संजू भाभी को टांग उठाकर चोदा
मैंने अपनी भाभी की चुत की ठुकाई की। असल में भाभी के उभरे चूचों को देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मैं मौके की तलाश में था। एक बार बहाने से मैंने भाभी को गर्म कर दिया और …
मेरा नाम अनंत है और मैं छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के पास एक गांव का रहने वाला हूं।
मैं हिंदी बेस्ट सेक्स स्टोरी सेक्स कहानी की कहानियां काफी समय से पढ़ रहा हूं और मैंने इसकी कहानियां ख़ासकर भाभी की चुत की ठुकाई कहानी पढ़ना आज से करीब 8 या 10 साल पहले शुरू किया था। अभी मैं 28 के ऊपर का हो चुका हूं और अभी तक कुंवारा ही हूं। मगर सेक्स कहानी से मेरा नाता बहुत पुराना है।
यह कहानी वैसे तो वास्तविक है लेकिन इस कहानी में मनोरंजन के लिए मैंने थोड़ा सा मसाला भी डाल दिया है ताकि आपको कहानी पढ़ने में मजा आये।
यह कहानी मेरे और मेरी भाभी के बीच में हुई घटना की है। इसलिए मैं अपनी भाभी का नाम यहां पर नहीं बताऊंगा।
दोस्तो, वैसे तो मैंने आज तक अपनी जिन्दगी में बहुत सी लड़कियां और भाभी चोद कर मजा लिया। मेरी गर्लफ्रेंड की ठुकाई भी मैंने खूब की है। मगर भाभी की चुत ठुकाई की ये घटना कुछ निराली थी। इसलिए मैंने सोचा कि पाठकों के साथ अपनी भाभी की चुत ठुकाई का किस्सा शेयर करूं।
मैंने रंडी की ठुकाई के साथ-साथ रिश्तों में ठुकाई भी खूब की है। जिसमें मेरी मौसी की ठुकाई भी शामिल है। मगर इस कहानी में मैंने अपनी भाभी की चुत कैसे मारी सिर्फ उस घटना का जिक्र ही किया है। तो अब आपका ज्यादा समय न लेते हुए मैं अपनी कहानी पर आता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि आपको मेरी भाभी की चुत की कहानी पढ़ते हुए मजा आयेगा।
कहानी तब की है जब मैंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई शुरू की थी। उस वक्त मेरी पढ़ाई पूरी करने के लिए मैं पहली बार घर से बाहर गया था। कॉलेज के समय में मेरा लंड भी बहुत परेशान करने लगा था। मैंने कॉलेज में जाते ही गर्लफ्रेंड बना ली थी। कुछ ही दिन के बाद उसकी चुत को चोद दिया। मगर चुत की प्यास और बढ़ गई थी।
जब मेरे कॉलेज का पहला साल खत्म हुआ तो मैं घर वापस आ गया था। एक महीने की छुट्टी थी। घर आये हुए मुझे एक सप्ताह ही हुआ था कि मेरे लंड ने मुझे फिर से परेशान करना शुरू कर दिया। कई दिनों तक मैं सेक्स कहानी सेक्स स्टोरी साइट पर सेक्सी कहानियां पढ़ कर लंड को हिलाता रहा लेकिन मुझे चुत चाहिए थी।
एक दिन मेरी भाभी मेरे घर पर आयी। मैंने एक रात पहले ही भाभी की चुत की ठुकाई की कहानी पढ़ी थी। कहानी को पढ़कर मेरी नजर भाभी के चूचों पर गई तो मेरा लंड खड़ा हो गया। उस दिन मैंने भाभी के चूचों के बारे में सोच कर मुठ मारी। फिर मैंने सोचा कि क्यों न भाभी की चुत ठुकाई का मजा ले लूं।
मैंने भाभी की ठुकाई करने का प्लान सोचना शुरू कर दिया लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं यह कैसे कर पाऊंगा। एक दिन की बात है कि मेरे घर पर कोई भी नहीं था। पापा काम से बाहर गये हुए थे और मां किसी रिश्तेदार के यहां पर गई हुई थी। उस दिन भाभी घर आई और मेरी मां के बारे में पूछने लगी।
भाभी कई बार मेरी मां के पास आ जाती थी और दिन भर बैठ कर बातें करती रहती थी। मैं भी चुपके से भाभी के उभारों को देख कर मजा लिया करता था। उस दिन भी मैंने सोचा कि भाभी मेरी मां के पास आई है। मैंने मां के बारे में बताया तो भाभी ने कहा कि ठीक है मैं फिर बाद में आऊंगी।
मैं बोला- भाभी कुछ काम है तो मुझे बता दो।
भाभी बोली- नहीं कुछ खास नहीं, मेरे सिर में दर्द हो रहा था। मैं तो तुम्हारी मां के पास बाम लेने के लिए आई थी। मेरे घर में मुझे बाम नहीं मिल रही थी।
मैं बोला- कोई बात नहीं भाभी, मैं आपको बाम ढूंढ कर दे देता हूं।
मैं भाभी के सामने ही बाम ढूंढने लगा और मुझे मिल गई।
भाभी को बाम थमाते हुए मैंने भाभी के ब्लाउज की तरफ देखा तो मुझे भाभी के क्लिवेज दिख गये। मेरे मन में वासना जाग गई।
मैंने कहा- भाभी अगर ज्यादा दर्द हो रहा है तो मैं आपके सिर में बाम लगा देता हूं।
वो बोली- नहीं, मैं खुद से लगा लूंगी।
मैंने कहा- अरे भाभी, दूसरे के हाथ से मालिश करवाने में ज्यादा आराम मिलता है।
फिर मेरे जोर देने पर भाभी मान गई। मैंने भाभी को अन्दर वाले कमरे में चलने के लिए कह दिया। भाभी मेरे सामने बेड पर जाकर लेट गई और मैंने भाभी के सिर बाम लगाना शुरू कर दिया। अब भाभी के उठे हुए चूचे मुझे और अच्छी तरह नजर आ रहे थे।
ब्लाउज में मेरी भाभी के चूचे ऐेसे तने हुए थे जैसे कोई मिसाइल हो। भाभी के उभारों को देख कर मेरे लंड में तनाव आ चुका था। मैं बेड के किनारे पर खड़ा होकर भाभी के सिर में बाम की मालिश कर रहा था। मेरा तना हुआ लंड मेरी लोअर में मुझे परेशान करने लगा था।
मालिश करने के बहाने धीरे धीरे मैं भाभी के कंधे पर अपने तने हुए लंड को टच कर देता था। जब मेरा लंड भाभी के कंधे से टच होता था उसमें और उत्तेजना आ जाती थी और भाभी के कंधे पर झटका लगता था। मेरी वासना बढ़ती जा रही थी।
सामने भाभी के चूचों की दरार मुझे दिख रही थी और दूसरी तरफ भाभी के कंधे पर लंड के छूने से मेरा बुरा हाल हो रहा था।
मैं बोला- भाभी कई बार सिर में दर्द पीछे गर्दन की वजह से भी हो जाता है।
वो बोली- ठीक है तो फिर थोडी़ मालिश गर्दन की भी कर दो।
मेरे कहने पर भाभी पलट गई। भाभी के पलटते ही उसकी भारी सी गांड मुझे साड़ी के अंदर ही उठी हुई दिखाई देने लगी। अब भाभी की नजर मेरी लोअर पर थी। मेरी लोअर में तना हुआ लंड भाभी को दिख गया। मगर भाभी ने कुछ नहीं बोला।
मैं भी देख रहा था कि भाभी मेरे तने हुए लंड को देख रही थी। इस वजह से मेरे लंड में और ज्यादा उत्तेजना हो रही थी। मैं जान बूझ कर लंड में झटके दे रहा था ताकि भाभी मेरे लंड को देख कर उत्तेजित हो सके। कई बार मैंने भाभी की नजर के सामने ही अपने लंड को झटका दिया।
अब भाभी की नजर मेरे लंड पर गड़ गई थी। वो बार-बार बहाने से मेरे लंड की तरफ ही देख रही थी। मैं भी अपने तने हुए लंड को भाभी के होंठों के पास लेकर जाने लगा था। एक बार तो मैंने बहाने से भाभी की नाक को अपने लंड से छू भी दिया।
मुझसे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था लेकिन भाभी कुछ पहल नहीं कर रही थी। फिर मैंने भाभी की गर्दन पर मालिश करने के बहाने हाथ पीछे तक ले जाना शुरू कर दिया। अब भाभी की पीठ पर उसकी ब्रा की पट्टियों पर मेरी उंगलियां छू रही थी। मैं जान बूझकर भाभी की ब्रा को छू रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
कुछ देर ऐसे ही करने के बाद अब मेरी मेहनत का असर दिखने लगा था। भाभी पलटते हुए बोली- अब गर्दन की मालिश बहुत हो गई। अब सिर की ही मालिश कर दे।
भाभी ने अपनी साड़ी का पल्लू अपने चूचों के ऊपर से हटा दिया था। भाभी के ब्लाउज में तने हुए चूचे मुझे साफ नजर आ रहे थे।
मैंने बाम की शीशी भाभी की बाजुओं की बगल में पेट पास रख दी। इस तरह से कोण बनाया कि जिस तरफ मैं खड़ा था उसके दूसरी तरफ शीशी रखी हुई थी। अब मैं जब शीशी उठाने के लिए भाभी के ऊपर झुका तो मेरा लंड भाभी के सिर पर लग गया और मेरी कुहनी भाभी के चूचों से छू कर जाने लगी।
एक दो बार मैंने ऐसा ही किया। अब भाभी की टांगें भी फैलने लगी थीं। शायद भाभी की चुत गीली हो रही थी। मैंने मालिश करना जारी रखा।
फिर जब भाभी से रहा न गया तो उसने पीछे हाथ लाकर मेरे लंड को पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी। भाभी की आंखें बंद थीं।
मुझे भी इसी पल का इंतजार था। मैंने तुरंत भाभी के चूचों को दबाना शुरू कर दिया। अगले ही पल हम दोनों के होंठ एक दूसरे के होंठों से मिले हुए थे। मैं भाभी के चूचों को दबाते हुए उसके होंठों का रस पी रहा था। भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। उसके 36 के चूचे दबाते हुए मुजे गजब का मजा आ रहा था।
फिर भाभी खुद ही उठते हुए अपने ब्लाउज को खोलने लगी। उसकी ब्रा को मैंने झट से आजाद करवा दिया। भाभी ऊपर से नंगी हो गई। मैंने भाभी के स्तनों को मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया। भाभी इतनी गर्म हो गई कि मुझे अपने ऊपर लेकर लेटती चली गई।
नीचे से मैंने भाभी की साड़ी को खोल दिया और उसके पैटीकोट का नाड़ा खोल कर उसे नीचे किया तो उसकी पैंट पर हाथ जा लगा। मैंने पैंटी को हाथ से रगड़ा और भाभी की गीली चुत पर हाथ लगा कर देखा तो वो उभर कर ऊपर अलग से मेरे हाथ में महसूस हो रही थी।
भाभी की चुत चाटी
अब तो हद ही हो गई थी। मैंने तुरंत भाभी की चड्डी को खींच कर भाभी की चुत को नंगी कर दिया और उसकी टांगों को उठा कर उसकी चुत में जीभ लगा दी। भाभी तड़पते हुए मेरे मुंह को अपनी चुत में दबाने लगी। मैं भाभी की चुत में जीभ डाल कर उसे चोदने लगा।
उसके बाद भाभी उठी और मेरे लोअर को निकाल दिया। उसने मेरे कच्छे को भी नीचे खींच दिया और फिर मेरे लंड को सीधा मुंह में भर कर जोर से चूसने लगी। मैं तो आनंद में डूबने लगा। भाभी मेरे लंड को मुंह में लेकर तेजी के साथ चूस रही थी। दो मिनट तक भाभी ने मेरे लंड को चूसा। इस बीच में मैंने टीशर्ट भी उतार दी थी। अब दोनों नंगे थे।
मैंने भाभी की टांगों को फैलाया और उसके थूक से सराबोर हो रहे लंड को उसकी चुत पर टिका दिया। मैंने जोर लगाते हुए भाभी की चुत में लौड़े को घुसा दिया। भाभी ने मुझे बांहों में भर लिया और अपनी चुत को चुदवाने लगी।
दोस्तो मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकता। मैंने भाभी की चुत ठुकाई जारी रखी और पांच मिनट के बाद मेरा वीर्य निकलने को हो गया तो मैंने भाभी से पूछा कि कहां निकालूं तो उसने कहा कि अन्दर मत निकालना।
भाभी के कहने पर मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और उसके पेट पर अपने वीर्य को छोड़ दिया। हम दोनों शांत हो गये। उसके बाद भाभी ने अपने कपड़े वापस से दुरुस्त किये और चली गई। मुझे मजा आ गया उस दिन।
मेरी भाभी दिखने में भले ही साधारण थी लेकिन उसके अंदर सेक्स की आग बहुत थी। उस दिन मैंने इस बात को महसूस किया। एक दिन भईया जब घर पर नहीं थे तो भाभी ने काम के बहाने से मुझे रात को घर पर बुला लिया।
उस दिन मैंने भाभी की चुत में उंगली की तो भाभी बोली- मुझे तेरे लंड चाहिये, उंगली से काम नहीं चलेगा।
उस रात को मैंने भाभी की चुत की ठुकाई लगभग 35 मिनट तक की। फिर तो मैं मौका मिलते ही भाभी की साड़ी को ऊपर उठा कर भाभी की चुत में उंगली कर देता था।
ऐेसे ही एक बार मेरी मां मेरे मामा के यहां पर गई हुई थी। उस दिन घर पर खाना बनाने की जिम्मेदारी भाभी की ही थी। हम दोनों तो बस मौके की तलाश में थे। पापा के लिए नाश्ता बनाने के बाद वो काम पर निकल गये और मैंने किचन में ही भाभी को पकड़ लिया। भाभी की साड़ी उठा कर वहीं पर उसकी कच्छी निकाल दी।
किचन के स्लैब पर भाभी को झुका कर भाभी की चुत मारी। उस दिन मैंने भाभी की चुत में ही अपना माल गिराया। दोस्तो, चुत के अंदर माल गिराने का अलग ही मजा है। भाभी अब अपनी चुत में ही माल गिरवाती थी।
उसके बाद फिर मैं पढ़ाई के लिए बैंगलोर चला गया। वहां से चार साल के बाद वापस आया। वापस आने के बाद मैंने और भाभी ने आते ही ठुकाई शुरू कर दी मगर भाभी के बेटे ने हम दोनों को देख लिया। उसको तो हमने किसी तरह चुप करवा दिया।
मगर सच कभी न कभी सामने आ ही जाता है। ऐसे ही एक दिन मेरी मां ने मुझे और भाभी को रंगे हाथ ठुकाई करते हुए पकड़ लिया तो भाभी ने सारा इल्जाम मेरे सिर पर लगा दिया।
उस दिन के बाद से मेरी और भाभी की लड़ाई हो गई। फिर हम दोनों ने कभी ठुकाई नहीं की। लेकिन मैंने भाभी की चुत को चोद कर खूब मजे लिये। मुझे कई बार दुख होता है कि भाभी ने मेरे साथ सही नहीं किया।
आपकी राय मेरी आपबीती के बारे में क्या है मुझे जरूर बतायें।