मामी के साथ अंधेरे में सेक्स कहानी
कैसे हो दोस्तो?
मैं आपके लिए
पड़ोसन मामी की
बुर की एक
कहानी लेकर आया
हूं। उससे पहले
मैं अपने बारे
में कुछ बता
देता हूं। मेरे
दोस्त मुझे प्यार
से पोलू बुलाते
हैं। मैं एक
26 साल का सेक्सी,
हैंडसम और अच्छे
घर का लड़का
हूं। जब से
मैं जवान हुआ
हूं मेरा लंड
मुझे चैन से
नहीं बैठने देता
है। मैं रोज
ही अपने लंड
को हिलाता हूं।
इसकी प्यास बुझती
ही नहीं है।
मुझे चुदक्कड़ आंटियां और प्यासी
भाभियां
बहुत पसंद हैं।
यह बात उन दिनों की है जब मैं बस से कॉलेज जाया करता था। आप सब तो जानते ही हैं कि सुबह के टाइम पर बसों में कितनी भीड़ होती है। मैं हमेशा की तरह अपने कॉलेज जा रहा था। उस दिन मेरे साथ ही मेरे पड़ोस की एक मामी भी उस बस में चढ़ गई। बस में काफी भीड़ थी।
मामी ने मेरी तरफ देखा और मैंने मामी की तरफ। हम दोनों पास में ही खड़े हुए थे। फिर कुछ दूर चलने के बाद बस में और ज्यादा लोग चढ़ गये। अब बस बिल्कुल खचाखच भर गई। मामी की मोटी गांड मेरे लंड से आकर सट गई। जैसे ही मुझे इस बात का अहसास हुआ कि मामी की गांड मेरे लंड से सट चुकी है तो मेरा लंड मेरी पैंट में खड़ा होना शुरू हो गया।
मैंने हल्का सा जोर लगा कर अपने लंड को मामी की गांड की दरार पर मसल दिया। मामी ने पीछे मुड़ कर देखा। एक बार तो मैं डर गया कि शायद मामी गुस्सा हो गई होगी। लेकिन उसने मुझे देख कर एक स्माइल दी और फिर मुझसे कहा- मेरे बैग को ऊपर रख दो।
मेरी जान में जान आई कि मामी गुस्सा नहीं हो रही थी।
मैंने मामी के बैग को ऊपर सामान रखने की जगह पर रख दिया। फिर मामी आराम से खड़ी हो गई।
हम दोनों में बातें होने लगी।
मैंने मामी से पूछा कि वो कहां जा रही है तो मामी ने बताया कि वो अपने मायके जा रही है।
मामी अकेली ही थी इसलिए मुझे भी कोई डर नहीं था। बीच बीच में जब धक्के लगते थे तो मामी मुझसे बिल्कुल चिपक जाती थी। ऐसा करते करते मेरे लंड का तन कर बुरा हाल हो गया।
फिर मैंने महसूस किया कि मामी भी अपनी गांड मेरे लंड पर धकेल रही थी। वो अपनी गांड की दरार को मेरे लंड पर सटा कर पीछे की तरफ दबाव बना रही थी। मैं भी बदले में अपने लंड को उनकी गांड की दरार में पूरा का पूरा घुसाने की कोशिश करने लगा। बहुत मजा आ रहा था। मन कर रहा था अभी मामी को नंगी करके चोद दूं लेकिन जैसे तैसे मैंने खुद को कंट्रोल करके रखा हुआ था।
हम दोनों आपस में बातें करते हुए ऐसे दिखा रहे थे कि सब कुछ नॉर्मल ही हो रहा है।
उसके कुछ पल के बाद मामी ने अपना हाथ धीरे पीछे ले जाकर मेरे लंड को पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी। मेरी तो हवा टाइट हो गई। मामी भरी बस में मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी।
मैंने भी पूरा जोर लगा कर मामी की तरफ अपने शरीर के वजन को आगे धकेल दिया। हम दोनों इस कामुक मदहोश कर देने वाले पलों का मजा ले रहे थे।
तभी मैंने सीट वाले डंडे पर अपने हाथ को आगे की तरफ रख लिया। मामी ने अपने मस्त चूचों को मेरी कुहनी के आगे वाले भाग की तरफ अपने चूचों को मेरे हाथ से सटा दिया और मेरे हाथ पर अपने चूचों को स्पर्श देने लगी।
मैं पागल सा होता जा रहा था। इधर मामी के अंदर भी सेक्स पूरा भड़का हुआ था।
फिर मैंने आस पास देखा कि कोई हमारी इस हरकत पर ध्यान तो नहीं दे रहा। जब सब जगह नजर दौड़ाने के बाद मैंने ठीक ठाक पाया तो मैंने हल्के से अपने हाथ को मामी के चूचों पर लाकर उनको छेड़ने लगा। मेरे हाथ की उंगलियां मामी के चूचों के निप्पलों पर लग रही थीं।
मामी की हल्की सी सिसकारी निकलना शुरू हो गई थी। मामी के चूचों के निप्पल काफी टाइट थे। उसको छूकर पता नहीं चल रहा था कि वो दो बच्चों की मां है। मैंने जोर से उसके निप्पलों को मसलना शुरू किया तो मामी बोली- आज मेरे साथ मायके ही चलो। मैं तुम्हें अपने मायके की सैर करवाऊंगी।
मैं भी समझ गया था कि मामी मायके की नहीं अपनी बुर की सैर करवाने के मूड में लग रही है।
तभी मामी ने अपने पर्स से फोन निकाला और अपने घर वालों को बता दिया कि उनके साथ मैं भी उनके मायके आ रहा हूं। मामी के बदन को छेड़ते छेड़ते कब सफर कट गया कुछ नहीं पता लगा।
फिर उनके घर जाकर हमने आराम किया। अब मुझसे रात का इंतजार करना मुश्किल हो रहा था। उनके घर में मेरी काफी खातिरदारी हुई और फिर आखिरकार सोने का समय भी आ ही गया। मामी और मैं दोनों एक ही कमरे में सोने वाले थे। ये सोच कर मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा होने लगा था। मेरे लंड ने कई बार चिपचिपा पदार्थ छोड़ दिया। मामी की बुर के बारे में सोच कर ही मेरा कामरस निकला जा रहा था।
लेकिन तभी उसकी मां हमारे बीच में आ गई। वो अपनी बेटी से बात करने के लिए हमारे कमरे में ही आ गयी। मैं मन ही मन उसकी मां को गालियां देने लगा। मगर फिर मुझे इस बात से थोड़ा सन्तोष करना पड़ा कि हम दोनों का बिस्तर जमीन पर नीचे एक साथ लगा दिया गया। ऊपर बेड पर उसकी मां सोने वाली थी।
वो दोनों आपस में बातें करने लगीं और कुछ देर के बाद लाइट बुझा दी गई। लेकिन उन दोनों की बातें अभी भी चल रही थीं। मैं तो पहले से ही सोने का नाटक कर रहा था। जैसे ही लाइट बंद की गई मैंने धीरे अपने और मामी के बदन को चादर के नीचे ढक लिया और मैं मामी की गांड के साथ चिपक गया।
ज्यादा कुछ हरकत तो नहीं हो सकती थी क्योंकि उसकी मां को हमारे बारे में पता चल जाता। मैं धीरे धीरे मामी की गांड को अपने हाथ से दबाने लगा। मैंने अपने लंड को साड़ी के ऊपर से ही मामी की गांड से सटा रखा था। मामी बातों में लगी हुई थी। फिर मैंने धीरे से उसकी साड़ी को ऊपर करना शुरू कर दिया। अंधेरे में कुछ पता नहीं चल रहा था लेकिन उसकी चिकनी टांगों पर उंगलियां फिराते हुए मुझे बहुत मजा आ रहा था।
जब पूरी साड़ी ऊपर तक आ गई तो मैं अपने पैरों को उसकी जांघों से घिसने लगा। फिर मैंने उसकी भारी सी गांड में फंसी हुई छोटी सी जालीदार पैंटी को उसके कूल्हों के बीच से उंगली घुसाते हुए खींच दिया। उसके बाद मैंने अपने अंडरवियर को भी नीचे किया और उसकी पैंटी के अंदर लंड को लगा कर उसकी जांघों के बीच में मामी की बुर के पास फंसा दिया। मेरा लंड मामी के बुरड़ों में जाकर सट गया।
मेरे तने हुए लंड की छुअन से मामी की हल्की सी आह्ह निकली लेकिन मामी ने खुद को रोका हुआ था। वो अपनी मां को बातों में लगाए हुए थी और साथ में ही मेरे लंड का मजा भी ले रही थी। मैं अपने लंड को उसकी गांड पर घिसने लगा। मामी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
कुछ देर जब ऐसे ही घिसते हुए हो गई तो मामी ने धीरे अपने हाथ पर थूक लगाया और अपना हाथ अपनी जांघों के बीच में लाकर मेरे लंड के सुपारे पर थूक को मलते हुए उसको चिकना करने लगी। मामी ने मेरे लंड को पूरा चिकना कर दिया। मेरे लंड के सुपारे पर जब मामी के हाथ घिस रहे थे तो मैं मामी की बुर बुर को चोदने के लिए जैसे मरा जा रहा था। मेरे लंड के सुपारे में एक अजीब सी सरसराहट दौड़ रही थी।
फिर मामी ने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ा और अपनी बुर के मुंह पर लगा कर अपनी गांड को पीछे धकेल दिया। मुझे मामी का इशारा मिल गया।
मैंने अपने लंड को मामी की बुर पर सटे हुए आगे की तरफ एक हल्का सा धक्का मारा और मेरा लंड मामी की गर्म बुर में घुस गया।
उम्म्ह … अहह … हय … ओह … मजा आ गया।
मामी की गर्म बुर में जाते ही मैंने उसकी कमर को अपने हाथों में थाम लिया और बिल्कुल धीरे-धीरे अपनी गांड को हिलाते हुए मैं मामी की बुर में धक्के लगाने लगा। मामी भी हल्के हल्के अंदाज में अपनी गांड को मेरे लंड की तरफ धकेल रही थी।
धीमी मामी शुरू हो गई।
मामी की बुर में जाते ही मेरा लंड और ज्यादा गर्म और टाइट हो गया था। मामी की बुर ने जैसे मेरे लंड को अंदर ही जकड़ लिया था। मैं धीरे से लंड को बाहर लाता और फिर हल्के से धक्के के साथ मामी की चिकनी बुर में फिर से धक्का लगा देता। पूरा लंड मामी की चिकनी बुर की गहराइयों में उतरने लगा। उसकी बुर की पंखुड़ियां जैसे मेरे लंड को निचोड़ने में लगी हुई थी। मुझे जैसे जन्नत का मजा मिल रहा था।
कुछ देर तक ऐसे ही करने के बाद मुझसे रहा न गया और मैंने अपने मोटे लंड जोर से मामी की बुर में पेल दिया तो मामी की आह्ह निकल गई।
उसकी ऐसी आवाज सुनकर उसकी मां बोली- क्या हुआ?
मामी बोली- कुछ नहीं, ऐसा लग रहा था जैसे पीछे कुछ चुभ रहा हो।
उसकी मां बोली- लाइट जला कर देख लो।
मामी तपाक से बोली- नहीं मां, सब ठीक है।
मामी को भी डर हो गया था कि अगर लाइट जली तो सारा मजा खराब हो जायेगा। इसलिए उसने बात को तुरंत संभाल लिया। उसके बाद वो दोनों फिर से बातों में लग गई। कुछ देर तक मैंने मामी की बुर में लंड डाल कर मजा लिया और फिर मैं मामी की गांड के छेद पर भी उंगली चलाने लगा।
मामी ने अपनी दोनों जांघों को थोड़ा सा और खोल दिया और मेरी उंगली मामी की गांड में चली गई। मामी उचक सी गई लेकिन उसने कोई आवाज नहीं की। एक दो बार मैंने मामी की गांड में उंगली की और फिर वापस निकाल ली।
फिर पता नहीं मामी को क्या शरारत सूझी कि उसने अपने एक हाथ को पीछे लाकर मेरी गांड पर टटोलते हुए मेरी गांड के छेद को ढूंढ लिया और अपनी उंगली मेरी गांड में घुसाने की कोशिश करने लगी। मुझे मजा तो नहीं आ रहा था लेकिन मेरे लिए यह एक नया अनुभव था। मेरा लंड मामी की बुर में था और मामी की उंगली मेरी गांड के छेद को सहला रही थी। फिर उसने अपने हाथ को वापस आगे की तरफ खींच लिया।
मुझे गांड में जलन सी होने लगी। शायद मामी की उंगलियों का तेज नाखून मेरी गांड में लग गया था। मैंने जोर से मामी की बुर को चोदना शुरू कर दिया। पच-पच की आवाज हो गई तो उसकी मां को फिर शक हो गया।
वो बोली- ये आवाज कैसी आ रही है?
मामी बोली- कुछ नहीं, पोलु को शायद मच्छर परेशान कर रहे हैं। वो मच्छर मार रहा है।
मैंने फिर से अपने धक्कों को धीमा कर दिया। जोर से ठुकाई होना अभी संभव नहीं था। मैं धीरे धीरे ही मामी बुर में लंड को चलाता रहा। मामी भी पूरे रिदम में मेरा साथ देती रही।
दोस्तो, इस तरह धीमी ठुकाई करने में भी बहुत मजा आता है। जिन लोगों ने इस तरह से प्यार वाली धीमी ठुकाई का मजा लिया है वो जानते होंगे कि इस तरह की ठुकाई में ताबड़तोड़ ठुकाई से ज्यादा रस मिलता है। मामी की बुर रस छोड़ते हुए पूरी चिकनी हो गई थी। उसकी बुर में लंड डालते हुए अब मुझे ऐसा लगने लगा था कि जैसे मैं किसी मक्खन के कटोरे में लंड को डाल रहा हूं।
गर्म चिकनी बुर की ठुकाई का जो मजा मामी उस रात को मुझे दे रही थी उसको अपने शब्दों में मैं लिख नहीं पा रहा हूं। मैं जोर से उसकी बुर को फाड़ देना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं कर पा रहा था। फिर मैंने उसके चूचों को पकड़ लिया और उसको कस कर बांहों में भरते हुए उसके चूचे भी साथ में दबाने लगा। मामी का पूरा बदन मेरे बदन से सट गया था। उसके मोटे चूचे दबाते हुए मैं उसकी बुर में धीरे-धीरे लंड को घिसता रहा।
काफी देर तक ऐसे ही हम पड़े-पड़े हिलते रहे। मामी की आवाज भारी होने लगी थी। उसकी आवाज से कामुकता साफ झलक रही थी। लेकिन अपने आप को कंट्रोल करके रखे हुए थी। उसकी मां को भी नींद नहीं आई थी। अब मामी से जब रुका नहीं गया तो उसने पीछे हाथ लाकर मेरे बुरड़ों को अपने हाथों में पकड़ लिया और मेरी गांड को आगे की तरफ धकेलते हुए अपनी बुर के अन्दर मेरे लंड के धक्के मरवाने लगी।
मैं मामी की बेबसी समझ सकता था। अगर उसकी मां वहां पर न होती तो मैं मामी की बुर को फाड़ कर रख देता लेकिन हम दोनों ही मजबूर थे। मैंने भी थोड़ा और अंदर तक लंड को घुसाने की कोशिश की।
मामी की गांड काफी भारी थी। इसलिए लंड पूरा जड़ तक मामी की बुर में नहीं उतर रहा था। या फिर मामी को और गहराई तक लंड लेने की आदत थी। वो बार-बार मेरी गांड को अपने हाथों के सहारे से अपनी बुर की तरफ धकेल रही थी।
उसकी आवाज लड़खड़ाने लगी थी। लेकिन वो ऐेसे बर्ताव कर रही थी जैसे वो नींद आने के चलते बड़बड़ा रही है ताकि उसको मां को इस बात का शक न हो जाये कि उसकी बेटी एक मोटे और लंबे लंड के साथ नीचे फर्श पर पड़ी हुई अपनी बुर की ठुकाई करवा रही है।
फिर मैंने तेजी से लंड को मामी की बुर में चलाना शुरू कर दिया। मैंने मामी को कस कर पकड़ लिया और तीन चार जोर के धक्के लगा दिये और फिर मेरे लंड ने जवाब दे दिया। मेरे लंड से गर्म गर्म वीर्य निकल कर मामी की चिकनी बुर में भरने लगा। मैं झटके मारते हुए मामी की बुर में वीर्य को गिराता चला गया।
मैंने सारा का सारा वीर्य उसकी बुर में खाली कर दिया। मामी ने जैसे मेरे लंड को अपनी बुर में दबोच लिया था। ऐसा लग रहा था कि वो भी झड़ गई है। फिर हम दोनों नॉर्मल होते आ गये। अभी तक भी उसकी मां नहीं सोई थी। मुझे गुस्सा आ रहा था। लेकिन मैं चुपचाप मामी की बुर में लंड को डाले हुए लेटा रहा।
जब काफी देर तक की उनकी बातें खत्म नहीं हुईं तो मैंने मामी को अपनी बांहों में भर लिया और अपने लंड को ऐसे ही उनकी बुर में रख कर सो गया।
सुबह जब उठा तो मैं अकेला ही वहां पर सोया हुआ था। मैंने उठ कर देखा तो चादर मेरे ऊपर थी और मेरा लंड अभी भी बाहर ही लटक रहा था लेकिन अब सोई हुई अवस्था में था इसलिए चादर के नीचे से पता नहीं लग रहा था।
वो दोनों मां-बेटी वहां कमरे में नहीं थी। फिर मैं मामी के साथ ही अपने घर पर वापस आ गया। अब जब भी कभी मुझे मौका मिलता है मैं मामी को कॉल कर लेता हूं। मुझे वो सेक्सी चुदक्कड़ मामी पूरे मजे देती है।
अब तो मैं सोच रहा हूं कि कॉल ब्वॉय का धंधा ही शुरू कर दूं। मुझे भाभियों और आंटियों की बुर भी मिल जाया करेगी और इस तरह से मेरी ठुकाई की इच्छा पूरी होने के साथ ही मेरी कुछ कमाई भी हो जाया करेगी।