लड़की की मुट्ठी में मुश्किल से आता है।

भाभी  के हाथ में मैंने जैसे ही लंड दिया तो भाभी  आश्चर्यचकित हो गयी, उनके मुंह से निकला- बाप रे! इतना मोटा!
मैंने कहा- क्यूं भईया का नहीं है क्या इतना बड़ा?
तो  भाभी  ने कहा- कहां इतना बड़ा और मोटा है उनका।

भाभी  मेरे लंड को पैन्ट से बाहर निकाल कर उसे सहला रही थी और मुस्कुरा रही थी।
मैंने कहा- मुंह में लो ना भाभी !
तो  भाभी  ने कहा- प्लीज, मैंने आज तक कभी मुंह में नहीं लिया। मुझे उल्टी हो जायेगी।
मैंने भी उन्हें फोर्स नहीं किया।

वो थोड़ी देर मेरे लंड को सहला रही थी और बोल रही थी- ये तो सच में बहुत मोटा है।


मैंने फिर उनको बेड पे लौटा दिया और उनकी सलवार नाड़ा खोल कर उतार कर साईड में रख दिया।
उन्होंने काले रंग की साधारण सी पैन्टी पहन रखी थी।

मैं उनकी जाँघों के बीच बैठ गया और उनकी जाँघों को किस करने लगा अपनी जीभ से चाटने लगा।
भाभी  को बहुत ज्यादा मजा रहा था क्यूंकि भईया कभी भी ऐसा नहीं करते थे। उनका पहला एक्सपिरियंस था इस तरह का!

मैं उनकी जाँघों को चाट रहा था। वो धीरे धीरे सिसकारियां ले रही थी और मेरे सर का पकड़ रखा था। मैं जाँघों को चाटते हुए उनकी चुत पर गया और पैन्टी के ऊपर से ही चुत को चाटने लगा। उनकी चुत पूरी गीली हो गयी थी और पैन्टी भी गीली हो गयी थी।

मैं जब चुत चाटने लगा तो भाभी  बहुत खुश हो गयी और कहने लगी- थैंक यू रियान देव !
मैंने कहा- क्यूं?
तो उन्होंने कहा- किसी ने मेरी चुत को पहली बार इस तरह से चाटा है।
मैंने कहा- आप अपने थैंक यू बचा कर रखो। अभी तो शुरूआत हुई है।

इतना कह कर मैं फिर से चुत को चाटने लगा।

थोड़ी देर चुत पैंटी के ऊपरे से चाटने के बाद मैंने भाभी  की पैंटी निकाल दी तो मैंने देखा कि  भाभी  की चुत पर बाल थे, चुत ठीक से दिखाई भी नहीं दे रही थी।

मैंने कहा- भाभी , यहां तो जंगल हो रहा है।
तो भाभी  ने कहा- किसके लिये ये जंगल साफ करूं? कोई शिकार करने आता ही नहीं।

मैं हंसते हुए बोला- अब मैं हूं नाहर रोज शिकार करने आया करूंगा।
तो भाभी  हंसने लगी।

मैंने भाभी  की चुत को चाटना शुरू किया। मेरे मुंह में चुत के बाल रहे थे पर मैंने ठान लिया था कि आज भाभी  को पूरा मजा दूंगा।
मैं उनकी गीली चुत को अपनी जीभ से चाटने लगा।

 भाभी  पागलों की तरह मचलने लगी और मुंह से आवाजें निकालने लगी- आहहह मैं मर गयीओहह गोड आहह।
मुझे और जोश गया। मैं पूरी जीभ से उनकी चुत को चाटने लगा ऊपर से नीचे तक!

भाभी  मेरे सर को बहुत जोर से दबा रही थी। मैं उनकी चुत को चाटते ही जा रहा था। मेरा भी यह पहला सेक्स का अनुभव था पर मैंन पोर्न मूवी से सब सीख रखा था।
5 मिनट तक भाभी  की चुत को चाटने के बाद भाभी  जोर-जोर से आवाज निकालने लगी और मेरे मुंह को जोर जोर से दबा रही थी।

जल्दी ही भाभी  की मौखिक ठुकाई से उनका पानी निकल गया, सारा पानी मेरे मुंह पर लग गया था। पानी निकलते वक्त भाभी  कांपने लगी थी।
मैंने कहा- क्या हुआ? इतना क्यूं कांप रही हो?
तो उन्होंने कहा- बहुत महीनों बाद पानी निकला हैइसके कारण।

भाभी  के पास मैं उनके चेहरे के पास लेट गया मेरे मुंह पर अभी भी चुत का पानी लगा हुआ था तो भाभी  ने प्यार से मेरे चेहरे को अपनी कुर्ती से साफ किया और मुस्कुराने लगी

 

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