सेक्सी संजू चाची के साथ सेक्स
तो संजू चाची
बहुत बड़ी चुदक्कड़
हैं। अगर उन्हें
किसी का लंड
मिल जाए, तो वे
उसके लंड का
रस पिए बिना
उसे अपने हाथों
से दूर नहीं
जाने देती हैं।
संजू चाची के
जिस्म की कामुकता
इतनी ज्यादा है
कि कोई भी
मर्द उनको एक
बार देख ले,
तो वो अपना
आपा खो दे
और उसे अपने
ही हाथों से
अपने लंड की
मुठ मारनी पड़
जाए।
अब मैं आपको
उनके फिगर के
बारे में बताता
हूं। संजू चाची
की उम्र उस
समय करीब 36 साल होगी
और उनका फिगर
36-30-38 का
था। उनके बहुत
बड़े बड़े दूध
थे, सेक्सी कमर
और बहुत ही
मोटी गांड थी
… जिसकी ठुकाई के
लिए आपका भी
मन मचल जाएगा।
संजू चाची का
बदन एकदम सफ़ेद
… जैसे वो दूध
में नहाई हुई
हों। चाची के
जिस्म पर एक
भी दाग नहीं
था … ऊपर से
नीचे तक एकदम
मस्त थीं। उनके
निप्पल थोड़े से
बड़े … मगर एकदम
पिंक कलर के,
जिन्हें
चूसने में बहुत
मजा आता था।
चाची की नाभि
एकदम गहरी, जिसमें आपका
खो जाने का
मन करे। चाची
अपनी चुत को
एकदम साफ रखने
वाली थीं। वो
हमेशा अपनी चुत
की टाइम टाइम
पर सफाई करके
रखती थीं।
आपको उनकी फैमिली
के बारे में
बता दूं उनकी
फैमिली में पांच
लोग हैं। मेरे
फ्रेंड के
पापा, उसकी माँ,
उसकी दादी, उसकी एक
बहन और खुद
मेरा दोस्त। फ्रेंड
की दादी
उसकी बहन और
वो शहर में
पढ़ाई करने के
लिए रहते हैं।
वो घूमने के
लिए कभी कभी
गांव आ जाता
है।
ये बात आज
से दो साल
पहले की है।
वैसे मैंने कभी
अपने फ्रेंड की माँ के
बारे में ऐसे
विचार नहीं सोचे
थे … मगर एक
दिन मैं अपने
फ्रेंड के
घर गया और
मैंने घर पर
मेरे फ्रेंड को आवाज दी।
मगर संजू चाची
की आवाज बाथरूम
से आई- वो यहां
नहीं है। बाजार
कुछ सामान लेने
गया है, वो थोड़ी
देर में आ
जायेगा।
मैंने कहा- ठीक है।
इतना कह कर
मैं चला गया।
उस वक्त तक
मुझे नहीं पता
था कि वो
नहाने बाथरूम में
गयी थीं।
थोड़ी देर बाद
मैं फिर से
उनके घर आया
और संयोग से
ऐसी जगह खड़ा
था, जहां से
बाथरूम का नजारा
साफ दिखाई दे
रहा था।
मैं फ्रेंड को आवाज देने
ही वाला था
कि इतने में
बाथरूम का दरवाजा
खुला, मैंने देखा
कि मेरे फ्रेंड
की माँ
संजू मेरी आंखों
के सामने सिर्फ
टॉवेल लपेटे हुए
थीं और वो
टॉवेल भी बस
संजू चाची को
नाम मात्र ही
ढक रहा था।
ऊपर से पूरा
खुला हुआ बदन,
सिर्फ आधे मम्मों
को ही ढक
पा रहा था
और नीचे से
भी सिर्फ थोड़ी
सी चूत को
ही ढक पा
रहा था। अगर
टॉवेल थोड़ी ऊपर
और हो जाती,
तो मुझे संजू
चाची की चूत
भी साफ दिखाई
दे जाती।
उनकी नजर मुझ
पर पड़ी, वो जल्दी
से मेरे सामने
से भागती हुई
गईं और अपने
कमरे की तरफ
भागीं, मगर ये
क्या भागते हुए
रास्ते में उनका
टॉवेल खुल गया
और मेरे सामने
संजू चाची एकदम
नंगी हो गई
थीं। वो अपने
बदन को छुपाने
की नाकाम कोशिश
करती हुई दिख
रही थीं।
मुझे जो देखना
था, वो मुझे
दिख गया था।
मैंने संजू चाची
को ऊपर से
नीचे तक पूरा
नंगी देख लिया
था। मैंने अपनी
लाइफ में पहली
बार किसी औरत
को अपनी आंखों
के सामने नंगी
देखा था। उस
समय मेरा लंड
एकदम तन गया
था।
वो मुझे देखकर
जल्दी से हंसती
हुई भागीं और
अपने कमरे में
चली गईं।
करीब बीस मिनट
बाद वो कपड़े
पहन कर बाहर
आईं। वो इस
वक्त एक सेक्सी
सी साड़ी पहन
कर आई थीं।
साड़ी तो उनके
बदन लिपटी हुई
थी, मगर पता
नहीं क्यों अब
चाची मुझे सेक्सी
सी दिखने लगी
थीं। शायद मैंने
उन्हें नंगी देख
लिया था इसलिए
मुझे ऐसा लगने
लगा था।
चाची ने मुझे
हंस कर देखा
और अपनी झेंप
खत्म करने की
कोशिश की। मगर
अब मेरी निगाह
उनके मम्मों पर
ही टिकी हुई
थी। चाची ने
शायद मेरी वासना
को पढ़ लिया
था।
फिर मैंने चाची
से फ्रेंड के लिए कहा,
तो चाची ने
कहा- वो अभी
नहीं आया है।
मैं वहां से
चुपचाप घर आ
गया। घर आ
कर मेरा मन
बिल्कुल
भी शांत नहीं
था क्योंकि मैंने उनके
जिस्म का वो
हिस्सा देख लिया
था, जो नहीं
देखना चाहिए था।
उसके बाद से
मेरे दिल में
मेरे ही फ्रेंड
की माँ
के प्रति गलत
भावना बनने लगी।
मैं संजू चाची
के नाम की
दिन में चार
से पांच बार
मुठ मारने लगा।
इतना सेक्सी जिस्म
देख कर किस
मर्द का लंड
खड़ा नहीं होगा।
इसी बीच में
चाची के घर
जाता रहा और
उनको देखता रहा।
उनकी आँखों ने
मेरी कामपिपासा को पढ़
लिया था, मगर उन्होंने
हर बार हंस
कर ही मुझे
सिड्यूस
किया।
पांच दिन बीत
गए थे, लेकिन जब
भी मैं संजू
चाची के बारे
में सोचता … मेरा लंड
एकदम तन जाता
और फिर लंड
को संजू चाची
के नाम की
मुठ मारके ही
शांत करना पड़ता
था।
मैंने सोच लिया
था कि चाहे
जो भी हो,
मुझे संजू चाची
की ठुकाई करनी
ही है।
अगले दिन मैं
फिर से उनके
घर गया। घर
पर कोई नहीं
था, अंकल भी
खेत गए हुए
थे। संजू चाची
घर पर अकेली
ही थीं। मैंने
सोच लिया था
कि मैं आज
संजू चाची को
चोद कर ही
उनके घर से
बाहर निकलूंगा, चाहे कुछ
भी हो जाए।
संजू चाची शायद
घर का काम
कर रही थीं,
तो मैं खुद
घर के अन्दर
ही चला गया।
चाची ने मुझे
देखा और हंस
कर पास आने
को कहा। मैंने
देखा कि वो
अपने बेडरूम में
बिस्तर ठीक कर
रही थीं। मैंने
जैसे ही उन्हें
देखा, मेरा लंड
एकदम तन गया।
मैंने संजू चाची
को पीछे से
पकड़ लिया। मैंने
सीधे ही उनके
दोनों मम्मों अपने
हाथ में ले
लिए और जोर
जोर से उन्हें
मसलने लगा।
चाची की आह
निकलने लगी। उन्होंने
पीछे मुड़ कर
मुझे देखा और
एकदम से सकपका
गईं। उन्होंने कहा- ये क्या
कर रहे हो
हितेश ?
मैंने कहा- कुछ नहीं
चाची … वही कर
रहा हूं, जो मुझे
बहुत पहले कर
लेना चाहिए था।
वो समझ गईं
कि मैं क्या
करने की बात
कर रहा हूं।
उन्होंने
कहा- ये सब
गलत है हितेश
… मैं तुम्हारे
फ्रेंड की
माँ हूं … और तुम्हारी
भी माँ जैसी
ही हूं।
मैंने कहा- माँ जैसी
हो … माँ तो
नहीं हो ना
…
बस मैं अपने
काम में लग
गया। मैंने संजू
चाची के मम्मों
को जोर जोर
से मसलना शुरू
कर दिया और
उनकी आहें तेज़
हो गईं। शायद
चाची के दिल
में भी मुझसे
चुदने की इच्छा
थी, पर वो
कह नहीं पा
रही थीं।
मैंने उनके गले
पर भी किस
करना शुरू कर
दिया। मैंने उन्हें
अपनी तरफ घुमाया
और उन्हें दीवार
की तरफ ले
गया। मैंने चाची
को दीवार के
सहारे खड़ा कर
दिया और मैं
संजू चाची को
जोर जोर से
किस करने लगा।
उन्होंने
मुझे फिर से
प्यार से कहा-
हितेश प्लीज़
ये सब गलत
है … ऐसा मत
करो।
मगर मैं नहीं
माना, मैं मेरे
काम में लगा
रहा।
मैंने उनके होंठों
को फिर से
मेरे होंठों के
बीच में ले
लिया और जोरों
से किस करने
लगा। उनके मम्मों
को बहुत ही
जोरो से मसलने
लगा। उनकी आहें
निकलने को हो
रही थीं, मगर मेरे
मुँह में ही
दबी जा रही
थीं। उनकी सांसें
तेज़ हो चुकी
थीं और मेरी
भी सांसें तेज़
होने लगी थीं।
मैं लगातार उन्हें
किस किए जा
रहा था।
वो धीरे धीरे
मेरा साथ देने
भी लगीं मगर
कभी कभी मुझे
रोकने का प्रयास
भी करती रहीं।
मुझे न रुकना
था और न
मैं रुका। मैं
बस अपने काम
में लगा रहा।
थोड़ी देर बाद
उन्होंने
बोलना ही बंद
कर दिया और
मेरा साथ देने
लगीं। अब वो
भी मुझे किस
करने लगीं। मैं
समझ गया कि
संजू चाची भी
अब मेरे लंड
का स्वाद चखना
चाहती हैं।
उन्होंने
धीरे से बुदबुदाते
हुए कहा- मैं तुमसे
कह ही नहीं
पा रही थी
लेकिन तुमने मेरा
मन पढ़ लिया।
यह सुनकर मैंने
बिना देर किये
अपने एक हाथ
को संजू चाची
की चूत के
ऊपर पहुंचा दिया
और साड़ी के
ऊपर से ही
मैं उनकी चूत
को सहलाने लगा।
अपने एक हाथ
से उनके मिल्की
मम्मों को मसलता
रहा।
संजू चाची की
आहें बहुत तेज़
हो गयी थीं
और उनकी सांसें
भी बहुत तेज़
चलने लगी थीं।
वो अब अपने
पूरे जोश में
आ गयी थीं।
मैंने बिना देर
किये धीरे धीरे
उनके सारे जिस्म
पर किस करना
शुरू कर दिया।
गले पर, सीने पर
और फिर उनके
पेट पर किस
करने लगा। जैसे
ही मैं किस
करते हुए उनकी
नाभि के पास
पहुंचा और जैसे
ही मैंने उनकी
नाभि पर किस
किया, वो सिहर
उठीं। उनकी इस
सीत्कार
से मेरे अन्दर
एक ऊर्जा सी
दौड़ गयी।
मैंने अपनी जीभ
से उनकी नाभि
को खूब चूमा।
मैं ये बार
बार करने लगा।
हर बार संजू
चाची आहें लेतीं,
जिससे मुझे बहुत
मजा आता।
उनकी मस्त आहें
सुन कर मेरे
लंड का हाल
भी बहुत बुरा
हो चुका था।
वो एकदम तन
कर फटने की
कगार पर पहुंच
चुका था।
तभी संजू चाची
ने मेरे लंड
को मेरी पैंट
के ऊपर से
ही पकड़ा और
कहा- ओ माय
गॉड … तुम्हारा लंड इतना
मोटा और इतना
लम्बा है। मुझे
मालूम ही नहीं
था कि ये
इतना बड़ा भी
हो सकता है।
मैंने कहा- हां संजू
चाची …
संजू चाची ने
कहा- इतना लम्बा
और मोटा लंड
तो तुम्हारे अंकल का
भी नहीं है।
मैंने कहा- संजू चाची,
हर किसी के
पास ऐसा लंड
नहीं होता, ऐसा बनाने
के लिए मेहनत
करनी पड़ती है।
संजू चाची ने
कहा- कैसी मेहनत?
मैंने कहा- चाची अब
आप अनजान बनने
की कोशिश मत
करो, आप जैसी
हॉट सेक्सी औरत
के नाम की
मुठ मारने के
बाद ही लंड
इतना बड़ा हो
सकता है … ये बात
तो आप भी
जानती हैं।
संजू चाची ने
हंसते हुए कहा-
अब तक तुमने
कितनी बार मुठ
मारी है?
मैंने कहा- संजू चाची,
पिछले पांच दिन
में आपके नाम
की करीब पच्चीस
बार मुठ मार
चुका हूं।
मेरे इतना बोलते
ही संजू चाची
ने मेरे होंठों
पर किस कर
दिया। ये पहली
बार था कि
संजू चाची ने
खुद आगे रहकर
मुझे किस किया
था।
किस करने के
थोड़ी देर बाद
संजू चाची ने
कहा- ओह हितेश
, क्या
सच में तुम
मुझे इतना चाहते
हो?
मैंने कहा- हां संजू
चाची, मैंने जब
से आपके नंगे
जिस्म को देखा
है … मेरे लंड
को चैन नहीं
मिल रहा है।
मुझे बार बार
आपके नाम की
मुठ मारनी पड़ती
है।
संजू चाची ने
कहा- ठीक है
… आज के बाद
तुम्हें
मुठ नहीं मारनी
पड़ेगी।
मैंने इतना सुनते
ही संजू चाची
की साड़ी उतार
दी और उनका
ब्लाउज़ और पेटीकोट
भी उतार दिया।
संजू चाची मेरे
सामने ब्रा और
पेंटी में थीं।
क्या गजब लग
रही थीं।
मैंने उन्हें धक्का
दे कर बिस्तर
पर लेटा दिया
और मैं उनके
ऊपर चढ़ गया।
मैं उन्हें जोर
जोर से किस
करने लगा। अब
तो संजू चाची
भी मेरा पूरा
साथ दे रही
थीं। वो मेरे
सर को सहलाने
लगीं।
मुझे लग रहा
था कि जैसे
चाची मेरा सर
सहलाकर वो मुझसे
बोल रही हों
कि हितेश आज
अपनी चाची की
भरपूर ठुकाई कर
दो।
अब संजू चाची
मेरा साथ देने
लगी थीं। मुझे
बहुत मजा आने
लगा। मैं अपनी
सारी भड़ास संजू
चाची पर निकलना
चाहता था, तो मैंने
वैसा ही किया।
मैंने संजू चाची
के मुँह की
जबरदस्त
ठुकाई करने की
सोची। मैंने अपना
लंड संजू चाची
के मुँह में
लंड दे दिया।
चाची ने मेरा
लंड बड़ी शिद्दत
से चूसना शुरू
कर दिया।
मैं मस्ती से
लंड को चाची
के गले गले
तक पेलने लगा।
मैं उनके मुँह
की खूब ठुकाई
करने लगा।
यह पहली बार
था कि मैं
किसी औरत के
मुँह को चोद
रहा था। मैंने
भी संजू चाची
के सर को
पकड़ा और जोर
जोर से उनके
मुँह में अपना
लंड डाल कर
चोदने लगा। मुझे
बहुत मजा आ
रहा था और
संजू चाची भी
मुँह ठुकाई के
मजे ले रही
थीं।
कोई दस मिनट
बाद मेरे लंड
ने पानी छोड़
दिया। मैंने अपने
लंड का रस
संजू चाची के
मुँह में ही
छोड़ा था। उनका
पूरा मुँह मेरे
लंड के रस
से भर गया
था और कुछ
नीचे भी गिर
गया था। बाकी
का सारा रस
संजू चाची पी
गयी थीं। वो
लंड का रस
ऐसे चूस रही
थीं कि जन्मों
की प्यासी हों,
उन्हें ये रस
कभी मिला ही
न हो।
लंडरस पीने के
बाद मैंने बैठी
हुई संजू चाची
को बेड पर
धक्का मारा और
उनके सारे कपड़े
उतार कर उनको
नंगी कर दिया।
चाची नंगी हो
चुकी थीं और
बिस्तर पर चित
लेटी थीं। मैं
उनकी चूत को
अपनी जीभ से
सहलाते हुए चूसने
लगा। संजू चाची
पागल हो गईं
और मेरे सर
को पकड़ कर
अपनी चूत की
तरफ दबाने लगीं।
चाची बोलने लगीं-
हितेश चूस
लो मेरी चूत
को … पी जाओ
इसका रस और
मेरी चूत की
आग को शांत
कर दो।
मैं भी पहली
बार ही किसी
की चूत चूस
रहा था, तो मैं
भी मजे से
चूसता रहा।
संजू चाची की
चूत को दस
मिनट के भीतर
ही संजू चाची
जोर जोर से
आहें लेने लगीं।
वे बोलने लगीं-
आह हितेश और
जोर से चूसो
और जोर से
चूसो मेरी चूत
को। मैं और
भी जोश में
आ गया और
जोर जोर से
संजू चाची की
चूत को चूसने
लगा।
थोड़ी ही देर
में संजू चाची
की चूत ने
अपना रस छोड़
दिया और वो
सारा रस मेरे
मुँह में आ
गया। संजू चाची
ने लंबी सांस
लेते हुए कहा-
बहुत दिनों बाद
किसी ने मेरी
चूत को चूसा
है।
अब उन्होंने मुझे धक्का
दिया और मेरे
ऊपर आकर मुझसे
कहने लगीं- अब मेरी
चूत की ठुकाई
की बारी है
… मुझे लंड खड़ा
करने दो।
चाची ये कह
कर मेरे लंड
को फिर से
अपने मुँह में
लेकर चूसने लगीं।
आह … क्या लंड
चुसाई थी। दो
मिनट में ही
मेरा लंड पूरी
तरह से एक
कड़क हो गया।
संजू चाची ने
कहा- हितेश मेरी
चूत में जल्दी
से अपने इस
मूसल लंड को
उतार दो … मैं चाहती
हूं कि तुम्हारा
लंड मेरी चूत
की गहराई को
नापे।
मैंने भी चाची
के दूध दबाते
हुए कहा- क्यों नहीं
संजू चाची … अभी लो।
मैं संजू चाची
के ऊपर चढ़
कर अपने लंड
को उनकी चूत
के ऊपर रख
कर उनकी चूत
में डालने लगा।
बहुत दिन से
ठुकाई न होने
के कारण संजू
चाची की चूत
का छेद सिकुड़
गया था। इसलिए
मेरे लंड को
उनकी चूत में
जाने में दिक्कत
हो रही थी।
लेकिन मैं भी
कहां मानने वाला
था। मैंने भी
लंड को संजू
चाची की चूत
में उतार ही
दिया।
चाची की चीख
निकली- उम्म्ह … अहह … हय … ओह …
दर्द मुझे भी
हुआ क्योंकि मैंने भी
पहली ही किसी
की चूत में
अपने लंड डाला
था। हम दोनों
ही दर्द से
कराह उठे लेकिन
जब मेरा लंड
संजू चाची की
चूत की गहराई
में पहुंचा तो
मुझे और संजू
चाची को आनन्द
आने लगा। हम
दोनों ने पहले
धीरे धीरे शुरूआत
की।
थोड़ी देर बाद
संजू चाची मुझे
उकसाने लगीं। चाची
कहने लगीं- हितेश और
जोर जोर से
चोदो … न जाने
कितने दिनों बाद
मुझे ऐसा सुख
मिल रहा है।
मैंने भी अपनी
स्पीड बढ़ा दी
और संजू चाची
जोर जोर से
चीखने लगीं- आह आह
आह और जोर
से और जोर
से चोदो हितेश
अपनी चाची
को आज मस्त
कर दो।
मैंने और स्पीड
बढ़ा दी। थोड़ी
देर में ही
संजू चाची चीखते
हुए ढीली पड़
गईं। उनकी चूत
रस छोड़ चुकी
थी … मगर मेरा
लंड अभी भी
खड़ा हुआ था।
मैंने भी अपनी
स्पीड और तेज़
करते हुए अपने
लंड का रस
संजू चाची की
चूत में ही
छोड़ दिया।
जैसे ही मेरे
लंड का रस
निकला, संजू चाची
भी शांत हो
गईं।
झड़ने के बाद
उनके मुँह पर
हल्की सी मुस्कान
थी, जैसे वो
बोल रही हों
कि बहुत दिन
बाद ठुकाई करके
उनको संतुष्टि मिल गयी
हो। मगर मेरा
मन एक बार
की ठुकाई से
कहां मानने वाला
था। मेरा लंड
फिर से खड़ा
हो गया।
मैंने संजू चाची
को कहा- एक बार
और आप की
ठुकाई करनी है।
ये बोल कर
मैं चाची के
ऊपर चढ़ गया
और फिर से
चाची की ठुकाई
करने लगा। कोई
25 मिनट संजू चाची
की खूब ठुकाई
करने के बाद
संजू चाची की
चूत ने दो
बार रस छोड़ा,
मैंने भी अपने
लंड का रस
संजू चाची की
चूत में ही
छोड़ दिया।
हम दोनों नंगे
एक दूसरे से
चिपक कर लेटे
रहे और बातें
करते रहे।
फिर कुछ देर
बाद संजू चाची
ने मेरे लंड
को खूब चूसना
शुरू किया और
करीब 20 मिनट लंड
चूसने के बाद
मेरे लंड का
रस एक बार
फिर निकल गया।
इस बार संजू
चाची ने अपने
मुँह में ही
मेरे लंड का
रस निकाल लिया।
वो सारा का
सारा रस पी
गईं।
लंड रस पीने
के बाद संजू
चाची और भी
नशीली लगने लगी
थीं।
मैंने चाची से
कहा- अब तो
मुझे रोज ही
आपकी जरूरत लगेगी।
संजू चाची ने
कहा- हां हितेश
, मुझे
भी तुम्हारी जरूरत रहेगी।
मैंने कहा- चाची, मैं तो
आपके लिए हमेशा
तैयार हूं।
उसके बाद मैंने
हर रोज संजू
चाची को 6 महीनों तक
खूब चोदा और
उनकी जवानी में
फिर से बहार
ले आया। अब
चाची और भी
ज्यादा हॉट और
सेक्सी हो गयी
थी। मेरे मुहल्ले
के बहुत से
लड़के संजू चाची
के नाम की
मुठ भी मारने
लगे थे।
सभी यही बोलते
थे कि संजू
चाची को जवानी
अब चढ़ रही
है।
इसके बाद क्या
हुआ ये मैं
आपको अगली हिंदी
सेक्स स्टोरी में
बताऊंगा।
कैसे मैंने अपने
फ्रेंड के
साथ मिल कर
संजू चाची के
मजे लिए।