कामवाली ने मेरी काम वासना को शांत किया
कामवाली की
ठुकाई की
कहानी में पढ़ें
कि कैसे मेरे
घर वालों ने
एक आंटी को
काम पर रखा।
लेकिन मैंने उसे
ही सेट कर
लिया। सेक्स कहानी सेक्स
स्टोरी का मजा
लें।
दोस्तो, मेरा नाम
अभिषेक है।
मैं सवाई जबलपुर एमपी का
रहने वाला हूं।
यह बात दो
साल पुरानी है।
उस वक्त में
19 साल का था।
मैं देखने में
काफी अट्रैक्टिव और 6 फुट हाइट
का लड़का था।
स्वभाव से कुछ
ज्यादा ही सेक्सी
था और मेरी
हरकतें जगजाहिर थीं।
मैं अपनी आगे की पढ़ाई के लिए इंदौर आ गया था। मेरे घर वालों ने मेरे लिए अच्छा सा फ्लैट रेंट पर ले लिया था।
मेरा ख्याल रखने के लिए एक काम वाली कामवाली को भी लगाना था। क्योंकि घर वालों को मेरी आदतें मालूम थीं कि मैं काफी लड़कीबाज किस्म का हूं, इसलिए उन्होंने इस बात पर विशेष ध्यान दिया था। काफी जांच पड़ताल करने के बाद मेरे पापा ने एक बड़ी उम्र कामवाली को मेरे खाने पीने की व्यवस्था के लगा दिया था। ताकि अगर जवान कामवाली रखी तो कहीं मैं कामवाली की ठुकाई ना कर दूँ।
जिस काम वाली को मेरे परिवार ने सेलेक्ट किया था, उसका नाम सांता था वो 5 फुट की थी और उसके आधे बाल सफेद थे। सांता काफी ढीले कपड़े पहनती थी जिससे वो एकदम बेडौल किस्म की महिला लगती थी। उसे देखते ही मैं समझ चुका था कि यह अब मेरे सभी चीजों में निगरानी रखेगी और कोई भी चूक होने पर यह घर वालों को बता देगी।
पापा ने सांता को सब काम समझा दिया गया था और वो वापस सवाई माधोपुर जा चुके थे।
सांता ने अच्छे से काम करना चालू कर दिया और धीरे-धीरे हम दोनों ने बातें भी करना चालू कर दी थीं।
सांता से बात करते-करते मुझे पता चला कि वह 40 साल की है, मगर उसके सफेद बालों की वजह से वह काफी उम्रदराज नजर आती थी। उसने मुझे बताया कि उसका पति उसे छोड़ चुका था और उसके कोई संतान नहीं है। इसलिए वो लोगों की नजरों से बचने के लिए ऐसे ही रहना पसंद करती है।
मैंने उससे काफी बातें करके उसे अपने कॉन्फिडेंस में ले लिया था।
मैं उससे बोला- सांता मैं तुम्हें कोई काम वाली बाई नहीं, बल्कि अपना दोस्त मानता हूं। मेरी कुछ गर्लफ्रेंड्स हैं, जिनको मैं घर लाना चाहता हूं। मगर मुझे डर है कि तुम घर वालों को बता दोगी।
उस पर सांता बोली- अभिषेक साहब मैं सब समझती हूं। इस उम्र में गर्लफ्रेंड नहीं होंगी, तो कब होंगी। आप निश्चिंत रहें मैं कहीं कुछ नहीं बताऊंगी।
मैं उसकी बातें सुनकर काफी खुश था। मैं सांता को वैसे भी अपने दोस्त की तरह रखता था। उसको बाइक पर घुमाता भी था।
एक दोपहर मेरी गर्लफ्रेंड आई, जिसकी सांता ने खूब खातिरदारी की। दोनों आपस में अच्छे मिक्सअप हो गए। लेकिन मेरे मन में कहीं भी इस कामवाली की ठुकाई का ख्याल नहीं था।
मैंने सांता को बताया- ये लड़की आज रात में घर आएगी।
ये सुनकर सांता बोली- ठीक है, मैं सब तैयारी कर दूंगी।
सांता अक्सर रात में देरी हो जाने पर मेरे घर में ही रुक जाया करती थी। जब कभी बारिश तेज होती थी, तब भी वो रुक जाती थी।
जिस दिन मेरी गर्लफ्रेंड को रात में आना था, उस रात सांता ने मेरा रूम ऐसे सजाया जैसे मेरी सुहागरात हो।
कमरे को ठीक करते समय पास की दराज के ऊपर रखे कंडोम के पैकेट को भी उसने हाथ में उठाया और उनको देखकर शर्माने लगी।
थोड़ी देर में मेरी गर्लफ्रेंड आई और हम दोनों रूम में आ गए। मैंने एसी चलाया और एक दूसरे के कपड़े उतारने चालू कर दिए। हम दोनों नंगे होकर कंबल में घुस थे। अब मैं अपनी गर्लफ्रेंड के मम्मों को चूस रहा था। इतने में ही दरवाजे पर कुछ आहट हुई।
ये सांता थी।
मैंने आवाज देकर पूछा- कौन है?
तो सांता बोली- मैं हूँ … मुझे कुछ देना है … क्या मैं अन्दर आ जाऊं?
मेरी गर्लफ्रेंड ने अपने मम्मों पर हाथ रख लिए और कम्बल ऊपर करते खुद को छिपा लिया।
मैंने सांता को आवाज देकर बोला- हां आ जाओ।
सांता एक गिलास हाथ में लिए अन्दर आ गई। मैंने उससे सवालिया नजरों से पूछा कि ये क्या है?
तो सांता बोली- अभिषेक साहब, दूध पी लो … ताकत आ जाएगी।
उस पर हम दोनों हंसने लगे। सांता भी मुस्कुरा दी।
मैंने बोला- अरे अभी वही तो पी रहा था।
सांता समझते हुए बोली- मगर यह बादाम वाला दूध है … इसे पी लो, फिर अच्छे से कर सकोगे … मतलब देर तक।
मैं बोला- ओके रख दो।
वो ग्लास रखकर मेरी गर्लफ्रेंड को देखती हुई बाहर चली गई। मगर मैं जानता था कि वो बाहर से हमारी सारी आवाजें सुन रही होगी।
मैंने उसकी तरफ से खुद को नजरअंदाज करते हुए अपनी गर्ल फ्रेंड की ठुकाई करना शुरू कर दी। उस रात मैंने उसे तीन बार चोदा और सो गया।
अगले दिन सुबह मेरी गर्लफ्रेंड से जाने के बाद, सांता मुझे देख देख कर मुस्कुरा रही थी।
मैंने उसे देख कर मुस्कुराया, तो उसने हंसते हुए मुझसे पूछा- काफी थक गए होगे ना आप!
मैंने भी मुस्कुराते हुए बोला- हां … तीन बार मेहनत हुई थी।
वो मेरी तरफ देख कर बोली- हां मुझे मालूम है … रात को दो बज गए थे।
मैं समझ गया कि सांता ने मेरी ठुकाई की आवाजें भी सुनी होंगी … या कहीं किसी झिरी या छेद से ठुकाई देखी भी होगी।
मैंने उससे कुछ नहीं कहा। सब कुछ सामान्य चलने लगा। सांता भी मेरी देख-रेख एक जिम्मेदार कामवाली की तरह से करने लगी थी। मैं उसके सामने शाम को व्हिस्की और सिगरेट भी पीने लगा था। उस समय सांता मेरे लिए चखना आदि भी ला देती थी और मेरे सामने ही बैठ कर मुझे दारू पीते हुए देखती रहती थी। वो मुझे अब अच्छी लगने लगी थी।
फिर ऐसे ही दौर चलता रहा, मेरी गर्लफ्रेंड आती रहीं और सांता सबका ख्याल रखती रही।
मैंने सांता को एक मेकअप का पैकेट भी लाकर दिया, जिसमें लिपस्टिक, नेल पॉलिश और सारे आइटम थे। सांता भी मेरी गर्लफ्रेंड की देखा देखी, अपने नेल्स बढ़ाने लगी। मैं समझ गया था कि सांता भी अब फैशन करना चाहती है।
एक दिन सांता नेल पॉलिश लगा रही थी और मैं बाजार से कुछ सामान लेने बाइक पर जाने की तैयारी कर रहा था। इतने में ही सांता भाग कर आई और मोटरसाइकिल पर पीछे बैठ गई।
वो अपने दोनों हाथ मेरी छाती पर रखते हुए बोली- अभिषेक जी, मुझे भी मार्केट ले चलो। मेरी नेल पॉलिश भी सूख जाएगी।
मुझे सांता को बाइक पर बैठाने में बड़ा अच्छा लगता था, क्योंकि मुझे उसके टाईट चूचे अपनी पीठ में गड़ते हुए बड़े अच्छे लगते थे। मैं भी बार-बार ब्रेक लगाकर सांता के मम्मों को फुल एंजॉय करता था।
उस दिन मैंने उससे पूछा कि तुम्हें अपने लिए कुछ और लेना हो तो ले लो।
वो बोली- हां मुझे कुछ अंदरूनी कपड़े लेने हैं।
मैंने उसे चार सैट ब्रा पैंटी के ले दिए। साथ ही एक बेबीडॉल फ्रॉक और दो नाईटी भी ले दीं।
दो दिन बाद सांता ने मुझसे बोला- साहब आप तो इतना इंजॉय करते हो, आपकी इतनी सारी गर्लफ्रेंड हैं। मेरा भी कोई बॉयफ्रेंड बनवा दीजिए ना।
यह सुनते ही मैं खूब जोर जोर से हंसते लगा। फिर मैंने बोला- जरूर सांता मैं समझ सकता हूं, तुम्हारा पति तुम्हें छोड़ कर जा चुका है और तुम्हें भी मर्द की जरूरत होती होगी। तुम इस जरूरत में बॉयफ्रेंड नहीं बनाओगी, तो कब बनाओगी।
यह सुनकर सांता बोली- साहब क्यों मजाक उड़ा रहे हो मेरा? मैं तो वैसे सबसे बच कर रहना चाहती थी, लेकिन आपके अच्छे व्यवहार ने मुझे भी ये सब अच्छा लगने लगा।
मैंने बोला- ओके … ये सब अच्छा ही होता है। बस थोड़ा ध्यान रख कर मजा लेना चाहिए। मैं तुम्हारे एक नहीं … कई सारे बॉयफ्रेंड बनवा दूंगा।
फिर मैंने सोचा कि मेरे घर वाले इस सांता को इसलिए लाए थे, ताकि वह मुझ पर निगरानी रख सके और मुझे सुधार सकें। लेकिन अब इस सांता को ही मैं अपने सभी दोस्तों से चुदवा दूंगा। मजा आ जाएगा … इसे तो रंडी बना दूंगा।
मैं यह सोच सोच कर बहुत खुश हो रहा था।
फिर मैं सांता से बोला- तुम्हारे इन सफेद बालों देख कर तो कोई भी लड़का तुम्हारे पास नहीं आएगा। तुम पर बहुत मेहनत करनी पड़ेगी, तुमको तैयार करना पड़ेगा। लेकिन जैसा मैं बोलूं, तुम वैसा करोगी … तो तुम्हारे बॉयफ्रेंड बनने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
इस पर सांता बोली- साहब आप जैसा बोलोगे … मैं वैसा ही करूंगी।
अगले दिन मैंने सांता को बोला- चलो पिंकी, आज तुम्हारे बाल डाई करते हैं।
मैंने उसे एक पुरानी टॉवल दी और बोला- पहले तुम तैयार हो जाओ, बाथरूम में आ जाओ फिर शुरू करते हैं।
क्योंकि डाई से कपड़े खराब होने का डर था, इसलिए मैं भी सिर्फ अपने बॉक्सर में बाथरूम में आ गया।
अब मैं और सांता बाथरूम में थे। उसका गदराया हुआ बदन देख कर मैं भौचक्का रह गया था। मैंने बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया था। मैंने सांता को शॉवर के नीचे खड़ा किया और शॉवर ऑन कर दिया।
पानी आते ही सांता का तौलिया पूरा गीला हो गया और उसका बदन पूरा साफ नजर आने लगा। बॉक्सर के अन्दर मेरा भी लंड साफ हलचल करने लगा। मैंने सांता के बाल डाई करना चालू कर दिए। डाई करते वक्त मेरी नजर बार-बार उसके कसे हुए मम्मों की तरफ पड़ रही थी।
सांता के बालों डाई लग चुकी थी। मैंने सांता से बोला कि अभी इसे सूखने में 15 मिनट लगेंगे।
वो आईने में खुद के बालों को ही देख रही थी।
मैंने कहा- सांता तुम्हारे नेल्स भी काफी बड़े हो रहे हैं। … इस पर नेल पॉलिश लगा देता हूं … फिर तुम काफी सेक्सी लगोगी।
सांता सेक्सी शब्द सुनकर शर्मा गई।
मैं लाल कलर की नेल पॉलिश उसके लंबे नाखूनों पर लगाने लगा। नेल पॉलिश लगाते समय मैं बार-बार गीली तौलिया में उसके तने हुए मम्मों को देख रहा था।
उसके मस्त दूध देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा था। मैंने सांता से कहा- तुम्हारा फिगर बहुत ही सेक्सी है और तुमने तो मेरा ही खड़ा कर दिया है।
यह सुनते ही वो बहुत हंसी और बोली- तो अब तो पक्का हो गया कि मेरे बॉयफ्रेंड बन ही जाएंगे।
मैंने कहा- हां क्यों नहीं … बिल्कुल तुमको तुम्हारी प्यास शांत करने वाले कई मर्द मिल जाएंगे।
सांता प्यास शांत करने वाले मर्द की बात सुनकर वासना में गर्म होने लगी। उसकी आंखों में वासना की खुमारी साफ़ दिखने लगी थी और वो मुझसे सटने का प्रयास करने लगी थी।
उसके बालों में डाई लगने से और हाथों में नेल पॉलिश लगने से वो बहुत मस्त लगने लगी थी … बिल्कुल पोर्न स्टार्स की तरह।
सांता ने मुझसे बोला कि मेरे पैरों पर भी नेल पॉलिश लगा दो।
मैंने कहा- ठीक है।
फिर मैंने उसे बाथरूम के स्टूल पर बैठा दिया और जैसे ही मैंने पोजीशन ले ली। मेरी नजर टॉवल के अन्दर से उसकी चुत पर पड़ी।
उसने चुत चिकनी कर रखी थी … झांट रहित बिल्कुल साफ चुत थी।
सांता बाई की चुत मेरी गर्लफ्रेंड से भी ज्यादा मस्त और फूली हुई दिख रही थी।
मुझसे अपने आप पर काबू ही नहीं हो पा रहा था। मैं जैसे-तैसे उसके पैर के नाखूनों में नेल पॉलिश लगा सका। इतनी देर में मेरे लंड का बुरा हाल हो चुका था। अब मैं अपनी कामवाली की ठुकाई की ठुकाई करना चाहता था।
मैं जैसे ही खड़ा हुआ, सांता ने मेरा लंड देखकर बोला- यह आपको क्या हो गया साहब?
मैंने कामुक स्वर में कहा- एक जवान लड़के को अपने बड़े बड़े बूब्स दिखाओगे, नंगी चिकनी चुत दिखाओगी, तो यही हाल तो होगा।
इस पर सांता हंसने लगी और अपने हाथ से मेरे उभरे हुए लंड को सहलाने लगी।
मैंने सांता से बोला- चलो पन्द्रह मिनट हो चुके हैं … तुम्हारे बाल काले हो चुके हैं।
वो बोली- ठीक है।
फिर मैंने सांता को उल्टा किया और उसके बाल हैंड शॉवर चलाकर साफ करने लगा।
सांता के बाल साफ करते करते मैंने अपना लंड सांता की गांड से रगड़ना चालू कर दिया। थोड़ी देर में मैंने उसकी टॉवल भी ढीली कर दी, जो फट से नीचे गिर गई।
अब सांता मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। उसे अपनी तौलिया गिर जाने का कोई मलाल नहीं था। वह अपने बाल शीशे में देख देख कर काफी खुश हो रही थी और मैं उसको नंगा देख कर खुश था। खुशी में उसने मुझे कसके गले लगा लिया और मैंने भी अपने हाथ उसकी गांड पर रख कर उसे दबा दिया।
मेरा खड़ा लंड उसे साफ महसूस हो रहा था। सांता ने मेरी लंड की हालत देखते हुए कहा- इसे क्यों इतनी तकलीफ दे रहे हो … मैं आजाद कर देती हूं इसको।
उसने मेरे बॉक्सर को नीचे कर दिया। मेरा लंड बाहर आते ही उसने कसके अपने एक हाथ में पकड़ लिया और बोली- अरे रे रे इतना बड़ा है तुम्हारा साहब।
मैं गनगना गया था।
उसने मेरा लंड हिलाते हुए अपना दूसरा हाथ मेरे आंड पर रखा और उनको सहलाते हुए बोली- अब समझी, तुम्हारी गर्लफ्रेंड की चीखें क्यों निकलती हैं। साहब तुम्हारा इतना बड़ा जो है।
मैं काफी उत्तेजित हो रहा था क्योंकि वह बहुत अच्छे से दोनों हाथ इस्तेमाल कर रही थी। फिर वो बिना कोई देरी करे झट से नीचे बैठ गई और मेरे लंड को चूसने लगी।
वो अपने दोनों हाथों से अपने मेरा लंड हिला रही थी और मुँह से चूसे जा रही थी। साली लंड भी चूस ऐसे रही थी जैसे कोई लॉलीपॉप हो। मैं समझ गया था कि मैं ज्यादा देर तक नहीं टिक पाऊंगा।
मैंने सांता से कहा- बस भी करो सांता … नहीं तो मैं झड़ जाऊंगा।
उस पर सांता बोली- कोई बात नहीं … झड़ जाओ … आज मैं नहीं छोडूंगी।
मैं- आह बस करो सांता … आह बस करो आआए। … अब बस भी करो।
मगर सांता जोर जोर से हंसने लगी। वो लंड को और जोर जोर से चूसने लगी। मैं बता नहीं सकता कि मैं कैसे कंट्रोल किए हुए था। पर आखिरकार मेरी पिचकारी छूट गई।
मेरी आवाज निकल रही थी- आह सांता सांता … ओह ओह रुक जाओ बस बस।
मगर सांता ने मेरा लंड अपने मुँह से नहीं निकाला … उसने लंड का सारा पानी पी लिया था। मैं बुरी तरह थक चुका था।
मैंने निढाल स्वर में कहा- आह तुमने अपने मुँह में ही ले लिया!
मेरा सारा वीर्य पीने के बाद सांता बोली- आप जैसे अमीरों का अमृत कहां रोज-रोज नसीब होता है। ऐसे कैसे खराब कर देती।
यह बोलकर वह हंसने लगी।
मैंने बोला- सांता आज तो मेरी वाट लग गई … शाम को मेरी गर्लफ्रेंड को आना है और मैं उसके साथ कुछ नहीं कर पाऊंगा। इतनी देर हो गई है।
उसने कहा- सब कर पाओगे।
सांता ने शाम तक सारी तैयारी कर ली थी। मेरा रूम अच्छे से तैयार था।
फिर सांता ने बोला- आज इतनी तेज बारिश हो रही है … आपकी गर्लफ्रेंड आज कैसे आ पाएगी?
मैंने बोला- मेरी वो गर्लफ्रेंड आज तुम ही हो।
यह सुनते ही सांता झट से मेरे गले लग गई। मैंने सांता को गोद में उठाया और बेड की तरफ ले चला।
हमने एक दूसरे के कपड़े उतारे। सांता ने बेड पर लेट कर मुझे अपने पास बुलाया।
मैंने उसके पैरों को चूमना चालू किया और चूमते चूमते उसकी चुत तक आ पहुंचा। जब से मैंने उसकी चुत देखी थी, मैंने उसे चाटने का मन बना लिया था। मैं उसकी चुत आराम से चाट रहा था और वह ‘आह उई … मां मजा आ रहा है। … आह अच्छे से चाटो।।’ बोलने लगी।
कुछ मिनट चुत चाटने के बाद मैं ऊपर आ गया और उसके बड़े बड़े मम्मों पर आक्रमण कर दिया।
उसने कहा- अब और सहा नहीं जाता, डाल दो अपना लंड मेरी चुत के अन्दर और मेरी प्यास बुझा दो।
मैंने लंड चुत की फांकों में सैट किया और धक्का दे दिया। सांता की चुत कसी हुई थी। उसकी तेज आवाज निकल गई। कुछ देर बाद मस्त ठुकाई का मजा आने लगा।
कोई दस मिनट बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ गए।
उस रात हम मैंने दो बार धकापेल कामवाली की ठुकाई की।