कृष्णा की गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स
मेरी सच्ची क्सक्सक्स
स्टोरी मेरे ख़ास
कृष्णा की गर्लफ्रेंड
के साथ सेक्स
की है। मैं
उससे अपने कृष्णा
के घर ही
मिला था। मैंने
उससे सामान्य बात
हैलो भोसड़ी पसंद करने वालो … मेरा नाम नितिन है … मैं हनुमानगढ़ के पास स्थित रावतसर का रहने वाला हूं। मेरी हाइट 5 फुट 5 इंच है। मैं अभी 19 साल का ही हूं। मेरे लंड का आकार लम्बा और मोटा है। मैं गेहुंए रंग का क्यूट-सा लड़का हूं। ज्यादातर तो मैं पढ़ाई और कम्प्यूटर मोबाइल में ही व्यस्त रहता हूं।
उम्मीद है कि आप मेरी सच्ची क्सक्सक्स स्टोरी को जरूर पसंद करेंगे।
कम्प्यूटर और मोबाइल मेरी जान है … प्रत्येक सॉफ्टवेयर की ऐसी-तैसी करना मेरी आदत बन गयी है। जब कुछ भी समझ में नहीं आता, तो हार्ड डिस्क को फोरमेट करना ही अन्तिम उपाय लगने लगता है।
एक दिन मैं अपने लेपटॉप की करेप्ट हो चुकी हार्ड डिस्क से हिडन हुईं अश्लील फोटो को निकालने की कोशिश कर रहा था। तभी अचानक से मुझे मेरे कृष्णा ने फोन किया और बोला कि मेरे कम्प्यूटर से विन्डो उड़ गया है … तू आकर विन्डो इंस्टाल कर दे।
बस … मैं उसके घर चला गया। उसके मम्मी-पापा कोई काम की वजह से दूसरे शहर गए हुए थे। कमीने ने अपनी गर्लफ्रेंड को अपने घर पर बुला रखा था। जैसे ही मैं पहुंचा, तो उसने मुझे हैलो बोला और अपनी गर्लफ्रेंड से परिचय करवाने लगा। उसकी गर्लफ्रेंड का नाम सोफिया था। सोफिया एकदम गोरी थी। सोफिया की हाइट 5 फिट तथा फिगर 30-26-30 थी।
सोफिया ने भी मुझे हाय बोला और कहा- तुम्हारे बारे में मैंने बहुत सुना है … तुम वास्तव में एक होशियार और दोस्ताना स्वभाव के आकर्षक लड़के हो।
किसी लड़की के मुँह से पहली बार इतनी सकारात्मक तारीफ़ सुनकर मुझे बहुत ही अच्छा लगा।
दोस्तो, मुझे इतना अच्छा लगा कि मैं भी उसकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाया। मैंने भी सोफिया की तारीफ करना शुरू कर दी।
अब आप सभी को तो पता ही होगा कि लड़कियों को अपनी तारीफ़ करवाना कितना अच्छा लगता है।
तभी मेरे कृष्णा आयुष ने मुझे रोकते हुए कहा- तारीफ़ ही करता रहेगा या फिर कम्प्यूटर भी सही करेगा?
मैंने कहा- यार, कम्प्यूटर ही तो सही करने आया हूं।
मेरे कृष्णा ने कहा- कम्प्यूटर सही करने आया है … सिर्फ कम्प्यूटर पर ध्यान दे … मेरी गर्लफ्रेंड पर मत ध्यान दे … चूतिया कहीं का …
मेरे कृष्णा की ये बात उसकी गर्लफ्रेंड को कुछ अच्छी नहीं लगी। मैं कम्प्यूटर में विन्डोज़ इन्सटॉल करने में लग गया … कृष्णा की गर्लफ्रेंड सोफिया पास में ही बैठी थी।
अब क्या करता … एक तो मैं चूतिया और दूसरा मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी। इतनी हॉट लड़की को पास बैठा देखकर मेरा मन और लंड दोनों ही रोमान्टिक गाना गा-गा कर नाच रहे थे।
मैंने कम्प्यूटर में विन्डोज़ इन्स्टालेशन पर लगा दी, लेकिन मेरे लंड के सॉफ्टवेयर सोफिया की चूत की गहराइयों को नापने के लिए बार-बार नोटिफिकेशन दे रहे थे। पर मैं नोटिफिकेशन एक्सेप्ट ही नहीं कर पा रहा था। साला एन्टीवायरस (मेरा कृष्णा) मेरे पास में ही बैठा था।
मैं अपने लंड को समझाने की कोशिश कर रहा था। मेरा लंड अंडरवियर और जींस दोनों फाड़कर सोफिया की चूत में घुसने की ताबड़तोड़ कोशिश कर रहा था।
सोफिया मेरे प्रत्येक कार्य को ध्यान से देख रही थी … लेकिन मुझे तो उसके हुस्न की खुशबू ने पागल कर रखा था। मेरे लंड का तो पूछो ही मत … मैं बार-बार अपने लंड को छुपाने की कोशिश कर रहा था। वो जींस व अंडरवियर में एकदम खूंखार हो गया था।
अचानक से सोफिया की नजर मेरे लाड़ले लंड पर पड़ ही गयी। उसने मेरी लंड की उठती नोक को देखा, तो वो थोड़ी सी शर्मा गयी। लेकिन वो कुछ भी नहीं बोल पायी।
थोड़ी देर बाद जैसे तैसे करके मैंने कम्प्यूटर में विन्डोज़ इन्सटॉल कर ही दी। मेरे कृष्णा आयुष ने मुझे धन्यवाद बोला और कहा कि अब इसमे सॉफ्टवेयर भी इनस्टॉल कर दे।
मैंने कहा- यार सॉफ्टवेयर वाली सीडी मेरे पास नहीं है … तू बाजार से ला दे, तो मैं इनस्टॉल कर दूंगा।
पहले तो चूतिये ने साफ़ मना कर दिया- मैं तो बाजार जाकर नहीं लाने वाला।
साला वो मेरे बारे में अच्छी तरह से जानता था कि इसके सामने अकेली लौंडिया छोड़ना खतरनाक खेल हो सकता है। पर मैं भी कम हरामी नहीं था। मैंने भी बहुत ही कॉन्फिडेंस से कह दिया कि ठीक है मत जा … मेरा क्या।
चूंकि उसे कम्प्यूटर की बहुत जरूरत थी और उसके लिए कम्प्यूटर का चलना अतिआवश्यक था। इसलिए हरामखोर को सॉफ्टवेयर वाली सीडी लाने के लिए बाजार जाना ही पड़ा।
मेरे कृष्णा आयुष के बाजार जाने के बाद घर में सिर्फ मैं और उसकी गर्लफ्रेंड सोफिया दोनों अकेले ही रह गए थे। जिस कुर्सी पर मेरा कृष्णा मेरे पास बैठा हुआ था … उसके बाजार जाने के बाद सोफिया उस कुर्सी पर मेरे पास बैठ गयी।
उसने मेरे करीब बैठ कर कुछ दूसरे अंदाज से एक बार मुझे दुबारा हाई बोला।
मैंने भी उसी अंदाज में हैलो जी … बोल दिया।
अरे ये तो जादू हो गया रे।
मैं सोच रहा था कि सोफिया से कैसे बात शुरू करूं। लेकिन इधर तो खुद सोफिया ने ही शुरूआत कर दी थी।
पहले तो वो थोड़ी शर्मायी और फिर धीरे से बोली कि मैं तुम्हारे हर काम पर ध्यान दे रही थी।
मैंने थोड़ा भोलापन दिखाने कि कोशिश की और बोला कि इसमें कौन सी बड़ी बात है … मेरे हर काम पर ध्यान दे रही थीं, तो ये तो मेरे लिए अच्छी बात है। मतलब तुम तो विंडोज इनस्टॉल करना सीख गयी होगी?
सोफिया ने मेरी बात को दरकिनार करते हुए पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैं यही सुनना चाहता था … मैंने भी झटपट जवाब दे दिया- सोफिया, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।
फिर सोफिया ने कहा- इतने स्मार्ट लड़के की कोई गर्लफ्रेंड नहीं हो, ये तो हो ही नहीं सकता।
मैंने कहा- ऐसा ही है … मेरी कोई भी नहीं है।
इसके तुरंत बाद मैंने एक विस्मयकारी पंक्ति बोल दी- काश कोई मेरी होती … जो ये कहती कि मेरे बाबू ने खाना खाया।
यह सुनकर सोफिया भी कुछ उदास सी हो गयी … फिर सोफिया ने मेरा हाथ अपने हाथों में लिया और बोली कि कोई बात नहीं यार … कभी ना कभी तो कोई तेरी गर्लफ्रेंड बनेगी ही … सब्र रख। सब्र का फल मीठा होता है।
मैंने कहा- कहीं ऐसा ना हो कि मैं सब्र करता रह जाऊं और फल कोई और खा जाए।
सोफिया को इस बात पर हंसी आ गयी और हंसी इतनी जोर से आयी कि उसका दूसरा हाथ मेरे लंड पर चला गया।
अब आप सोच रहें होंगे कि दूसरा हाथ मेरे लंड पर कैसे चला गया। तो आप सोचते रहो … आपका क्या है।
क्या आपने कभी रमेश सिप्पी से पूछा था कि शोले फिल्म में बिजली नहीं थी तो पानी टंकी किस काम के लिए बनी थी … और यदि बिजली थी, तो ठाकुर साब के घर पर जया भादुड़ी लालटेन क्यों जलाती थी।
साहब ये मेरी पहली क्सक्सक्स स्टोरी है। इसलिए मेरी कहानी में तो ऐसा ही होता है … हां तो मैं लिखा था कि जोर से हंसते हुए सोफिया का हाथ मेरे लंड पर चला गया था।
ये कोई धोखे से नहीं गया था, आप समझो यार कि किसी लड़की का हाथ किसी लड़के के लंड पर क्यों जाता है।
जब सोफिया का हाथ मेरे लंड से स्पर्श हुआ, तो मुझे बहुत ही मजा आया और मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और मेरे मुँह से ‘आआहह …’ की आवाज निकल गयी।
सोफिया अचानक से हक्की-बक्की रह गयी और उसने शर्माते हुए अपना हाथ मेरे लंड पर से हटा लिया।
अब क्या बताऊं भाई … मेरे मन में तो पहले से ही सोफिया को चोदने के ख्याल बार-बार आ रहे थे … और अब तो लंड को सांप के जैसे छेड़ देने से मेरे सब्र का बाँध टूटने वाला हो गया था।
सोफिया ने शर्माते हुए पूछा- नितिन तुमने इतनी जोर से ‘आआआआ।।’ क्यों की? … तुमने तो मुझे डरा ही दिया।
मैं उसके इस प्रश्न का जवाब देने में खुद को असमर्थ महसूस कर रहा था, लेकिन फिर मैंने हिम्मत जुटा कर खुल कर कह दिया कि यार सोफिया पहली बार तो किसी लड़की ने मेरे लपलपाते लंड पर अपना हाथ रखा है … इस पर भी मेरी आह … न निकले, ये कैसे हो सकता था।
सोफिया लंड शब्द सुनकर शर्माते हुए आश्चर्य भरी निगाहों से मेरी तरफ देखा।
मैं तो डर ही गया और मैंने अपनी नजरें नीचे कर लीं।
सोफिया मेरे इस अन्दाज से बहुत ही खुल सी गई और बोली- नितिन … तुम्हारा मस्ती करने का मन भी कर रहा है … और तुम डर भी रहे हो?
मैंने उसकी बात समझ ली थी। मैंने कहा- हम्म डर तो लगेगा ही … क्योंकि तुम मेरे कृष्णा की गर्लफ्रेंड हो … मेरी थोड़ी हो।
इस बात पर सोफिया बोली- तेरा कृष्णा आयुष बहुत ही चूतिया टाइप का है … वो कभी भी मुझसे प्यार वाला बर्ताव करता ही नहीं है। साला तेरा कृष्णा मुझे हमेशा कोसता ही रहता है।
मैंने उसकी मन की बात को सुनकर कहा- हां यार वो बचपन से ही ऐसा ही है।
सोफिया- नितिन तुम उससे अलग हो। तुम्हारा बर्ताव बहुत ही अच्छा है … काश मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड होती।
उसकी ये बात सुनकर मैं तो खुशी के मारे उछल पड़ा और मैंने खड़े होकर सोफिया को कसकर गले लगा लिया।
सोफिया ने खुद को मुझसे छुड़ाया और बोली कि ये क्या कर रहे हो नितिन?
मैंने डरते-डरते कहा- सोफिया तुम मुझे बहुत ही अच्छी लगती हो … तुम मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ ना!
वो बोली- मैं तुम्हारे कृष्णा आयुष से फ्रेंडशिप नहीं तोड़ सकती … क्योंकि उसने मेरी बहुत बार कठिन समय में सहायता की है।
इस बात से मैं बहुत ही टूट सा गया क्योंकि मेरे खड़े अरमानों पर पानी फिरा जा रहा था।
मैं उदास सा हो गया और चुपचाप वापिस कुर्सी पर बैठ गया। सोफिया बार-बार बोल रही थी कि सॉरी फील मत करना … तुम्हारी तो कोई भी लड़की गर्लफ्रेंड बन जाएगी … बस थोड़ी कोशिश किया करो।
मैं बिलकुल चुप था … सोफिया को मेरी खामोशी बिल्कुल भी भा नहीं रही थी। वो बार बार मुझसे बात करने की कोशिश कर रही थी … लेकिन मेरा तो दिल ही टूट गया था।
थोड़ी देर बाद मेरा वो कमीना कृष्णा आयुष आ गया … आते ही कमीने ने बोला- ले बे नितिन ये सीडी ले … अब जल्दी से सॉफ्टवेयर इनस्टॉल कर दे।
उस चूतिए को कौन बताता कि तेरी गर्लफ्रेंड के चक्कर में नितिन के खुद के सॉफ्टवेयर उड़ गए हैं।
मैंने सॉफ्टवेयर वाली सीडी ली और सारे के सारे सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर में इनस्टॉल कर दिए। कम्पयूटर का सारा सेटअप करने के बाद मैंने अपने कृष्णा को बाय बोला और उसके घर से तुरंत अपने आपको अनइन्सटॉल कर लिया।
प्रिय दोस्तों उस दिन मेरा लंड तरसता ही रह गया था। मैं 16 मार्च को कृष्णा की गर्लफ्रेंड सोफिया को चोदने में असमर्थ रहा। वो मनहूस तारीख मुझे जीवन भर के लिए दिमाग में बैठ गई थी।
फिर 20 मार्च 2019 शनिवार 09:45 सुबह का समय था।
टन-टन-टन …
टन-टन-टन …
मैं बड़बड़ाया- कौन भोसड़ीवाला बार-बार दरवाजे का घंटा बजा रहा है।
“हैलो दरवाजा खोलियो नितिन ।।!”
मैंने सोचा कि यार ये आवाज तो कुछ जानी पहचानी-सी लग रही है, मैंने पूछा- कौन है?
“नितिन मैं सोफिया हूं …”
मैंने उसका नाम सुनते ही फटाफट दरवाजा खोल दिया और वो कमरे के अन्दर आ गयी। मैंने उसे हाय बोला और बैठने को कहा।
सोफिया हाय बोली और सोफे पर बैठ गयी। मैंने उसे पीने के लिए पानी दिया और आने का कारण पूछा।
सोफिया ने पानी पीने के बाद कहा- कल तुम कुछ ज्यादा ही उदास हो गए थे, इसलिए मैं तुमसे मिलने के लिए आ गयी। चूंकि तुम मेरे ब्वॉयफ्रेंड के कृष्णा हो, तो मेरे भी कृष्णा हुए ना!
मैंने कहा- चलो अच्छी बात है कि तुम मिलने आ गयी … मेरा तो रात भर से तुम्हारे बिना मन ही नहीं लग रहा था।
सोफिया- नितिन, तुम कौन से हमेशा से मेरे साथ रहते हो, जो रात भर तुम्हारा मेरे बगैर मन नहीं लगा था?
मैंने कहा- सोफिया तुम मेरे दिल को भा गयी हो।
यह सुनकर सोफिया सोफे से उठकर मुझे कसकर अपने गले से लगा लिया और बोली- मैं तुम्हारे सच्चे प्यार के लायक नहीं हूं … क्योंकि मेरे आयुष के साथ शारीरिक सम्बन्ध हैं।
मैंने कहा- सोफिया, मुझे घंटा फर्क पड़ता है, जो तुम मुझे ये बता रही हो … मैं तुमसे प्यार करता हूं।
ये सुनकर सोफिया गदगद हो गयी और मेरे गालों पर चुम्बन ले लिया।
प्रतिउत्तर में मैंने भी पहले तो उसके माथे पर चुम्बन लिया, फिर उसके दोनों गालों को चूमने लगा। वो चुपचाप मेरे साथ लिपटी हुई थी।
मैंने बिना समय बर्बाद किए उसे बेड पर लेटा दिया और उसके गालों को चूमने लगा। वो मुझे अपनी बांहों में भरे हुए थी। कुछ समय गालों को चूमने के पश्चात मैंने अपने होंठों को उसके लाल-लाल रसीले होंठों पर जमा दिए।
मैं अमेरिकन स्टाइल में उसके होंठों को दबा-दबा कर चूस रहा था। कुछ देर तो वो बिना कुछ किए चुपचाप लेटी रही। लेकिन अब वो भी मेरा सहयोग देने लगी। मैं लगातार उसके होंठों पर जीभ घुमा-घुमा कर उसके लाल रसीले होंठों का रसपान कर रहा था।
दस मिनट तक लगातार उसके होंठों को चूसने के बाद मैंने उसके कानों को चूमना शुरू कर दिया। अब वो मचलने लगी। होंठों पर चुम्बन करने के बाद वो गर्म भी हो रही थी, लेकिन एकाएक कानों को चूमने पर वो ओर भी गर्म होने लगी।
सोफिया के मुँह से सिसकारियां छूट रही थीं- आआआआ … उम्हह … आआह …
उसके कानों पर चुम्बन करने के साथ-साथ मैं अपने हाथ में सोफिया का हाथ लेकर मसल रहा था। उसकी कानों की लौ को चूमने के बाद मैंने थोड़ा नीचे आने का सोचा।
मैंने एकाएक उसके गले पर चूमना शुरू कर दिया। अब तो सोफिया का कोई हाल ही नहीं था, वो पूरी तरह गर्म हो गई थी। मैं लगातार उसके गले व कानों के नीचे अपने गर्म होंठों से चुम्बन ले रहा था।
फिर मैंने उसे थोड़ा ऊपर उठाकर उसका कुर्ता उतार दिया। उसने दिखाने मात्र के लिए थोड़ा बहुत विरोध किया। लेकिन वो चुपचाप लेटी रही।
कुछ ही समय में सोफिया सिर्फ ब्रा और सलवार में मेरे सामने लेटी हुई थी। उसकी ब्रा से उसके गोल-गोल स्तनों के नुकीले दूध साफ़ दिखाई दे रहे थे।
वो बोली- नितिन सिर्फ देखता ही रहेगा या मेरे दूध को दबाएगा भी।
मैंने बिना कोई जवाब दिए, अपने एक हाथ को धीरे-धीरे उसके गोल-गोल स्तनों पर घुमाना शुरू कर दिया। सोफिया के मुँह से सिसकारियां छूट रही थीं- आआआह … उम्मह उम्मह मेरे बोबों को पी ले नितिन राजा।
मैंने यह सुनकर झट से उसकी ब्रा को फाड़ दिया। अब सोफिया के मम्मे आजाद हो गए थे। सोफिया के स्तन एकदम गोरे थे। उसकी चुचियों को ब्रा में से ही रगड़ने के कारण वे एकदम लाल हो गयी थीं।
मैंने बिना देर किए उसकी एक चुची को अपने मुँह में भर लिया और होंठों में दबाकर चूसने लगा। उसकी दूसरी चुची को प्यार से अपने हाथ से मसलने लगा।
सोफिया सिसक रही थी- आआआह … नितिन मेरी जान … आह दबा-दबा कर पी ले मेरी रसभरी चुचियों को …
मैं बारी-बारी से उसकी गोरी-गोरी चुचियों को अपने मुँह में लेकर चूम और चूस रहा था। सोफिया मेरे बालों में अपना हाथ फिरा रही थी और मेरे मुँह को अपने स्तनों पर जोर-जोर से दबा रही थी।
मैं लगभग दस मिनट तक उसकी चुचियों को अपने हाथों व होंठों से दबाता रहा। उसके बाद मैं उसके पेट पर आ गया।
मैंने उसके पेट पर जैसे ही अपने हाथ को रखा, तो एकाएक उसकी सिसकारी छूट गई- आआआह उम्म्मह।।
मैं अब कहां रुकने वाला था। मैंने उसके पेट पर अपने हाथ व होंठों को घुमाना शुरू कर दिया। उससे अब रुका नहीं जा रहा था, क्योंकि वो पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी। उसकी लगातार सिसकारियां छूट रही थीं।
वो बार-बार बोल रही थी- डियर नितिन, मुझे अब और मत तड़पा … मुझे चोद ले नितिन … आआआह मेरी चूत में अपने लंड को डाउनलोड कर दे।
मैंने कहा- कुछ देर और रुक जा मेरी जान … सिस्टम को रिफ्रेश तो कर लेने दे पगली।
अब पोजिशन ये थी कि मैं सोफिया की दोनों टांगों के बीच में था। यारों क्या चूत थी उसकी। सोफिया की चुत एकदम फूली हुई गोलाकार व बदामी रंग की थी। उसकी चूत पर हल्के हल्के भूरे बाल थे। मैंने उसकी चूत के अगल-बगल व जाघों पर चुम्बन लिया, तो वो उछल पड़ी।
मैंने कसकर सोफिया को पकड़ लिया और उसकी चूत पर चुम्बन करने लगा। सोफिया तो बेहाल हो चुकी थी। वो सिसक रही थी … और चुदने के लिए तड़प रही थी।
मैंने अपनी एक उंगली सोफिया की चूत में डाल दी। अपनी एक उंगली को मैं उसकी चूत में अन्दर बाहर करने लगा। साथ ही मुँह से मैं सोफिया की नाभि के आसपास चूमने लगा। मैंने अपनी जीभ सोफिया के नाभि में डाल दी।
अब तो सोफिया उछल पड़ी और खुद को मुझसे छुटाने की कोशिश करने लगी।
मैंने अपनी दूसरी उंगली भी सोफिया की चूत में डाल दी।
सोफिया की चूत बहुत ही टाइट थी … मैं दोनों उंगलियों से सोफिया की ठुकाई कर रहा था और सोफिया बेचारी सिसक रही थी- आआआह … मेरी चूत फट जाएगी नितिन!
मैंने कहा- ऐसे कैसे फट जाएगी … कोई पहली बार थोड़ी ना घुसी है।
लगातार पांच मिनट तक दोनों उंगलियों से उसकी ठुकाई करने पर सोफिया की चूत ने पानी छोड़ दिया।
फिर मैंने सोफिया की चूत का रस अपने लंड पर लगाया … सोफिया मेरे लंड को देख कर घबरा गयी और बोली कि आह … इतने बड़े लंड से तो मैं मर ही जाऊँगी।
मैंने सोफिया की दोनों टांगों को फैलाकर अपने लंड को उसकी चूत पर रखा। फिर मैंने धीरे से सोफिया की चूत में अपना लंड डालना शुरू किया।
चूंकि वो पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी और उसकी चूत भी पूरी तरह उसके चुत के रस से चिकनी थी, इसलिए मेरा लंड बिना कोई रुकावट के उसकी चूत को चीरता हुआ पूरा अन्दर चला गया।
उसकी चीखें निकलना शुरू हो गईं, इसलिए मैं थोड़ा रुका और उसे चूमने लगा।
अब मैं रुकने की हालत में नहीं था, इसलिए मैं अपने लंड को सोफिया की चूत में अन्दर-बाहर करने लगा।
इससे उसको भी कुछ पल बाद आराम मिलने लगा और वो भी ठुकाई में मेरा भरपूर सहयोग देने लगी। वो अपने चूतड़ों को उठा-उठा कर चुदवा रही थी … सच में बहुत ही मजा आ रहा था।
थोड़ी देर बाद वो जोरदार चीख के साथ झड़ गयी। मैं लगातार ठुकाई करता रहा। कोई दस मिनट की ठुकाई के बाद मैंने भी अपना वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया।
जब मैं उसके ऊपर से हटा, तो सोफिया ने दुबारा मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मुझे अपनी बांहों में कसकर जकड़ लिया।
कुछ समय तक ऐसे ही एक दूसरे पर पड़े रहने के बाद हमने अपने-अपने कपड़े पहने।
अब जब भी मुझे टाइम मिलता है, मैं कृष्णा की गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स, पलंगतोड़ प्यार करता हूं।
उम्मीद है कि आपको मेरी सच्ची क्सक्सक्स स्टोरी पसंद आयी होगी