मंगलवार, 14 नवंबर 2023

भाभी के साथ मस्ती भरी रातें | भाभी सैक्स कहानी

 भाभी के साथ मस्ती भरी रातें

मेरी भाभी सेक्स की प्यासी रहती है हर समयरिश्तों में सेक्स की इस कहानी में पढ़ें कि कैसे भाभी को मैंने चोदा और भाभी की चूत की प्यास बुझायी और उसके बाद



दोस्तो कैसे हो, मेरा नाम लक्की है मेरे लंड बहुत बड़ा है, ये पूरे 8 इंच का एक मोटा खीरा जैसा है। ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सब को बहुत अच्छी लगेगी। हालांकि ये रिश्तों में सेक्स की कहानी है लेकिन ये एक रियल स्टोरी है।

मेरी भाभी का नाम अलका है, वो बहुत सेक्सी हैं। उनका फिगर लगभग 36-30-38 का होगा। ये भाभी सेक्स कहानी कुछ ऐसी हॉट है कि लड़कों लड़कियों का पानी निकलवा देगी। मेरी भाभी एक बहुत ही ज्यादा मस्त माल हैं। आज से पहले मैंने बहुत सी लड़कियों की चुत गांड मारी है, पर मेरी भाभी जैसे चुदक्कड़ औरत कोई भी नहीं मिली।

अन्तर्वासना पढ़ना पसंद करने वाली लड़कियों को बता दूं कि मेरा लंड 8 इंच का इतना मजबूत लंड है, जो अन्दर जाते ही चुत का पानी निकलवा देता है।

ये गर्मियों की छुट्टियों की बात है, जब मेरे चाचा दस दिनों के लिए जयपुर गए थे, उनके बच्चे अपनी नानी के पास गए थे। उस समय रात हो गई थी, तेज बारिश हो रही थी और बिजली कड़क रही थी।

मेरी भाभी ने मुझसे कहा- मुझे अकेले सोने में डर लग रहा है। तुम आज मेरे पास ही सो जाना।
मैंने भाभी की चूचियां देखते हुए कहा- ठीक है भाभी।
मैंने सोचा कि आज रात भाभी सेक्स के लिए मान जाए काश भाभी की चुत मिल जाए।

मैं उस रात भाभी के साथ सोने के लिए उनके पास चला गया। हालांकि खाना वगैरह हो गया था और मेरी भाभी भी सोने के लिए बस जा ही रही थीं।

मुझे देख कर मेरी भाभी ने कहा- गयाचल उधर कमरे में चला जा। मैं अभी आती हूँ।
मैंने कहा- ओके भाभी।

कुछ देर में भाभी आई और ने मेरी तरफ देख कर कहा- लक्की यार मुझे मेरे पैरों में बड़ा दर्द हो रहा है। तुम मेरी पैरों पर थोड़ी सरसों के तेल की मालिश कर दो।
मैंने सही मौक़ा देखा और हां कर दी।

भाभी ने कहा- तो मैं तेल गर्म करके लाती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है भाभी!
मैं खुश हो गया कि अब भाभी के बदन को छूने का मौक़ा मिलेगा।

पांच सात मिनट बाद भाभी एक मस्त नाइटी पहन कर कमरे में गईं। उनकी ये नाइटी सामने से खुलने वाली थीं, जो एक डोरी से बंधी थी। साफ़ दिख रहा था कि भाभी ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी, पर पेंटी का मालूम नहीं चल रहा था कि पहनी है या नहीं।

तेल की कटोरी मुझे देकर भाभी पैर फैला कर बिस्तर पर लेट गईं। मैं उनके पैरों पर मालिश करने लगा।

भाभी ने अपनी टांगें घुटने से उठा ली जिससे उनकी नाइटी से कुछ अन्दर का झांकी दिखने की पोजीशन बन गई थी, लेकिन तब भी अभी कुछ दिख नहीं रहा था। मैं उनके पैर की पिंडली पर मालिश करने लगा। भाभी को बड़ा मजा आने लगा था। मैंने उनके दोनों पैरों की बढ़िया से मालिश की। इससे भाभी को बड़ा अच्छा लगा।

फिर उन्होंने कहा- तू तो बड़ी अच्छी मालिश कर लेता है। जरा मेरे हाथों और बाजू की भी मालिश कर दे।
मैं भाभी की बगल में बैठ कर उनकी बाजू और कन्धों की मालिश करने लगा।

तभी मुझे एक आईडिया आया, मैंने ऊंघने का नाटक किया और तेल की कटोरी भाभी के पेट पर गिरा दी।

इस तरह सारा तेल उनकी नाइटी पर मम्मों के पास गिर गया और भाभी के मम्मों पर चला गया। मैं उसे साफ करने लगा।

तो भाभी ने कहा- ओये एडवांटेज मत ले, मैं अपने आप साफ कर लूंगी।
मैंने उनकी तरफ डरते हुए देखा, पर उन्होंने ये मज़ाक में कहा था।

भाभी दूसरे कमरे में चली गईं और दूसरी नाइटी पहन आईं। ये नाइटी एक फ्रॉक जैसी थी।
मैंने उनसे कहा- भाभी आप इस नाइटी में बड़ी अच्छी लग रही हैं।
वो मुस्कुराते हुए आकर लेट गई। मैंने भी उनकी मालिश शुरू कर दी।

कुछ ही देर में उनकी मालिश हो चुकी तो वो बोलीं- बस अब रहने दे।

मैंने धीरे से कहा- मेरे बदन में भी दर्द हो रहा है। भाभी प्लीज़ आप मेरे भी पैरों और पीठ की मालिश कर दो।
वो पहले तो मुझे घूरने लगीं और हंसते हुए बोलीं- तेरी मालिश वाली जल्द ही लानी पड़ेगी।
मैं उनका अर्थ समझते हुए गर्मा गया।

लेकिन मैंने भी यूं ही तुक्के में कह दिया- जब तक वो नहीं आती, तब तक आप ही मालिश वाली बन जाओ ना।
और मैंने अपनी शर्ट उतार दी। नीचे मैंने छोटी सी निक्कर पहनी हुई थी।
भाभी ने भी मेरी बात को कुछ समझ लिया था। वो मेरे बदन की मालिश करने लगीं।

उसी समय मेरे लंड ने हरकत करनी शुरू कर दी। मैंने जानबूझ कर आंखें बंद कर लीं और नींद आने का बहाना करने लगा।

भाभी के कोमल हाथों की मालिश से मेरा लंड खड़ा हो गया था। भाभी ने मेरे लंड को खड़ा होते देख लिया। इधर मैं सोने का ड्रामा कर रहा था।

उन्होंने मेरी निक्कर के नीचे से हाथ डाला और मेरे लंड के पास की मालिश करने लगीं। ये देख कर मुझे समझ गया कि भाभी ने आज चुदने का मूड बना लिया है। मैंने कुछ भी नहीं किया, लेकिन उनके स्पर्श से मेरे लंड ने हिचकोले लेना शुरू कर दिया।

भाभी ने आव देखा तावउन्होंने मेरे लंड को पकड़ लिया और दोनों हाथों से लंड की मालिश करने लगीं। तभी मुझे रहा नहीं गया और मैं उठ गया।
मैंने भाभी से कहा- ये आप क्या रही हो?
वो बोलने लगीं- ये भी मालिश करवाने के लिए खड़ा हो गया था, तो सोचा कि इसकी भी मालिश कर दूँ।

ये कहते हुए भाभी ने मुझे आँख मार दी। मैंने भी मौके पर चौका मार दिया और कहा कि लंड की मालिश करने से आपकी चुत में खुजली नहीं हो रही होगी?

भाभी ने मेरे मुँह से लंड चुत सुना, तो उन्होंने मेरे लंड को चूम लिया और बोलीं- तो तुम मेरी चूत की भी मालिश कर दो नासोच क्या रहा है, आजा जल्दी से कर दे।

मैंने भाभी के दूध दबाते हुए कहा कि मेरा लंड का साइज़ तो देख ही लिया हैआपकी चूत फट जाएगीबहुत दर्द होगा देख लो।
भाभी ने लंड रगड़ते हुए बोला- वही दर्द तो लेना है।

मैंने भाभी की नाइटी खोल दी। अब वो सिर्फ पैंटी में ही थीं।

मैं उनके मम्मों को चूसने लगा और भाभी के एक दूध के निप्पल को अपने होंठों के बीच दबा कर कुछ मिनट तक चूसता रहा। भाभी बोलीं- सिर्फ एक ही चूसेगा या दूसरा भी चूसेगा।

मैंने भाभी के दूसरे निप्पल को भी खूब चूसा और उसी के साथ पहले वाले दूध को रगड़ कर खूब मसला।

भाभी ने आह भरना शुरू कर दिया था।

दस मिनट बाद भाभी ने मुझे रोकते हुए कहा- चूसने का मजा मुझे भी लेना है

मैंने अपनी निक्कर उतार दी और लंड हिलाने लगा। भाभी एक रंडी के जैसे मेरे लंड के पास आईं और मेरे खड़े लंड को पकड़ कर चूसने लगीं। भाभी काफी मस्ती भरे अंदाज से लंड के सुपारे को चाट रही थीं, लंड को गले तक ले रही थीं और साथ ही मेरे टट्टों को भी चूस चाट रही थीं।

भाभी काफी देर तक लंड चूसती रहीं। मैं भी उनके मम्मों मसलता रहा। अब वो सिसकारियां लेने लगी थीं। कमरे का माहौल गर्म हो गया था।

फिर मैंने भाभी से कहा- भाभी 69 की स्थिति में जाओ। मुझे भी आपकी चूत का रस चाटना है।



वो इतनी अधिक चुदासी हो गई थीं कि उनकी भाषा बदल गई। वो मुझे बोलीं- भोसड़ी के तू मुझे भाभी नहीं, रंडी बोल मादरचोद।
मैंने भी गाली दी और कहा- जा भैन की लौड़ीसाली मेरी रंडी आज तेरी चूत के चिथड़े उड़ा दूँगा।

भाभी मादक अंदाज से अपनी गांड हिलाते हुए उठीं और पेंटी उतार कर उल्टी होकर लेट गईं। अब मैं उनकी चूत को चाटने लगा और वो मेरे लंड को चूसने लगीं।

कुछ देर बाद भाभी बोलीं- जा भड़वेअब लंड पेल दे।
ये सुनकर मैं भाभी के पैरों के बीच गया। मेरे लंड को भाभी ने चूस चूस कर चिकना कर दिया था।

भाभी ने भी अपनी टांगें हवा में उठाकर चूत खोल दी थी। मैंने लंड का सुपारा भाभी की चूत की फांकों में लगाया और एक ही झटके में अपना 8 इंच का लंड अन्दर डाल दिया।
मैंने एकदम से पूरा लंड अन्दर घुसेड़ा, तो भाभी की माँ चुद गई और वो बहुत जोर से चिल्ला दीं- उम्म्हअहहहयओहमादरचोदफाड़ दी भैन के लौड़े

मैं लंड पेले हुए यूं ही रुक गया और उनकी चूचियों को दबाने लगा। थोड़ी ही डर बाद भाभी को राहत मिल गई और वे शांत हो गईं।

मैंने अब भी कुछ नहीं किया, तो भाभी ने नीचे से गांड हिलाई और कहा- अब चोद बेऐसे ही डाले पड़ा रहेगा क्या?

मैं धीरे धीरे से चूत में धक्के देने लगा। फिर मैंने झटकों की स्पीड अचानक से तेज कर दी और फास्ट सेक्स स्टार्ट कर दिया।
भाभी चीखने लगी थीं- आह मर गईबाहर निकाल भोसड़ी केदर्द हो रहा है।
पर मैंने उनकी एक भी ना सुनी और चोट मारता रहा।

वो गंदी गालियां निकाल रही थीं- भोसड़ी के बाहर निकाल मादरचोदछोड़ दे मुझे कमीनेबहन के लौड़े निकालवर्ना तेरे चाचा को कह दूँगी।

मैंने कहा- साली रंडी बनने का इतना शौक था, तो अब रंडी ही बना कर छोडूंगामादरचोदीजा किसी से भी जा कर कह देनाजब तक लंड का पानी नहीं निकल जाता, तब तक लंड नहीं निकलेगाभोसड़ी कीआज तेरी फाड़ कर ही तुझे छोडूँगा साली रंडी।

वो चिल्लाती रहीं और मैं पेलता रहा। कोई पांच मिनट बाद लंड की चूत से दोस्ती हुई, तब भाभी को मजा आना शुरू हुआ।

मैंने कई मिनट तक तेज झटके मारने के बाद कहा- बोल रस कहां निकालूं?
तो भाभी रंडी ने बोला- आह मेरी चूत में ही निकाल दे कमीने।।

मैंने 5 मिनट बाद भाभी की चूत में ही रस निकाल दिया। मेरी भाभी ने बाद में बताया कि उनका अब तक दो बार हो गया था।

थोड़ी देर बाद मैंने लंड को निकाला और भाभी के सामने कर दिया। भाभी ने लंड को चाट कर साफ कर दिया।

मैं कुछ देर बाद फिर से ठुकाई के लिए तैयार हो गया।
मेरी भाभी सेक्स के लिए दुबारा तैयार थी, मेरे लंड को खड़ा करके भाभी ने कहा- बता अब कहां डालेगा?

मैं समझ गया कि भाभी अपनी गांड में डालने को कह रही हैं। मैंने रंडी भाभी को कुतिया बना कर उनकी गांड में लंड का सुपारा पेल दिया। भाभी की गांड फट गई, लेकिन तेल की कटोरी से तेल टपका टपका कर मैंने भाभी की गांड को खूब मजे से मारा और उनकी गांड में ही झड़ गया।

फिर हम दोनों साथ में नहाने चले गए। उस पूरी रात में हम दोनों ने कई बार ठुकाई की। मैंने भाभी की चूत को रंडी का भोसड़ा बना दिया। उस रात सुबह चार बजे तक सिर्फ सेक्स ही चलाहम दोनों पूरी रात नहीं सोये।

सवेरे तो मेरी भाभी चल भी नहीं पा रही थीं।

अब हम दोनों ऐसे ही रोज ठुकाई का खेल खेलने लगे थे। चाचा दस दिनों के लिए बाहर गए थे। तो ये मजेदार सेक्स का खेल पूरी पूरी रातों में ऐसे ही तक दस दिनों तक चला।

चाचा के आने के बाद भी हम दोनों टाइम निकाल कर दिन में भी ठुकाई का मजा ले लेते थे। दिन में भी एक दो राउंड भाभी सेक्स के हो जाते थे।

एक बार घर पर कोई नहीं था। उस दिन मेरे पांच दोस्त घर पर आए हुए थे।

घर पर भाभी को मिला कर हम 7 लोग थे।

भाभी ने मुझे बुला कर कहा- किसी तरह से अपने दोस्तों के साथ मेरी चूत की खुजली मिटवा दो।
मैंने भाभी सेक्स की इस अनोखी इच्छा से हैरान होते हुए भाभी से पूछा- सबका एक साथ लोगी?
भाभी ने मुझे चूमते हुए कहा- हां आज बड़ी इच्छा हो रही है।

मैं राजी हो गया। मैंने अपने दोस्तों से कहा- यार भाभी जी का मन हो रहा है। उनके साथ सेक्स करना है।
मेरे दोस्त फ्री में चुत की जुगाड़ मिलने की बात सुनकर एकदम से राजी हो गए।

भाभी जी हम सभी को अपने कमरे में ले गईं।
मैं तो नीचे लेट गया और भाभी की गांड मारने लगा। विक्रम ने चूत में लंड पेल दिया था। नरेश और महेंद्र ने दोनों चूचों को पकड़ लिया। भाभी उन दोनों के लंड हाथ में पकड़ कर आगे पीछे कर रही थीं। अभिषेक ने भाभी के मुँह में लंड डाल रखा था। इस तरह कोई भी जगह या छेद खाली नहीं छोड़ा गया था,

आखिरी में तो भाभी की गांड चुत और उनके मुँह का कबाड़ा हो गया था।

हम सब जब झड़ने को हुए, तो भाभी ने सारा पानी अपने मुँह में ले लिया और पी गईं।
उस दिन मुझे पता लगा कि भाभी सेक्स के लिए कितनी ज्यादा प्यासी हैं। तब के बाद से जब भी घर में कोई नहीं होता है, हम सब भाभी के साथ ग्रुप सेक्स का मज़ा ले लेते हैं।

दोस्तो, आप सब जरूर बताना कि आपको मेरी ये भाभी सेक्स की गंदी कहानी कैसी लगी।




 
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