बुधवार, 15 नवंबर 2023

मौसी की गांड जोर दार चोदा | मौसी सेक्स कहानी

 मौसी की गांड जोर दार चोदा

रिश्तों में ठुकाई की इस कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी मौसी को चोदा। मौसी का फिगर बहुत ही मस्त था। मैं उन्हें बाथरूम में नंगी नहाती देखता था। वो बहुत चुदासी थी और बाथरूम में अपनी चूत में उंगली करती थी।



मेरा नाम कान्हा है। मैं जयपुर का रहने वाला हूँ। मेरे घर में मेरे मम्मी पापा, बड़ा भाई और एक मौसी रहती थीं जो तब तक कुंवारी थीं। रिश्तों में ठुकाई की इस कहानी में मैं आपको बताऊँगा कि कैसे मैंने अपनी मौसी को चोदा।

मौसी का फिगर बहुत ही मस्त था। उनके मोटे मोटे चूचे बड़े ही मस्त थे। पतली कमर और उसके नीचे मौसी की उभरे हुए चूतड़ थे। जब वो चलती थीं, तो उनकी मटकती गांड देख कर मेरा आठ इंच का लंड एकदम सिग्नल सा खड़ा हो जाता था।

ये हालत मेरे लंड की ही नहीं थी, जो भी उनकी मटकती गांड को एक बार देख भर ले, गारंटी है कि उसका लंड खड़ा हो जाएगा।

जब मौसी नहाने जाती थीं, तो मैं बाथरूम के छेद से चुपके से उन्हें नहाते हुए देखता रहता था। वो भी जब अन्दर नहाती थीं, तो बिल्कुल नंगी होकर नहाती थीं। ख़ास बात ये थी कि मौसी नहाते समय अपने मोटे चूचों को खूब मसलती थीं।

वो अपनी चूत को भी अपने हाथ से सहलाती थीं और कभी कभी तो उसमें उंगली भी डाल लेती थीं। मौसी की चूत बड़ी गद्देदार थी।

ऐसे ही एक बार मैं मौसी को नंगी नहाते हुए देख रहा था। उस दिन मौसी अपनी चूत में उंगली कर रही थीं। मौसी की चूत पर छोटे छोटे बाल थे, ऐसा लगता था कि उन्होंने थोड़े दिन पहले ही अपनी झांटों को साफ किया था।

मौसी के नंगे चूचे और मस्त गांड देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा। उन्होंने अपने पूरे बदन पर साबुन लगाया और चूचों को दबाने लगीं। कुछ पल बाद मौसी अपने एक हाथ से अपनी चुत में उंगली डालने लगीं।
उनकी हल्के स्वर में कराहने की मादक आवाज निकलने लगी। थोड़ी देर में ही वो झड़ गईं और एक हाथ से अपने चूचों को सहलाते हुए चूत में से उंगली निकाल कर चाट ली।

फिर कुछ देर बाद मौसी नहा कर बाहर गईं। मैं वापस अपनी जगह कर बैठ गया। वो अपने कमरे में जा कर कपड़े पहनने लगीं। उन्होंने पिंक रंग की ब्रा और पेंटी पहनी। उस ब्रा पेंटी के सैट में वो बहुत ही मस्त लग रही थीं।

फिर मैं नहा धो कर विद्यालय चला गया। जब शाम को घर वापस आया, तो मम्मी और पापा घर पर नहीं थे।

मेरे पूछने पर मौसी ने बताया कि किसी रिश्तेदार की मृत्यु हो गई है, वहां चले गए हैं। शायद उनको आने में कुछ दिन लग जाएं।

मौसी ने खाना परोसा और मुझे दे दिया। मैंने खाना खाया और अपने कमरे में जाकर पढ़ाई करने में लग गया।

शाम होने से कुछ देर पहले मौसी ने मेरे पास आकर पूछा कि शाम के खाने में क्या खाएगा?
मैंने कहा- मौसी ऐसा खाना बनाओ, जो मस्त लगे।
मौसी हंस दीं और खाना बनाने चली गईं।

मैं बाहर खेलने चला गया। मैं शाम को 7 बजे वापस आया, तो मौसी ने खाना बना लिया था।
मौसी ने बोला- खाना खा ले।
मैंने कहा- मौसी साथ में ही खाएंगे।
मौसी ने कहा- मैं तो नहाने के बाद खाऊंगी।
मैंने कहा- ठीक है। आप जाओ फिर साथ ही खाएंगे।
तब मौसी बोलीं- ओके, मैं नहाने जा रही हूँ।

मौसी नहाने चली गईं और बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया। दरवाजा बंद होते ही मेरी आंख बाथरूम के उसी छेद में लग गई। मैंने देखा कि मौसी ने अपनी पेंटी और ब्रा उतारी और नहाने लगीं। उन्होंने पहले अपने पूरे बदन पर साबुन लगाया और वे अपनी बुर के बाल साफ करने लगीं।

चूत के बाल साफ करके मौसी अपनी एक उंगली चूत में लेने लगीं। ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया।

थोड़ी देर मैं मौसी झड़ गईं और नहा कर कपड़े पहन कर बाहर आने लगीं। मैं वहां से हट गया। वो अपने कमरे में चली गईं।

फिर मौसी ने कहा- खाना खा लें क्या?
मैंने कहा- मौसी आप बुरा मानो, तो आज मैं थोड़ा एन्जॉय कर लूं?
मौसी ने आंखें नचाईं और पूछा- कैसा एन्जॉय?

मैंने अंगूठा उठाया और दारू पीने का इशारा किया।

मौसी हंस दीं और बोलीं- तू पीता भी है?
मैंने हंस कर कहा- कभी मौक़ा मिल जाता है, तो मजा कर लेता हूँ।
मौसी बोलीं- बाजार जाएगा क्या?
मैंने मौसी से कहा- नहीं, पापा की दारू की बोतल में से हम दोनों थोड़ी टेस्ट कर लेते हैंउनको क्या पता चलेगा।

ये कह कर मैंने उनको भी लपेटने की कोशिश की थी।

मौसी हंस दीं और बोलीं- ज़्यादा नहीं लेंगेकहीं नशा वशा हो गया, तो दिक्कत हो जाएगी।
मैंने उत्साहित होकर कहा- मौसी बस दो दो पैग ही लेंगे। दो पैग से कुछ नहीं होता है। मैं अभी लाया, आप जरा गिलास और नमकीन का इंतजाम करो।

फिर मैं पापा की दारू की बोतल ले आया। तब तक मौसी ने टेबल पर दो गिलास और साथ में आइस भी रख दी थी। एक प्लेट में भुने हुए काजू भी रख लिए थे। मुझे देख कर आश्चर्य हुआ कि मौसी को दारू लेने के बारे में सब कुछ मालूम है।

मैंने दोनों गिलासों में दारू डाल कर पैग बनाए। मैंने मौसी का गिलास थोड़ा ज़्यादा हार्ड बना दिया।

हम दोनों ने चियर्स बोल कर जाम टकराए।

मौसी पहला सिप लेते ही बोलीं- ये तो बड़ी कड़वी है यारलोग कैसे पी लेते हैं।
मैंने कहा- मौसी इससे बड़ी मस्ती चढ़ती है। आपको मजा जाएगालो तो।

मैंने मौसी को ज़बरदस्ती शराब पिला दी। फिर हम दोनों थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने लगे।

मैं मौसी से बोला- मौसी शादी कब कर रही होअब तो आप पूरी जवान हो गई हो।
मौसी मस्ती में बोलीं- तुझे कैसे मालूम है कि मैं जवान हो गई हूँ।
मैं शरमाते हुए बोला- आपको देख कर ही लगता है।
फिर मौसी ने गिलास से घूँट लेते हुए कहा- हां करेंगे जल्दी ही।

कुछ देर में दो दो पैग खत्म हो गए।

मैंने एक एक पैग और बनाया और हम दोनों दारू पीने के साथ साथ खाना खाने लगे।

खाना खत्म करते करते मौसी को नशा होने लगा। उन्होंने अपनी टांगें टेबल पर पसार दी थीं और मस्त बातें करने लगी थीं।

मैंने सारे बर्तन रसोई में रख कर मौसी को बोला- चलो, मैं आपको आपके कमरे में ले चलता हूँ।
मौसी नशे में बोलीं- क्यों?
मैंने कहा- आपको सुला देता हूँ।
मौसी ने बोला- नहीं, आज हम एक साथ ही सोएंगेरात में मुझे कुछ हो गया, तो में क्या करूंगीतू साथ रहेगा, तो मुझे संभाल तो लेगा।

मैं कुछ नहीं बोला मुझे मौसी की चुत मिलने जैसी लगने लगी थी।

मौसी कुछ देर बाद लड़खड़ाते हुए उठीं और मेरा सहारा लेते हुए अपने कमरे में जाकर लेट गईं। मैं भी लाइट बंद करके मौसी के पास जा कर सोने लगा।

करीब एक बजे मुझे सर्दी लगी, तो मैं मौसी से चिपक गया। उनसे चिपकने के बाद मुझे लगा कि नीचे से मौसी नंगी हैं। मैंने हाथ से टटोल कर देखा, तो मेरा हाथ मौसी की नंगी गांड पर जा लगा। नंगी गांड को टच करते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। उनकी पेंटी नीचे को सरकी हुई पड़ी थी।

मैंने अब देर नहीं की और मौसी के चूचे दबाने लगा। मुझे मौसी के मम्मों को दबाने में मज़ा आने लगा।

फिर धीरे से मैंने उनकी पेंटी पूरी तरह से निकाल दी और धीरे धीरे मौसी की चुत को सहलाने लगा। मौसी को नशा चढ़ा था, इसलिए उन्हें मेरे हाथ का मालूम ही नहीं चला।

मैंने उनकी नाइटी भी खोल दी और ब्रा भी खोल दी। ब्रा को खोलते ही उनके मोटे चूचे बाहर गए। मैं उनके चूचे चूसने लगा। फिर मैंने लाइट ऑन करके देखा, तो मेरा दिमाग़ खराब हो गया।

मौसी का बदन सफ़ेद संगमरमर की तरह चिकना लग रहा था। मैंने अपना कंट्रोल खो दिया और मौसी के पास जा कर उनकी चुत को चाटने लगा।

मुझे मौसी की चुत की खुशबू बड़ी मदहोश कर रही थी। दस मिनट तक चुत की चुसाई करने के बाद मैंने मौसी के चूचों को जम कर चूसा।

अब मौसी की सांसें तेज चलने लगीं। मुझे लगा कि मौसी जागी हुई हैं, लेकिन वो भी मज़े ले रही हैं।

ये सोचते ही मैं बेख़ौफ़ हो गया और मौसी के ऊपर चढ़ गया। मैं मौसी के होंठों को चूसने लगा।

मैंने देखा कि मौसी ने अपनी आंखें खोल दी थीं। मुझे एक पल के लिए तो थोड़ा डर लगा, लेकिन मौसी मेरा साथ देने लगीं।
वो कहने लगीं- आहकान्हा आज मेरी प्यास बुझा देमैं बहुत प्यासी हूँ।
मैंने मौसी से कहा- मैंने तो पहले ही कहा था कि आप जवान हो गई हो।
मौसी मेरे लंड को टटोलते हुए बोलीं- हां, तू भी तो पूरा मर्द हो गया है।

मैंने लंड पर मौसी का हाथ महसूस किया तो मैंने कहा- मेरा लंड चूसो ना मौसी।
मौसी ने हामी भर दी।

मैं उठ कर पोजीशन में गया और मौसी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं। कुछ ही देर में हम दोनों 69 की पोज़ीशन में गए। अब वो मेरा लंड और मैं उनकी चुत को चूसने लगा।

मौसी ने दस मिनट में अपनी चुत से पानी छोड़ दिया। मैंने चूत का सारा पानी पी लिया।

थोड़ी देर बाद मेरा भी होने वाला था, तो मैंने मौसी को बोला- मौसी मेरा निकलने वाला है।
मौसी ने लंड चूसते हुए ही कहा- हम्मआने देतू मेरे मुँह में ही छोड़ दे।

मैंने मौसी के मुँह में वीर्य छोड़ दिया। बुया ने केवल वीर्य खा लिया, बल्कि वे मेरे लंड को चूसती ही रहीं। इससे ये हुआ कि थोड़ी ही देर बाद मेरा लंड वापस खड़ा हो गया।

मौसी ने मुझे अपने ऊपर ले लिया। मैं मौसी की चुत पर अपना लंड रगड़ने लगा।

मौसी चुदास भरी आवाज में बोलीं- आहकान्हा अब मत तड़पाजल्दी से डाल दे मेरी चुत में अपना मूसल

मैंने मौसी की टांगों को फैला कर उनके बीच में बैठ कर अपना सुपारा चुत के छेद पर लगा कर एक तेज झटका दे मारा। मेरा आधा लंड मौसी की चुत में चला गया।
मौसी ज़ोर से चीख उठींउम्म्हअहहहयओह …’

मैंने अपनी प्यारी मौसी की सील तोड़ दी थीउनके चिल्लाने से मुझे कोई असर नहीं पड़ा। मैंने फिर से ज़ोर का झटका से मारा। इस बार मेरा पूरा लंड मौसी की चुत में जड़ तक समा गया।

मौसी ज़ोर से चिल्लाने लगीं और बोलीं- कान्हा प्लीज़ अपना लंड बाहर निकालमुझे बहुत दर्द हो रहा है।
मैंने मौसी से कहा- सील टूटी है मौसी, थोड़ा दर्द तो सहन करना ही पड़ेगा।

मैं शांत होकर उनके ऊपर चढ़ा रहा। मौसी का थोड़ा दर्द कम होने के बाद मैं लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा। थोड़ी देर बाद मौसी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगीं। मौसी को भी मज़ा आने लगा।

फिर बीस मिनट तक मैंने मौसी की धुआंधार ठुकाई की। इस बीच मौसी दो बार झड़ गई थीं।
मौसी ने मुझे कसके पकड़ लिया और कहने लगीं- कान्हा, आई लव यू।
मैंने भी कहा- मौसी, आई लव यू टू।

मैं उनके एक चूचे को चचोरने लगा और धक्का मारते हुए मैंने मौसी की चुत को अपने पानी से भर दिया।

झड़ने के बाद मैं मौसी के ऊपर ही लेट गया। कुछ देर बाद मौसी उठ कर बाथरूम में जाने लगीं, तो मौसी ने देखा बिस्तर की सफ़ेद चादर लाल हो गई थी। ये खून के छींटे उस पर दाग बन कर दिखने लगे थे।
ये देख कर मौसी बोलीं- कान्हा, आज तूने अपनी मौसी को चोदा। तूने मुझे पूरी औरत बना दिया है।
मैं हंसने लगा।

मौसी बाथरूम में जाकर अपनी चुत को साफ करके वापस गईं और चादर बदल कर हम दोनों सोने लगे।

हम दोनों चिपक कर सो गए। सुबह करीब सात बजे हमारी आँख खुली, तो मेरा लंड खड़ा हो रहा था।
मौसी ने लंड टटोल कर कहा- कान्हा तेरा हमेशा ही खड़ा रहता है क्या?
मैंने कहा- मौसी, आप जैसी मस्त लड़की पास होतो बुड्डों का लंड भी खड़ा हो जाएगा।

वो शरमाने लगीं। फिर मौसी नंगी ही रसोई में चाय बनाने चली गईंऔर मैं भी उनके पीछे जा कर खड़ा हो गया।

मैं मौसी की गांड में लंड पेलने की कोशिश करने लगा।
मौसी हंस कर बोलीं- सुबह सुबह ही लग गयाथोड़ा रुक जा, चाय पी लेफिर कर लेना, जो करना है।
मैंने कहा- मौसी आज आपकी गांड मारनी है।
मौसी बोलीं- ठीक है।

मैंने मौसी की गांड कैसे मारी, ये आगे की रिश्तों की ठुकाई कहानी में बताता हूँ। आपको कैसा लगा जब मैंने अपनी मौसी को चोदा?




 
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