पड़ोस की भाभी और उनकी ननद दोनो के साथ सेक्स कहानी
मैं प्रदीप मेरी पड़ोसन भाभी के साथ सेक्स की मेरे जीवन की सच्ची कहानी आपके सामने लेकर आया हूँ। जो है। मैं एमपी का रहने वाला हूँ। मेरे परिवार में हम 5 लोग हैं। मैं, मेरी छोटी बहन और मां पापा और दादा जी।
हमारे घर के पास वाले घर में एक परिवार रहता है। मैं उनको भईया भाभी ही बोलता हूं। भईया भाभी की शादी को अभी 7 साल ही हुए थे और उनके एक 3 साल का लड़का भी है।
हमारे घर अगल बगल में ही है, तो हमारा उनसे संबंध घर जैसा ही है। भाभी हमारे घर आती जाती रहती हैं। भाभी एक बहुत ही सुन्दर शरीर की मालकिन है भाभी का फिगर 34-32-36 है भाभी जब चलती है तो उनकी गांड और बूब्स हर किसी को अपना दीवाना बना लेती है।
मैं शुरू से ही भाभी को बहुत पसंद करता हूँ भाभी हमारे घर आती जाती रहती थी इस कारण मेरी भी उनसे अच्छी बात-चीत होती थी। भाभी को मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में भी पता था। भाभी बहुत खुले विचारों की थी तो मैं कभी-कभी भाभी के गर्दन और गांड पर हाथ फेर देता था जो मुझे बहुत अच्छा लगता था।
एक दिन भाभी का फोन खराब हो गया था तो वो हमारे घर आ गई और हमारे घर के लैंडलाइन वाले फोन से फोन लगाने लगी। लेकिन भाभी से फोन नहीं लगा तो उन्होंने मेरे को फोन लगाने के लिए बोला। मैं फोन लगाने के बहाने भाभी की गांड से टच होकर फोन मिलाने लग गया और अपने लन्ड को उपर से ही भाभी की गांड पर सेट करके फोन लगाने लग गया। मैंने भाभी को फोन लगा के दे दिया।
जब तक भाभी बात कर रही थी तब तक मैं बाथरूम में जाके भाभी के नाम की मुठ मार के आ गया।
मैं अपने रूम में आके बैठ गया और भाभी भी मेरे पास आके बैठ गई और हम दोनों बातें करने लग गए बातों ही बातों में हम सेक्स की बातें करने लग गए। मैंने भाभी से उनकी सेक्स लाइफ के बारे में पूछ लिया।
तब भाभी ने बताया- तुम्हारे भईया सेक्स करते ही नहीं हैं, पूरे दिन बस अपने काम में लगे रहते हैं। वे मेरे को साल में बस 10-12 बार ही चोदते हैं। आजकल तो सेक्स करते ही नहीं है।
तभी मैंने मजाक में भाभी को बोल दिया- मैं आपकी हेल्प कर दूँ?
इस बात पर भाभी एक कातिल मुस्कुराहट देकर अपने घर चली गई।
फिर थोड़ी देर बाद जब मैं भाभी के घर गया, तब भाभी का बेबी सो रहा था और भाभी दूसरे रूम में बेडशीट सही कर रही थी। मैंने भाभी के पीछे से जाकर भाभी को पकड़ लिया।
तो भाभी मेरे को बोलने लगी- यह सही नहीं है, कोई आ जायेगा।
इतने में ही भाभी घूम गई और भाभी के घूमते ही मेरे होंठ भाभी के होंठ से मिल गए। मैं तो किस करने लग गया लेकिन भाभी दिखावटी रूप से छुड़ाने की कोशिश करने लग गई।
और जब मैंने नहीं छोड़ा तो भाभी भी मेरा साथ देने लग गई। अब मैं भाभी की कुर्ते के ऊपर से ही बूब्स दबाने लग गया और भाभी आह उम्ह की सीत्कार निकालने लग गई। इतने में ही मेरी मां का फोन आ गया तो मेरे को जाना पड़ा और मैं भाभी को किस करके आ गया और उनको बोला- तुम सलवार कुर्ते में बहुत अच्छी लगती हो।
फिर दूसरे दिन वापस भाभी अपने बेबी के साथ फोन करने आयी। तब वो काले रंग के सलवार कुर्ते में आयी थी। उस ड्रेस में वो क्या कयामत लग रही थी कि क्या बताऊं दोस्तो!
उस समय मेरे घर पर कोई नहीं था और भाभी ने मेरे को फोन लगाने के लिए बोला।
तो मैंने फोन लगा दिया और फोन भाभी को दे दिया। और आज मैं भी भाभी के पास ही बैठ गया और भाभी के जिस्म के साथ खेलने लग गया। मैं कभी उनके होंठ पर अपनी उंगली फेरता तो कभी गर्दन पर फिर धीरे धीरे मैंने अपने हाथ को भाभी के कुर्ते के अंदर डाल दिया और उनके बूब्स को दबा दिया। उनके बूब्स को दबाते-दबाते मैंने भाभी की ब्रा के हुक खोल दिए और अब मैंने कुर्ते के ऊपर से ही भाभी के बूब्स को मेरे होंठों से काटने लग गया।
फिर धीरे-धीरे मैं नाभि पर हाथ फेरते हुए नाभि को चाटने लग गया और भाभी भी अब धीरे-धीरे गर्म होने लग गई थी और वो भी मेरी टी-शर्ट में हाथ डालने लग गई थी।
फिर मैंने धीरे से भाभी की सलवार का नाड़ा खोल दिया और भाभी की बुर को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लग गया।
मैंने देखा कि भाभी की बुर पानी-पानी हो गई थी। फिर मैंने धीरे से एक उंगली बुर में डाल के अपने मुंह में ले ली और फिर वही उंगली भाभी के मुंह में दे दी। अब मैंने भाभी की पैंटी भी उतार दी और उनकी बुर को देखने लग गया।
इतने में ही भाभी ने फोन काट दिया और मेरे होंठों को जोर जोर से चूमने लग गई। भाभी मेरा पूरा साथ देने लग गई और धीरे-धीरे मेरे सारे कपड़े उतार दिए।
भाभी मेरे 6 इंच लंबे व 3 इंच मोटे लन्ड को देखते ही रह गई, फिर वो बोली- मेरे पति का बस 4 इंच का ही है।
और वो मेरे लन्ड को हाथ में लेकर सहलाने लग गई।
फिर भाभी को मैं गोदी में लेकर अपने बेड पर ले आया और उनको बेड लेटा कर हम दोनों एक दूसरे को चूमने लग गए।
मगर किस्मत ने हमारा साथ नहीं दिया। इतने में ही भाभी का बेटा रोने लग गया और किसी ने बाहर डोरबेल बजा दी।
तो मैंने जल्दी से कपड़े पहने और मैं बाहर देखने गया तो बाहर पोस्टमैन पोस्ट देने आया था। मैं पोस्ट लेकर वापस आ गया।
पर तब तक भाभी ने भी अपने कपड़े सही कर लिए और वो मेरे को एक किस करके सॉरी बोल के अपने घर चली गई क्योंकि भाभी को अपनी ननद को लेने जाना था तो वो चली गई।
अब उसकी ननद आने के कारण अब मैं उसके घर नहीं जा सकता था।
फिर 2 दिन बाद मेरे परिवार वाले 5 दिन के लिए हमारे गाँव चले गए। वहां किसी की शादी थी। मैं उनके साथ नहीं गया था। तो मां भाभी को मेरा ध्यान रखने के लिए बोल के चली गई।
भईया भी अपने किसी बिजनेस के काम से बाहर गए हुए थे। इसी कारण भाभी की ननद भाभी के घर आयी हुई थी।
तो मैं घर पर अकेला था तो भाभी ने खाना खाने के लिए मेरे को अपनी घर बुला लिया। मैं चला गया। इस समय भाभी काले रंग के गाउन में क्या मस्त लग रही थी। मन तो कर रहा था कि अभी पकड़ के चोद दूँ … पर भाभी की ननद होने के कारण ऐसा नहीं कर सकता था।
फिर हमने साथ बैठ कर खाना खाया और थोड़ी देर बातें की।
तब भाभी ने बोला- तुम भी यहीं सो जाओ। हम दोनों घर पर अकेली हैं।
इसलिए मैं भी वहीं रुक गया।
तब भाभी और भाभी की ननद व उनका बेबी एक रूम में सो गए और मैं दूसरे रूम में सो गया।
मेरे को नींद आ नहीं रही थी, मैं मोबाइल में अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ कर भाभी के नाम की मुठ मार ही रहा था कि तभी भाभी मेरे रूम में आ गई।
तो मैं भाभी को मेरी बांहों में लेकर जोर-जोर से चूमने लग गया। वो भी मेरा साथ दे रही थी। फिर मैं किस करते करते भाभी की गाउन के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाने लग गया।
फिर मैंने भाभी की गाउन को उतार दिया और उनके 34″ के मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने और चाटने लग गया। उस समय भाभी काली ब्रा पैंटी में बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। फिर मैंने भाभी की ब्रा पैंटी को उतार दिया।
भाभी ने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और हम एक दूसरे के नंगे बदन को देखने लग गए। अब मैं और भाभी सेक्स के लिए तैयार थे।
और फिर से हम दोनों एक दूसरे को किस करने लग गए। अब मैं भाभी के बूब्स को हाथों से मसलने लग गया, एक हाथ से भाभी के बूब्स को दबाता तो दूसरे बूब्स को मुंह में लेकर चूसता। मैं ऐसे बारी-बारी करने लग गया और भाभी भी जोर जोर से सिसकारियां लेने लेने लग गई।
अब मैंने मेरे एक हाथ से भाभी की बुर को सहलाना शुरू कर दिया। भाभी की बुर पानी पानी हो गई थी। अब मैं भाभी की बुर को चाटने लग गया। वो मेरे बालों में हाथ डाल कर अपनी बुर पर जोर जोर से दबाने लग गई और जोर जोर से आह उहउह की सिसकारियां लेने हुए झड़ गई।
मैंने उनकी बुर को चाट चाट के साफ़ कर दिया।
फिर भाभी भी मेरे लन्ड को मुंह में लेकर चाटने लग गई। वो पोर्न वीडियो की तरह मेरे लन्ड को चाट रही थी, कभी मेरे लन्ड के टॉप पर जीभ चलाती तो कभी पूरे लन्ड को मुंह में ले लेती। भाभी जब मेरा लन्ड चाट रही थीं तब मैं तो जन्नत में ही चला गया था।
थोड़ी ही देर में भाभी के मुंह में ही मेरा वीर्य छोड़ दिया ओर भाभी ने चाट चाट के मेरे लन्ड को साफ़ कर दिया।
फिर हम दोनों ने दोबारा किस करना शुरू कर दिया। अब मैं भाभी के एक बूब्स को हाथ से मसलने लगा और दूसरे बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लग गया।
तभी भाभी बोलने लग गई- अब और नहीं सहन होता। जल्दी से चोद दे!
फिर मैंने भाभी की बुर पर थोड़ा तेल लगाया और थोड़ा तेल मेरे लन्ड पर लगा कर भाभी की बुर में डालने लगा। लेकिन भाभी ने बहुत दिनों से सेक्स नहीं किया था, इस कारण उनकी बुर टाइट थी।
तो मैंने एक हाथ से लन्ड को टाइट पकड़ के जोर से धक्का लगा दिया। मेरे लन्ड का टोपा भाभी की बुर में चला गया और वो जोर जोर से चिल्लाने लग गई उम्म्ह … अहह … हय … ओह … और वो लन्ड बाहर निकालने के लिए बोलने लग गई।
मैंने भाभी के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और थोड़ी देर तक किस करने लग गया। जब भाभी नॉर्मल हुई तो वो अपनी गान्ड को आगे पीछे करने लग गई।
फिर मैंने धीरे धीरे धके लगाने चालू किए। फिर एकदम से एक जोर का धक्का लगाया जिससे मेरा लन्ड भाभी की बुर में जड़ तक चला गया और भाभी की आंखों में से आंसू आने लग गए। फिर मैं थोड़ी देर रुका और भाभी को किस करने लगा।
जब वो नॉर्मल हुई तो मैं उन्हें धीरे धीरे चोदने लगा। इसी बीच भाभी जोर जोर की सिसकारियों के साथ एक बार झड़ गई। अब भाभी के झड़ने के कारण बुर में से पच पच की आवाजें आने लग गई जो पूरे कमरे में गूंज रही थी।
और अब मैंने भी धक्कों की स्पीड तेज कर दी जिससे अब मेरा लन्ड सीधा भाभी की बच्चेदानी को ठोकर मार रहा था जिससे भाभी को और मज़ा आने लग गया।
अब मेरा होने वाला था तो मैंने भाभी से पूछा- कहाँ डालूँ अपना रस?
तो वो बोली- मेरी बुर में ही डाल दो, बहुत दिनों से प्यासी है यह!
फिर कुछ मिनट की धकापेल ठुकाई के साथ मैं और भाभी दोनों एक साथ ही झड़ गए।
फिर थोड़ी देर मैं भाभी के ऊपर ही लेटा रहा।
मैं भाभी को किस करते हुए साइड में लेट गया और भाभी से बात करने लगा।
फिर मैंने उनको उनकी ननद की ठुकाई के लिए बोला तो वो बोली- मैं उससे बात करूंगी।
इतने में ही मेरी नजर गेट पर पड़ी। गेट पर उसकी ननद खड़ी हमें देख रही थी और अपने बूब्स दबा रहा थी।
मैंने उनकी ननद को अनदेखा कर दिया और भाभी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा। पूरे कमरे में फ़च फ़च की आवाज़ गूँज रही थी। भाभी कराह रही थीं, जब मैं भाभी को चोद रहा था।
भाभी अपनी टांगें खोल कर बोलीं- आह मजा आ रहा है … और चोदो और ज़ोर से चोदो!
जब मेरा वीर्य निकलने वाला हुआ, तो उसी टाइम भाभी ने भी अपना पानी छोड़ दिया। मेरा सारा वीर्य उनकी चुत में ही निकल गया।
अब भाभी को डर लगा कि कहीं वो पेट से ना हो जाएं, तो उन्होंने अगले दिन अपने पति से भी चुदवा लिया था और भाभी प्रेगनेंट हो गईं। मेरी ठुकाई से उनको एक बेटा हुआ, जो बाद में उन्होंने मुझे बताया कि ये मेरा ही बच्चा है। बच्चा पेट में आ जाने के बाद भाभी वहां से चली गई थीं।
खैर वो बाद का किस्सा है, उसे फिर कभी सुनाऊंगा।
अभी तो भाभी ने पहले तो अपनी गांड को पूरे मजे लेकर मस्त तरीके से चुदवाया। फिर जब मैंने उनको बताया कि आपकी ननद भी चुदासी है।
उन्होंने मुझसे पूछा- तुमको कैसे मालूम है?
मैंने उस खिड़की की तरफ भाभी का चेहरा कर दिया, जिधर खड़ी होकर अपने मम्मे मसल रही थी।
भाभी एक पल के लिए तो सकपका गईं, फिर उन्होंने अपनी ननद को कमरे में आने को कहा, वो गर्म लौंडिया कमरे में आ गई।
फिर हम दोनों ने मिल कर भाभी की ननद को सेक्स का मज़ा चखाया। चूंकि उनकी ननद अभी सील पैक माल थी, इसलिए भाभी को लगा कि इसकी बुर की ओपनिंग जरूरी है, वरना ये उनकी बदनामी कर सकती थी।
मैंने उसको अपनी बांहों में भर लिया और उसको चूमने लगा। कुछ ही देर में भाभी ने उसको पूरा नंगी कर दिया। मैंने उसे अपने लंड के नीचे ले लिया।
जैसा कि मैंने लिखा कि उसका ये पहली बार का सेक्स था, तो जैसे ही मैंने लंड पेला, वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी थी। भाभी ने उसके मुँह को दबा लिया और मुझे फुल स्पीड से ठुकाई करने के लिए कह दिया। कुछ ही देर में उनकी ननद की सील टूट गई और वो भी ठुकाई का मजा लेने लगी।
मैंने दो ही दिन में उसकी गांड से लेकर बुर और मुँह सभी छेदों को चोद दिया।
अब हम तीनों मस्ती से ठुकाई का मजा ले रहे थे।
पांच दिन बाद मुझे जानकारी हुई कि मां को अभी दो तीन दिन और लगेंगे। बस मस्ती की ये घड़ियां मुझे और कुछ दिन के लिए मिल गई थीं।