पड़ोस की जवान भाभी के साथ सेक्स कहानी
मेरे पड़ोस की जवान भाभी से उसका पति झगड़ता था। भाभी का सेक्सी जिस्म देख मैंने फायदा उठाने की सोची। भाभी को गर्म करके मैंने उसकी चूत को लंड का मजा कैसे दिया?
सेक्स कहानी के प्रिय पाठकों को मेरा नमस्कार!
दोस्तो, मैं सैक्स कहानी का एक नियमित पाठक हूं। इस साइट पर मैं अनेकों कहानियां पढ़ चुका हूं, इसलिए जब मनोरंजक हिन्दी सेक्स कहानी की बात आती है तो सबसे पहले सेक्स कहानी का नाम ही ज़हन में आता है।
कई बार मैंने अपनी खुद की कहानी भी आप लोगों के सामने रखने के बारे में सोचा लेकिन पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा था। आखिरकार मैं अपनी कहानी लिखने में सफल हुआ और उसी कहानी को आप सबके सामने पेश कर रहा हूं।
सेक्स कहानी साइट पर चूंकि यह मेरी पहली कहानी है इसलिए मुझसे यदि कोई गलती हो जाये तो मैं आप लोगों से पहले ही क्षमा चाहता हूं और निवेदन करता हूं कि उस पर ध्यान न दें। दोस्तो, यह कहानी मेरे जीवन में घटी एक सत्य घटना पर आधारित है। उम्मीद है मेरी यह आपबीती आप लोगों को पसंद आयेगी।
कहानी को शुरू करने से पहले मैं आपको अपना सामान्य परिचय देना चाहूंगा। मेरा नाम गजेंद्र है और मैं पंजाब के सोनीपत जिले का निवासी हूं। यह घटना आज से साल भर पुरानी है। उस वक्त मैं 22 साल का था और घर पर ही रहता था।
मेरी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी और मैं घर पर ही रहता था। मेरा ज्यादातर समय सोशल नेटवर्किंग साइट पर ही बीतता था।
मेरे पड़ोस में एक शादीशुदा महिला रहती थी जिसका नाम अंजली (बदला हुआ) था। उस लेडी की उम्र लगभग 27-28 के पास थी। वैसे उम्र में वो मुझसे 7-8 साल बड़ी थी इसलिए मैं उसको भाभी ही कहना चाहूंगा। वो देखने में बहुत सुंदर थी।
इस घटना से पहले मेरा ध्यान कभी उस भाभी पर नहीं गया था। जब पहली बार मेरा ध्यान किसी घटना ने खींचा तो वो पति-पत्नी के बीच का झगड़ा था। अंजली का पति शराब पीता था और उस दिन उसके पति के साथ उसकी जबरदस्त लड़ाई हुई थी।
उस झगड़े वाली घटना की खबर पूरे पड़ोस में आग की तरह फैल गयी थी। तब पहली बार मैंने उन पर ध्यान देना शुरू किया। फिर अगली शाम को मेरा दोस्त मेरे घर आ गया। उसने भी बताया कि उसका पति रोज शराब पीता है और उसके साथ झगड़ा करता है। शादी के बाद से उन दोनों में लड़ाई हो रही थी।
मेरे दोस्त ने बताया कि वो इतनी ज्यादा शराब पीता है कि उसको कुछ होश ही नहीं रहता। मेरे दोस्त को अंजली के बारे में काफी कुछ पता था। उसी ने मुझे बताया कि उसका पति उसके साथ सेक्स भी नहीं करता है।
जब मुझे ये बात पता चली तो मेरा ध्यान भी भाभी के बदन पर जाने लगा। इससे पहले मैंने कभी उसको वासना की नजर से नहीं देखा था। मगर दोस्त के यह बताने पर कि उसकी भाभी नहीं हो रही है तो तब से मेरे मन में भी उसके साथ सेक्स करने के ख्याल आने लगे।
मैंने अपने दोस्त से कहा कि अंजली का नम्बर हो तो पता करो।
दोस्त बोला- मैं उसकी एक सहेली
को जानता हूं, उससे नम्बर लेकर तुम्हें दे दूंगा।
अगले दिन मेरा दोस्त अंजली का नम्बर लेकर आ गया। मैंने उसको थैंक्स बोला।
उसके जाने के बाद मैंने उसका नम्बर सेव कर लिया।
मैंने पाया कि वो व्हाट्स एप पर भी एक्टिव थी।
उसने अपनी फोटो भी लगाई हुई थी।
फोटो में उसने एक सफेद रंग का सूट और लाल रंग की पजामी पहनी हुई थी।
उसकी गांड बहुत ही सेक्सी शेप में दिख रही थी।
उसकी मोटी मोटी जांघों में पजामी ऐसे कसी हुई थी जैसे ये सिर्फ उसी के लिए बनाई गई हो।
मैंने उसको मैसेज करने की सोची।
मगर थोड़ा डर भी लग रहा था कि कहीं ये किसी से शिकायत न कर दे। मैंने रात को 8 बजे
के करीब उसको हाय लिख कर एक मैसेज किया।
उसने मैसेज देखा लेकिन कोई जवाब नहीं दिया।
मैंने एक घंटा इंतजार किया लेकिन उसका रिप्लाई नहीं आया।
उसके बाद मैंने फिर से ट्राई करने की सोची।
अगली बार मैंने उसको अपना नाम और पता भी लिख कर भेजा।
मैंने मैसेज में लिखा कि मैं उसका पड़ोसी गजेंद्र हूं।
जब उसने मेरा नाम पढ़ा तो उसने मैसेज किया।
मैसेज में उसने हाय लिखा और पूछने लगी कि उसका नम्बर कहां से मिला।
मैंने उससे झूठ ही बहाना बना दिया कि उनके घर का एक लैटर गलती से हमारे घर पर आ गया था। उसमें आपका नाम और नम्बर लिखा हुआ था।
मेरी इस बात पर उसने यकीन भी कर लिया।
उसके बाद हम दोनों में बातें होने लगीं।
पहले तो नॉर्मल बातें हुई और फिर मैंने उससे उसके पति के साथ संबंधों के बारे में पूछा।
मैंने उस झगड़े की बात छेड़ी और उसको सांत्वना देने की कोशिश की।
उसने मुझे थैंक्स बोला।
उसको मुझसे बातें करना अच्छा लग रहा था।
इसलिए वो जल्दी ही रिप्लाई कर रही थी।
फिर मैंने उससे कहा- कभी आप हमारे
घर पर आयें तो मुझसे मिल कर जायें।
मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है।
वो बोली- ठीक है, मैं
अभी आ जाती हूं।
उसका ये मैसेज देख कर मेरी गांड फट गयी।
मैंने कहा- नहीं- नहीं
… अभी
तो रहने दीजिये।
कल-परसो आ जाइयेगा।
वो बोली- अब क्या
दिक्कत है?
मैंने कहा- अभी तो मैं
कहीं बाहर हूं।
मैं अभी घर पर नहीं मिलूंगा।
बड़ी मुश्किल से मैंने उसको समझा कर मना किया।
वो मान गयी।
रात को मैंने उसकी फोटो देख कर लंड भी हिला लिया।
लंड का पानी निकाल कर थोड़ा चैन मिला और फिर मैं सो गया।
सुबह उठा और फ्रेश होकर नाश्ता किया।
उसके बाद मैंने कुछ देर टीवी देखा और फिर नहाने चला गया।
मैं नहा कर तैयार हो ही रहा था कि तभी अंजली घर आ गयी। सामने मां थी और उसने सीधा मां से बात करनी शुरू कर दी।
अंजली बोली- कल रात को गजेंद्र का फोन आया था।
वो कुछ बात करना चाह रहा था।
इसलिए मैं उससे बात करने के लिए आई हूं।
मेरी गांड फटने को हो गयी।
सोचा कि ये तो मार खिलवायेगी।
मां के सामने पोल-पट्टी खुलने वाली थी। मां ने मेरी ओर देख कर कहा- गजेंद्र, तुमने
अंजली भाभी के पास फोन किया था?
मैंने कहा- हां, वो
गलती से लग गया था, मैं तो अपने
एक दोस्त को फोन लगा रहा था।
फिर जब उस नम्बर पर बात की तो पता चला कि ये अंजली भाभी का नम्बर है।
मेरे दोस्त और इनका नम्बर काफी मिलता जुलता सा है।
किसी तरह बहाना बना कर मैंने झूठ का सहारा लेकर बात को संभालने की कोशिश की।
फिर अंजली और मेरी मां बैठ कर बातें करने लगीं।
कुछ देर बातें करने के बाद वो हमारे घर से चली गयी।
उस दिन तो मरवा ही दिया होता उस भाभी ने मुझे।
अगले दिन मैं बाहर मार्केट में जा रहा था कि अंजली मुझे अपने घर के बाहर खड़ी दिख गयी।
मैंने कहा- भाभी आपको मेरी मां के सामने
बात करने की क्या जरूरत थी?
वो बोली- क्यों, मैंने
क्या गलत किया?
मैंने कहा- मुझे आपसे अकेले में बात करनी थी, घरवालों
के सामने नहीं।
वो बोली- ऐसी क्या बात थी जो
घरवालों के सामने नहीं कर सकते थे?
मैंने कहा- थोड़ा साइड में चलिये, फिर
बताता हूं।
मैं उसको उसके घर के अंदर की ओर ले गया।
मेरा लंड टाइट होने लगा था।
उसकी बूब्स की शेप देख कर मेरा मन कर रहा था कि यहीं पर इसको नंगी कर लूं।
जब उसने देखा कि मैं उसकी चूचियों को घूर रहा हूं तो हल्के से मुस्कराने लगी।
शायद उसको पता लग गया था कि मैं उससे किस बारे में बता करना चाह रहा हूं।
एक तरफ जाकर वो पूछने लगी- बताओ, क्या
बात थी?
मैंने कहा- मुझे आपके लिए बहुत सॉरी फील हो रहा
है।
उस दिन के झगड़े वाली बात काफी बुरी लगी मुझे।
वो बोली- हां, दुखी
तो मैं भी हूं लेकिन मुझे आदत हो गयी है।
वो बोली- बस यही
बात करनी थी तुम्हें?
मैंने कहा- नहीं, बात
तो और भी करनी है।
उसने कहा- तो कहो?
मैंने कहा- आपको बुरा तो नहीं
लगेगा?
अंजली ने कहा- नहीं, कहो
तो, क्या कहना चाहते हो?
मैंने कहा- मैं आपकी कुछ हेल्प करूं?
उसने पूछा- कैसी हेल्प?
मैंने कहा- यदि आप अपने
पति के साथ खुशी नहीं हैं तो … मैं … कुछ
मदद करूं?
वह मेरे इशारा को समझ गयी थी लेकिन पता नहीं एकदम से उसने गुस्से में बोला- तुम्हारा दिमाग ठिकाने पर तो
है, जानते हो क्या
कह रहे हो?
मैंने कहा- हां भाभी, मुझे
आपके लिये सच में बहुत बुरा लग रहा है।
ये कहते हुए मैंने उसके हाथ को पकड़ लिया और सहानुभूति सी दिखाते हुए उसके हाथ को अपनी लोअर के करीब कर लिया।
उसके कोमल से हाथ को छूते ही मेरा लंड कुछ ही सेकेण्ड्स में तन गया।
उसका हाथ मेरे लंड को छू गया तो उसने नीचे देखा।
मेरा लंड खड़ा हो चुका था।
उसको भी मेरा खड़ा लंड देख कर लालच सा आ गया और वो
बोली- लेकिन किसी को पता
चल गया तो?
मैंने उसके हाथ को अपने लंड पर दबा दिया और उसके होंठों को किस कर दिया।
वो एकदम से पीछे हो गयी मगर कुछ सोच कर फिर वो मेरे पास आई और मेरे लंड पर हाथ रख कर मेरे होंठों को किस करने लगी।
हम दोनों घर के बरामदे में खुले में चूमा-चाटी कर रहे
थे।
जब मुझे इस बात का अहसास हुआ तो मैंने कहा- यहां सेफ नहीं है भाभी। हमें कहीं और चलना
होगा।
उसके बाद मैं उसको लेकर ओयो रूम्स में गया।
कमरे में जाते ही हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को किस करने लगे।
मैंने उसकी गांड पर दोनों हाथ रख दिये और सामने से उसकी चूत वाले हिस्से पर लंड को सटा कर उसके होंठों को जोर जोर से चूसने लगा।
वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
किस करते ही मेरे हाथ उसके सूट को ऊपर उठाने लगे।
मैंने कमीज को ऊपर किया और उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियों में मुंह दे दिया।
फिर मैंने उसके कमीज को पूरा ही निकाल दिया।